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Mystery Of Blood Group: क्या आपका ब्लड ग्रुप तय करता है आपकी सोच और स्वभाव? जानिए जापान और कोरिया की मशहूर पर्सनैलिटी थ्योरी के बारे में

Mystery Of Blood Group: हालांकि ब्लड ग्रुप और व्यक्तित्व के बीच संबंध का विचार लोकप्रिय है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है...

Shivani Jawanjal
Published on: 4 July 2025 4:30 PM IST
Mystery Of Blood Group
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Mystery Of Blood Group

Mystery Of Blood Group: रक्त का रंग भले ही सभी का एक जैसा लाल होता है, लेकिन उसका प्रकार यानी ब्लड ग्रुप हर इंसान की तरह विशिष्ट होता है। यह केवल चिकित्सा या रक्तदान तक सीमित जानकारी नहीं है, बल्कि कई संस्कृतियों में इसे व्यक्ति की सोच, व्यवहार, संबंधों और जीवनशैली तक से जोड़ा जाता है। जिस तरह भारत में राशिफल, हस्तरेखा और ज्योतिष के ज़रिए व्यक्तित्व का आकलन किया जाता है, उसी तरह जापान, कोरिया और कुछ अन्य एशियाई देशों में ब्लड ग्रुप को भी इंसान की फितरत, पसंद, करियर चॉइस और यहां तक कि रिश्तों की अनुकूलता का दर्पण माना जाता है। इन देशों में यह अवधारणा इतनी प्रचलित है कि लोग डेटिंग से लेकर शादी और नौकरी तक के फैसले ब्लड ग्रुप के आधार पर लेते हैं।

तो आइए जानते हैं आपका ब्लड ग्रुप आपके स्वभाव और व्यक्तित्व के बारे में क्या कहता है।

यह अवधारणा शुरू कहां से हुई?


जापान में इस अवधारणा को 'क्येत्सुकी-गाकु' (Ketsueki-gata) कहा जाता है और यह वहां की पॉप संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। ब्लड टाइप पर्सनैलिटी थ्योरी की शुरुआत जापान में 1927 में प्रोफेसर टेकेजी फुरुकावा द्वारा की गई थी। उन्होंने एक शोध पत्र में ब्लड ग्रुप और व्यक्तित्व के बीच संभावित संबंध का उल्लेख किया जिसे एक मनोवैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किया गया। हालांकि यह विचार शुरुआत में कुछ लोगों को रोचक लगा लेकिन वैज्ञानिक समुदाय ने इसे आधारहीन मानते हुए 1930 के दशक में पूरी तरह खारिज कर दिया। वर्षों बाद 1970 और 1980 के दशक में पत्रकार मासाहिको नोमी ने इस थ्योरी को फिर से लोकप्रियता दिलाई। नोमी ने ब्लड ग्रुप के आधार पर व्यक्तित्व और आपसी मेल-जोल को केंद्र में रखकर कई पुस्तकें प्रकाशित कीं, जो आम जनता में बेहद लोकप्रिय रहीं। भले ही उनके दावों को वैज्ञानिक प्रमाण न मिले हों फिर भी उनके विचारों ने जापान सहित कई एशियाई देशों में इस धारणा को सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक चर्चा का विषय बना दिया। आज भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस थ्योरी को प्सूडोसाइंस यानी छद्मविज्ञान माना जाता है लेकिन आम जनमानस में इसकी लोकप्रियता बरकरार है।

ब्लड ग्रुप कितने प्रकार के होते हैं?


मानव शरीर में रक्त को चार प्रमुख समूहों A, B, AB और O में वर्गीकृत किया जाता है। हर ब्लड ग्रुप में एक अतिरिक्त तत्व होता है जिसे Rh फैक्टर कहा जाता है जो या तो सकारात्मक (+) होता है या नकारात्मक (–)। इसी Rh फैक्टर की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर चार मुख्य रक्त समूह को A+, A–, B+, B–, AB+, AB–, O+, और O– जैसे कुल आठ प्रकारों में विभाजित किया जाता हैं । यह वर्गीकरण चिकित्सा विज्ञान के लिए अत्यंत आवश्यक है खासकर रक्तदान, सर्जरी या किसी आपात स्थिति में सही रक्त मिलान के लिए। हालांकि कुछ संस्कृतियों जैसे जापान और कोरिया में ब्लड ग्रुप को व्यक्ति के व्यक्तित्व, व्यवहार, यहां तक कि रिश्तों की अनुकूलता से भी जोड़ा जाता है। हालांकि इस अवधारणा को अब तक कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं मिली है, फिर भी यह आम लोगों के बीच काफी प्रचलित है और कई इसे एक दिलचस्प सामाजिक सोच या परंपरा के रूप में अपनाते हैं।

A Blood Group - अनुशासन प्रिय और संवेदनशील

A ब्लड ग्रुप वाले लोग स्वभाव से शांत, संवेदनशील और गंभीर होते हैं। वे जिम्मेदारी उठाने में भरोसेमंद माने जाते हैं और अनुशासन में रहकर काम करना पसंद करते हैं। ऐसे लोग हर कार्य को सोच-समझकर और योजनाबद्ध तरीके से करते हैं जिससे उनके भीतर की संगठनात्मक क्षमता साफ झलकती है। हालांकि इनमें नेतृत्व की क्षमता होती है। लेकिन ये खुद को लाइमलाइट में लाने के बजाय पर्दे के पीछे से काम करना ज़्यादा पसंद करते हैं। A ग्रुप के लोग अपनी भावनाएं खुलकर नहीं जताते और अक्सर उन्हें भीतर ही दबा लेते हैं। यही प्रवृत्ति कभी-कभी उन्हें ओवरथिंकिंग और तनाव का शिकार भी बना देती है। उन्हें अस्वीकार या नकारात्मकता सहना मुश्किल लगता है। रिश्तों में ये बेहद वफादार और स्थायी स्वभाव के होते हैं लेकिन भावनात्मक अभिव्यक्ति में थोड़े संकोची होते हैं।

B Blood Group - रचनात्मक और स्वतंत्र विचारक

B ब्लड ग्रुप से जुड़ी कई रोचक बातें जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की लोकप्रिय सांस्कृतिक मान्यताओं में देखने को मिलती हैं। वहां B ग्रुप वाले लोगों को आमतौर पर रचनात्मक, स्वतंत्र विचारों वाले, जुनूनी और कभी-कभी स्वार्थी तक माना जाता है। इन गुणों का उल्लेख टीवी शो, किताबों और सामाजिक चर्चाओं में बार-बार होता है जिससे यह धारणा और भी मजबूत होती गई है। हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो अब तक कोई भी ठोस शोध ऐसा नहीं पाया गया है जो ब्लड ग्रुप और व्यक्तित्व के बीच सीधा और प्रमाणित संबंध स्थापित कर सके। फिर भी इन विश्वासों ने समाज में लोगों की सोच और आपसी रिश्तों पर दिलचस्प प्रभाव डाला है।

AB Blood Group - रहस्यमयी और संतुलित

AB ब्लड ग्रुप वाले लोग अपने व्यक्तित्व में रहस्य और संतुलन का अनोखा संगम लेकर चलते हैं। ये शांत और संयमी होते हैं, लेकिन भीतर से काफी जटिल और गहराई वाले विचारक होते हैं। इनकी सोच मल्टी-डायमेंशनल होती है कभी ये पूरी तरह तार्किक नजर आते हैं, तो कभी भावनाओं में बहते हुए दिखते हैं। इसी संतुलन के कारण ये अक्सर समाज में विचारशील सलाहकार या गूढ़ चिंतक की भूमिका निभाते हैं। हालांकि इनकी एक जटिलता यह भी होती है कि ये न तो पूरी तरह खुलते हैं, न ही खुद को पूरी तरह छुपाते हैं, जिससे इन्हें समझ पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। रिश्तों में ये आकर्षक और विशेष प्रेमी होते हैं लेकिन इनके भावनात्मक पहलुओं को समझना हर किसी के लिए आसान नहीं होता।

O Blood Group - जन्मजात लीडर और सामाजिक सितारे

O ब्लड ग्रुप वाले लोग अक्सर आत्मविश्वास से भरे, ऊर्जावान और जन्मजात लीडर माने जाते हैं। ये जहां भी होते हैं वहां अपनी मौजूदगी से माहौल को प्रेरणादायक बना देते हैं। टीम वर्क में ये बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं और अपने खुले विचारों और उदार व्यवहार से दूसरों को सहज महसूस कराते हैं। ये लोग कभी हार नहीं मानते और हर बार नई ऊर्जा से प्रयास करते हैं जिससे उनका आत्मबल दूसरों को भी प्रभावित करता है। हालांकि कभी-कभी ये दूसरों की भावनाओं को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं या जरूरत से ज्यादा आत्मकेंद्रित हो सकते हैं। इनका 'हर हाल में जीत' वाला रवैया कभी-कभी टकराव भी पैदा कर सकता है। रिश्तों में ये वफादार होते हैं और अपने प्रियजनों की सुरक्षा और भलाई को प्राथमिकता देते हैं लेकिन इनका डॉमिनेंट स्वभाव कभी-कभी रिश्तों में असंतुलन ला सकता है।

जापानी समाज में इसका प्रभाव


जापान में ब्लड ग्रुप न केवल व्यक्तित्व से जोड़ा जाता है बल्कि यह रिश्तों, करियर और यहां तक कि मनोरंजन की दुनिया में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहां के डेटिंग ऐप्स, विवाह एजेंसियां और प्रेम से जुड़ी पत्रिकाएं अक्सर ब्लड ग्रुप के आधार पर कपल की अनुकूलता का विश्लेषण करती हैं। उदाहरण के तौर पर A और AB को एक अच्छा संयोजन माना जाता है जबकि B और O को अलग सोच वाला जोड़ा कहा जाता है। इसी तरह कुछ जापानी कंपनियां भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवार का ब्लड ग्रुप पूछती हैं ताकि उनकी कार्यशैली, टीम में फिट बैठने की क्षमता और व्यवहार को समझा जा सके। A ग्रुप वाले जिम्मेदार माने जाते हैं, B वाले स्वतंत्र और रचनात्मक, O वाले लीडरशिप में माहिर और AB वाले संतुलित व बहुआयामी। इतना ही नहीं, जापान में ब्लड ग्रुप आधारित डेली हॉरोस्कोप भी छपते हैं ठीक वैसा ही जैसे भारत में राशिफल पढ़ा जाता है। टीवी शोज, अखबार, पत्रिकाएं और यहां तक कि सेलिब्रिटी प्रोफाइल्स में भी ब्लड ग्रुप की जानकारी आम बात है जो इसे वहां की पॉप संस्कृति का अहम हिस्सा बनाती है।

दक्षिण कोरिया में क्या चलन है?

दक्षिण कोरिया में ब्लड टाइप और व्यक्तित्व के बीच संबंध की धारणा बेहद लोकप्रिय है विशेषकर युवाओं के बीच। यह विचार सिर्फ आपसी बातचीत तक सीमित नहीं है बल्कि कोरियन पॉप कल्चर जैसे ड्रामा, फिल्मों और रियलिटी शोज़ में भी गहराई से जुड़ा हुआ है। 'My Boyfriend is Type B' जैसी फिल्मों ने इस अवधारणा को मनोरंजन के ज़रिए आम दर्शकों तक पहुंचाया है। कोरियन समाज में आमतौर पर A टाइप को शर्मीला और ईमानदार, B टाइप को जुनूनी लेकिन अस्थिर, AB टाइप को रहस्यमयी और गंभीर और O टाइप को मिलनसार व आत्मविश्वासी माना जाता है। डेटिंग और दोस्ती से लेकर करियर चॉइस तक ब्लड ग्रुप कम्पैटिबिलिटी युवाओं के बीच एक सामान्य और चहेता चर्चा का विषय है, जिससे यह धारणा वहां की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन चुकी है।

अन्य एशियाई देशों में

ताइवान और थाईलैंड जैसे देशों में ब्लड ग्रुप के आधार पर व्यक्तित्व और संगति की अवधारणा युवाओं के बीच धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है। हालांकि यह विचार जापान और कोरिया की तरह गहराई से समाज में नहीं समाया है। फिर भी पॉप कल्चर, सोशल मीडिया और कुछ डेटिंग ऐप्स के माध्यम से यह ट्रेंडिंग टॉपिक बनता जा रहा है। ताइवान की आधुनिक संस्कृति पर जापानी और कोरियन प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है जिसने इस धारणा को वहां भी फैलाया है। वहीं, चीन में यह विचार अपेक्षाकृत नया और सीमित है। पारंपरिक चीनी संस्कृति में ब्लड ग्रुप पर्सनैलिटी थ्योरी का कोई ऐतिहासिक या सांस्कृतिक आधार नहीं रहा है। लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया के दौर में यह विषय युवाओं के बीच ट्रेंड के रूप में उभरने लगा है, खासकर मनोरंजन और संवाद के संदर्भ में।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ब्लड ग्रुप का महत्व

रक्त को केवल शरीर में बहने वाला तरल नहीं, बल्कि जीवन की ऊर्जा के रूप में देखा जाना कई परंपराओं में पाया जाता है। आयुर्वेद, तंत्र, योग और अन्य आध्यात्मिक पथों में रक्त को प्राण या जीवनी शक्ति का वाहक माना गया है। आधुनिक नव-आध्यात्मिक विचारधाराओं में तो ब्लड ग्रुप को व्यक्ति के कर्म, प्रकृति या पिछले जन्मों से भी जोड़ा जाता है । इसी तरह, कुछ वैकल्पिक आध्यात्मिक लेखों में ब्लड ग्रुप्स को पंचतत्वों से जोड़ने की कोशिश की गई है। जैसे O को अग्नि, A को जल, B को वायु और AB को आकाश तत्व से संबंधित बताया गया है। हालांकि यह वर्गीकरण आधुनिक समय में कुछ लेखकों या आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा प्रस्तुत निजी व्याख्याओं पर आधारित है।

आलोचना और विवाद

जापान और कोरिया जैसे देशों में ब्लड ग्रुप को लेकर बना व्यक्तित्व सिद्धांत जहां एक ओर दिलचस्प लगता है वहीं दूसरी ओर यह भेदभाव और मानसिक दबाव का कारण भी बन सकता है। इन देशों में 'ब्लड हैरेसमेंट' या 'Bura-Hara' जैसी समस्याएं सामने आई हैं जहां विशेष रूप से B टाइप ब्लड ग्रुप वाले लोगों को 'स्वार्थी' या 'अविश्वसनीय' जैसे नकारात्मक स्टीरियोटाइप्स से जोड़ा जाता है। यह भेदभाव स्कूलों, ऑफिसों और सामाजिक रिश्तों में लोगों को मानसिक तनाव, सामाजिक अलगाव और आत्मविश्वास की कमी जैसे प्रभावों का सामना करने पर मजबूर कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ब्लड ग्रुप आधारित स्टीरियोटाइपिंग व्यक्ति की असली क्षमताओं और विविधताओं को नजरअंदाज करती है। जिससे लोग अपनी पहचान और संभावनाओं को सीमित समझने लगते हैं,और समाज में पूर्वाग्रह गहराता है।

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