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NBFCs & Insurance Set to Rise : FY26 की दूसरी छमाही में चमक सकते हैं NBFC और बीमा सेक्टर- रिपोर्ट

NBFCs & Insurance Set to Rise : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो दर में कटौती करता है, तो इससे इन कंपनियों की फंडिंग लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा।

Sonal Girhepunje
Published on: 9 July 2025 2:09 PM IST
NBFCs & Insurance Set to Rise
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NBFCs & Insurance Set to Rise (Image Credit-Social Media)

NBFCs & Insurance Set to Rise : FY26 की पहली छमाही में NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ) और बीमा सेक्टर का प्रदर्शन थोड़ा धीमा रहा, लेकिन अब इन क्षेत्रों के लिए बेहतर संभावनाएं उभर रही हैं। Emkay Global Financial Services की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी छमाही में नीति सुधार, ब्याज दरों में संभावित कटौती, ग्रामीण मांग में सुधार और मजबूत पूंजी प्रवाह के चलते NBFC और बीमा कंपनियों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है। यह न सिर्फ निवेशकों के लिए अवसर लेकर आएगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

NBFC सेक्टर को मिलेगी नई रफ्तार

NBFCs को दूसरी छमाही में सबसे अधिक लाभ संभावित ब्याज दरों में कटौती से मिल सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो दर में कटौती करता है, तो इससे इन कंपनियों की फंडिंग लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा। साथ ही, माइक्रोफाइनेंस और अनसिक्योर्ड लोन जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में लोन रिकवरी बेहतर हो रही है, जिससे एसेट क्वालिटी में सुधार आ रहा है। इसके अतिरिक्त, टाटा कैपिटल और अवांसे जैसी प्रमुख NBFC कंपनियाँ IPO लाने की तैयारी में हैं, जो इनके पूंजी आधार को और मजबूत बनाएगा। नीतियों में लचीलापन, नियामकीय सहूलियत और ग्रामीण विकास इन कंपनियों को कारोबार बढ़ाने में सहायक होंगे।

बीमा कंपनियों के लिए स्थिति सुधरने की उम्मीद

FY26 की पहली छमाही में बीमा क्षेत्र-खासतौर पर जीवन और सामान्य बीमा-अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया। जीवन बीमा में नए प्रीमियम की दर धीमी रही, वहीं मोटर और स्वास्थ्य बीमा सेगमेंट में भी मांग कमजोर रही। हालांकि, Emkay की रिपोर्ट बताती है कि दूसरी छमाही में इस सेक्टर में सुधार की मजबूत संभावना है। सरकार की योजनाएं, नियामकीय सहयोग और ग्राहकों में बढ़ती जागरूकता इन कंपनियों की ग्रोथ को गति दे सकती हैं। ICRA ने FY26 में सामान्य बीमा प्रीमियम में 8.7% और FY27 में 10.9% तक की वृद्धि का अनुमान जताया है, जो इस सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है।

ग्रामीण मांग और कृषि क्षेत्र से भी मिलेगा समर्थन

FY26 की दूसरी छमाही में मानसून की स्थिति यदि सामान्य रहती है, तो इसका सीधा लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ने से ऋण की मांग में सुधार आएगा, जिसका फायदा NBFC सेक्टर को मिलेगा। साथ ही, बुनियादी ढांचे में हो रहे सरकारी निवेश और रोजगार बढ़ने से भी बीमा उत्पादों की मांग बढ़ सकती है। सरकार की सामाजिक योजनाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा कवरेज बढ़ाने की कोशिशें सेक्टर के विकास में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

निष्कर्ष

FY26 की दूसरी छमाही NBFC और बीमा कंपनियों के लिए बेहतर संभावनाएं लेकर आ रही है। जहां एक ओर ब्याज दरों में कटौती, एसेट क्वालिटी में सुधार और फंडिंग की स्थिति मजबूत हो रही है, वहीं दूसरी ओर बीमा क्षेत्र को नियामकीय प्रोत्साहन और ग्रामीण मांग का सहारा मिलने वाला है। इन हालातों में निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों को इन दोनों क्षेत्रों पर खास नजर रखनी चाहिए, क्योंकि आने वाले महीनों में इनका प्रदर्शन पूरे वित्तीय क्षेत्र को गति दे सकता है।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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