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VIDEO VIRAL: डॉक्टर की चेतावनी! 'अगर आप भी खाते हैं ये नमक तो'... बचना है तो आज से ही करें इसे बंद

Pink salt Risk: यह नमक पिंक कलर का होता है और इसमें 80 से ज्यादा मिनरल्स की मौजूदगी का दावा किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या यह नमक आपके शरीर को जरूरी आयोडीन दे रहा है या नहीं?

Ragini Sinha
Published on: 11 July 2025 12:30 PM IST
himalayan pink salt side effects
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himalayan pink salt side effects (Social media)

Pink salt Risk: आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं और हेल्दी ऑप्शन की तलाश में सिंपल टेबल सॉल्ट की जगह हिमालयन पिंक सॉल्ट यानी सेंधा नमक का इस्तेमाल करने लगे हैं। यह नमक पिंक कलर का होता है और इसमें 80 से ज्यादा मिनरल्स की मौजूदगी का दावा किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या यह नमक आपके शरीर को जरूरी आयोडीन दे रहा है या नहीं?

क्या है हिमालयन पिंक सॉल्ट?

हिमालयन पिंक सॉल्ट एक नेचुरल, अनरिफाइंड नमक है जो पाकिस्तान के खेवड़ा खदानों से आता है। इसे सेंधा नमक भी कहा जाता है। यह नमक स्वाद में हल्का होता है और केक, कुकीज जैसी चीजों में इस्तेमाल होता है। इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं, लेकिन इसमें आयोडीन मौजूद नहीं होता।


आयोडीन क्यों है जरूरी?

आयोडीन शरीर के लिए बेहद जरूरी मिनरल है खासतौर पर थायरॉइड ग्रंथि के सही कामकाज के लिए। इसकी कमी से गॉइटर, थकान, हॉर्मोनल गड़बड़ी, वजन बढ़ना और प्रेग्नेंसी में बच्चों की मानसिक वृद्धि रुक सकती है।

डॉक्टर की चेतावनी

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अली काजेमी ने बताया कि भारत में आयोडीन की कमी के मामले बढ़ रहे हैं और इसकी बड़ी वजह है लोगों का टेबल सॉल्ट छोड़कर पिंक सॉल्ट या सी सॉल्ट पर पूरी तरह निर्भर हो जाना।

WHO की रिपोर्ट

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक स्टडी में बताया गया कि भारत, चीन, जर्मनी, इटली, मलेशिया और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में 20,000 से ज्यादा लोगों पर रिसर्च की गई। इसमें पाया गया कि आयोडीन सप्लीमेंट से बीमारियों और मृत्यु दर में बड़ी कमी आती है।

टेबल सॉल्ट और पिंक सॉल्ट में क्या है अंतर

टेबल सॉल्ट और पिंक सॉल्ट में कुछ अहम अंतर होते हैं। टेबल सॉल्ट में आयोडीन मिलाया जाता है, जो थायरॉइड की बीमारी से बचाव में मदद करता है, जबकि पिंक सॉल्ट में आयोडीन नहीं होता। पिंक सॉल्ट में 80 से ज्यादा मिनरल्स होते हैं, लेकिन बहुत कम मात्रा में। स्वाद के मामले में टेबल सॉल्ट ज्यादा नमकीन होता है, जबकि पिंक सॉल्ट हल्का लगता है। वैज्ञानिक रूप से भी पिंक सॉल्ट के फायदों के प्रमाण सीमित हैं।


आयोडीन के प्राकृतिक स्रोत

आयोडीन हमारे शरीर के लिए जरूरी मिनरल है, जिसे हम कुछ प्राकृतिक स्रोतों से आसानी से पा सकते हैं। आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत आयोडाइज्ड टेबल सॉल्ट है, जिसे रोजाना भोजन में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, समुद्री मछली जैसे ट्यूना और सैल्मन भी आयोडीन से भरपूर होती हैं। दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स भी अच्छे स्रोत हैं। साथ ही, समुद्री वनस्पति यानी सीवीड में भी आयोडीन की मात्रा काफी होती है।

क्या करना चाहिए?

अगर आप पिंक सॉल्ट इस्तेमाल कर रहे हैं, तो टेबल सॉल्ट को पूरी तरह से न छोड़ें। खाने में थोड़ी मात्रा में आयोडाइज्ड नमक जरूर शामिल करें। अगर आपको थायरॉइड या हॉर्मोन से जुड़ी कोई समस्या है, तो पिंक सॉल्ट का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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