Lucknow University पहुंचे उत्तराखंड के राज्यपाल, संविधान की मूल प्रति देखी, संजीवनी उद्यान की तारीफ में पढ़े कसीदे

Lucknow University: राज्यपाल गुरमीत सिंह टैगोर पुस्तकालय पहुंचे, जहां उनका स्वागत मानद पुस्तकालयाध्यक्ष प्रोफेसर केया पांडेय ने किया। प्रोफेसर केया ने बताया कि राज्यपाल ने एसओयूएल डिजिटल पुस्तकालय प्रणाली, प्राचीन चित्रकृतियों, भारतीय संविधान की मूल प्रति, दुर्लभ पांडुलिपियों और शब्दभेद संग्रह में विशेष रुचि दिखाई।

Ashutosh Tripathi
Published on: 19 July 2025 7:41 PM IST (Updated on: 19 July 2025 7:43 PM IST)
Uttarakhand Governor Lucknow University Visit
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Uttarakhand Governor Lucknow University Visit (Photo: Newstrack)

Lucknow University: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) गुरमीत सिंह ने शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया। उन्होंने टैगोर लाइब्रेरी, रक्षा व रणनीतिक अध्ययन, वनस्पति विज्ञान व प्राणि विज्ञान विभाग का दौरा किया। इसके साथ ही डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, मानद लाइब्रेरियन प्रो. केया पांडेय समेत कई अन्य की मौजूदगी में राज्यपाल ने संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों से संवाद भी किया।


राज्यपाल ने शिक्षकों से बातचीत भी की

कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने बताया कि वनस्पति विज्ञान विभाग में राज्यपाल ने शिक्षकों से बातचीत की। संजीवनी नामक औषधीय उद्यान में जाकर सूर्य की किरणों से प्रेरित अद्वितीय डिजाइन और पुदीना व आर्टिमिसिया जैसी सुगंधित व औषधीय पौधों की विविधता को सराहा। उन्होंने कहा कि मुगल काल में इत्र निर्माण के लिए पौधों की जड़ों से सुगंधित तत्वों का निष्कर्षण किया जाता था, जिनमें कई आज भी उत्तराखंड में उगाए जाते हैं। राज्यपाल ने प्राणी विज्ञान विभाग में संग्रहालय का निरीक्षण किया। उन्होंने एक सींग वाले गैंडे का कंकाल, एशियाई हाथी, 1.5 मीटर लंबा केंचुआ और वीनस फ्लावर बास्केट जैसे दुर्लभ और विविध प्रजातियों के नमूनों की सराहना की। उन्होंने विभाग के 15 शोधार्थियों से बातचीत भी की।


गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति देख माथा टेका

राज्यपाल गुरमीत सिंह जब टैगोर पुस्तकालय पहुंचे, तो उनका स्वागत मानद पुस्तकालयाध्यक्ष प्रोफेसर केया पांडेय ने किया। प्रोफेसर केया ने बताया कि राज्यपाल ने एसओयूएल डिजिटल पुस्तकालय प्रणाली, प्राचीन चित्रकृतियों, भारतीय संविधान की मूल प्रति, दुर्लभ पांडुलिपियों और शब्दभेद संग्रह में विशेष रुचि दिखाई। वह संविधान की आठ मौलिक प्रतियों में जब एक को देखा तो वह भावविभोर हो गए। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को उनके कार्य के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी। प्रोफेसर केया पांडेय के मुताबिक, एक भावनात्मक क्षण तब आया जब उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति देखी। उन्होंने श्रद्धापूर्वक कुछ पंक्तियां पढ़ीं और माथा टेककर उसकी आध्यात्मिक गरिमा को नमन किया।

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Prashant Vinay Dixit

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