सावधान...! SSC एग्जाम में ये हरकत अभ्यर्थियों को पड़ सकती है भारी, आयोग ने जारी की एडवाइजरी

SSC Issues Advisory: एसएससी सीजीएल 2025 के एग्जाम कल से शुरू होने वाले हैं। आयोग ने सीजीएल और अन्य सभी SSC एग्जाम्स में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को लेकर चेतावनी जारी की है।

Sonal Verma
Published on: 11 Sept 2025 12:53 PM IST
SSC Issues Advisory
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SSC Issues Advisory: स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) आये दिन एग्जाम को लेकर कोई न कोई एडवाइजरी जारी कर रहा है। एसएससी सीजीएल 2025 का एग्जाम 12 सितंबर 2025 से शुरू होने वाला है। इस बीच आयोग ने सीजीएल और अन्य सभी SSC एग्जाम्स में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और धोखाधड़ी को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है। इसमें आधार बायोमैट्रिक को लेकर दी गयी हिदायत भी शामिल है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह अनुचित साधनों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाता है और किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले अभ्यर्थियों पर पब्लिक एग्जामिनेशन्स (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसमें सजा के तौर पर परीक्षा रद्द करने से लेकर वर्तमान और भविष्य की परीक्षाओं से डिबार करना शामिल है।

आधार बायोमैट्रिक जैसे तकनीकी माध्यमों से छेड़-छाड़ पड़ सकती है भारी

स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) ने जारी एडवाइजरी में परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा तकनीकी माध्यमों किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने पर चेतावनी दी है। एसएससी ने उम्मीदवारों को सचेत किया कि परीक्षा के दौरान तकनीकी माध्यमों से यदि कोई गड़बड़ी पकड़ी जाती है तो हो सकता है कि परीक्षा के दौरान परीक्षक उसे बीच में न रोके, ताकि अन्य गंभीर और ईमानदारी से परीक्षा देने वाले छात्रों को परेशानी न हो। लेकिन बाद में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर ऐसे उम्मीदवारों के अंक रद्द कर दिए जाएंगे और उन्हें डिबार किया जाएगा। एसएससी की एडवाइजरी में कहा गया है कि डिबार किए गए उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक की जा चुकी है और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आगे भी इसे प्रकाशित किया जाएगा।

ये हैं परीक्षा में गड़बड़ी के अलग-अलग तरीके और उन्हें पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक

- नोड का रिमोट कंट्रोल- किसी परीक्षा नोड को दूर से नियंत्रित करने की कोशिश का पता लगाने के लिए उन्नत तकनीकी समाधान लगाए गए हैं।

- रजिस्ट्रेशन स्तर पर प्रतिरूपण (इंपर्सोनेशन)- आधार सत्यापन, बायोमैट्रिक और चेहरा पहचान (फेशियल रिकग्निशन) से ऐसे मामलों की पहचान की जा रही है।

- नोड आवंटन के बाद अदला-बदली- इस पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और एआई एनालिटिक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।

- पर्ची पास करना/अनुचित सहायता देना- परीक्षा हॉल में ऐसी गतिविधियों को पकड़ने के लिए सीसीटीवी कैमरे और एआई-आधारित एनालिटिक्स सक्रिय हैं।

अभ्यर्थी इन बातों का रखें ध्यान

- परीक्षा के दौरान किसी अन्य परीक्षार्थी से बात करना या उनकी स्क्रीन देखना सख्त वर्जित है।

- आधार बायोमैट्रिक्स को लॉक न करें, क्योंकि विभिन्न चरणों पर बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य है।

- सभी प्रश्न एक साथ हल करने के इरादे से उत्तर पत्रक (रफ शीट) पर पहले लिखना और बाद में सिस्टम में दर्ज करना, “फास्ट आंसरिंग” माना जाएगा और इसे गड़बड़ी समझा जाएगा।

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