NPS vs UPS: रिटायरमेंट के लिए कौन-सी पेंशन योजना है बेहतर?

NPS vs UPS: क्या आप जानते हैं कि NPS और UPS के बीच क्या अंतर है साथ ही इसके क्या फायदे हैं और यह फैसला लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Sonal Girhepunje
Published on: 9 July 2025 5:42 PM IST
NPS vs UPS
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NPS vs UPS (Image Credit-Social Media)

NPS vs UPS: रिटायरमेंट की योजना बनाना हर कर्मचारी के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, खासकर जब बात पेंशन की हो। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सामने अब एक अहम विकल्प है - वे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बने रहें या यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को अपनाएं। सरकार ने इस निर्णय की समय सीमा को बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दिया है। यह एक बार का स्थायी निर्णय होगा, जिसे वापस नहीं बदला जा सकता। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि कर्मचारी पूरी जानकारी और समझदारी के साथ इस फैसले को लें। इस लेख में हम सरल भाषा में NPS और UPS के बीच अंतर, फायदे और यह फैसला लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए - इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

NPS और UPS: क्या हैं मुख्य अंतर?

सिस्टम का स्वरूप और लाभ

NPS एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है जिसमें रिटर्न शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। इसमें रिस्क और रिवॉर्ड दोनों शामिल होते हैं। दूसरी ओर, UPS एक पारंपरिक पेंशन स्कीम है जिसमें रिटायरमेंट के बाद निश्चित मासिक पेंशन मिलती है, जो समय के साथ बढ़ती है। यह ओल्ड पेंशन स्कीम जैसा स्थायित्व प्रदान करती है।

योगदान और सरकारी हिस्सा

NPS में सरकार कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 14% योगदान करती है। जबकि UPS में यह योगदान लगभग 18.5% तक होता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की राशि अधिक हो जाती है।

टैक्स लाभ

दोनों योजनाएं आयकर अधिनियम के तहत टैक्स छूट प्रदान करती हैं। NPS में सेक्शन 80C और 80CCD(1B) के अंतर्गत छूट मिलती है। अब UPS को भी समान टैक्स लाभों में शामिल किया गया है, जिससे यह और भी आकर्षक हो गया है।

ग्रेच्युटी और पेंशन स्थायित्व

UPS में ग्रेच्युटी और परिवार पेंशन जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं, जो NPS में सीमित रूप से उपलब्ध होती हैं। UPS के तहत रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि और तयशुदा मासिक पेंशन मिलती है, जिससे भविष्य की वित्तीय स्थिति अधिक सुरक्षित रहती है।

किसके लिए कौन-सी योजना बेहतर?

UPS उनके लिए बेहतर है

• जो कर्मचारी पेंशन में स्थायित्व और सुरक्षा चाहते हैं।

• जिन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना है।

• जो मासिक सुनिश्चित इनकम को प्राथमिकता देते हैं।

NPS उनके लिए उपयुक्त है

• जो कर्मचारी लंबी अवधि के लिए निवेश करने को तैयार हैं।

• जिन्हें बाजार में रिटर्न की संभावना में विश्वास है।

• जो अधिक जोखिम उठा सकते हैं और ज्यादा रिटर्न की चाह रखते हैं।

निर्णय लेते समय ध्यान देने योग्य बातें

1. निर्णय की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 है। इससे पहले सभी पात्र कर्मचारियों को अपनी पसंद सरकार को बतानी होगी।

2. यह फैसला एक बार का है और स्थायी होगा। UPS को चुनने के बाद NPS में वापस लौटना संभव नहीं है।

3. रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए योजना चुनें - क्या आपको स्थायित्व चाहिए या आप बेहतर रिटर्न के लिए थोड़ा जोखिम उठाने को तैयार हैं?

सारांश

NPS और UPS दोनों योजनाओं के अपने-अपने फायदे हैं। UPS उन कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है जो पेंशन में निश्चितता और पारंपरिक ढांचा चाहते हैं। वहीं NPS उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है जो जोखिम लेने को तैयार हैं और उच्च रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। इस निर्णय से आपका रिटायरमेंट जीवन प्रभावित होगा, इसलिए सोच-समझकर और अपनी आर्थिक ज़रूरतों के अनुसार ही चुनाव करें।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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