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भाग्यशाली या अभाग्यशाली! Air India हादसे में एकलौते जिंदा बचे युवक की अब कैसी है जिंदगी?
Air India crash survivor: एयर इंडिया फ्लाइट हादसे में 242 में से सिर्फ विश्वासकुमार रमेश जिंदा बचे थे। इस दर्दनाक हादसे ने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी।
Air India crash survivor: इस साल 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट हादसे से सबको झकझोर दिया। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर उड़ान भरते ही टेकऑफ के कुछ सेकेंड के बाद नीचे गिर गया और बड़ा हादसा हो गया। इस पूरे हादसे में एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई, वह थी 242 यात्रियों में से बस एक व्यक्ति का जिंदा बचना। इस व्यक्ति का नाम विश्वासकुमार रमेश है। उस वक्त सब यही कह रहे थे कि विश्वासकुमार काफी भाग्यशाली और किस्मत वाले हैं, क्योंकि वह एकलौते थे, जो इस भयंकर हादसे में जिंदा बच गए। हादसे के इतने महीनों बाद एक बार फिर विश्वासकुमार चर्चा में हैं, जिसके बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या वाकई दूसरी जिंदगी पाकर वो खुश हैं?
चमत्कार या दर्द का दूसरा नाम
दुनिया ने विश्वासकुमार के जिंदा बचने को ‘चमत्कार’ कहा, लेकिन उनके लिए यह एक ऐसा जख्म बन गया है, जो कभी नहीं भर सकता। उन्होंने हादसे में अपने भाई अजयकुमार को खो दिया। वही भाई जो उनके बिजनेस पार्टनर, दोस्त और सहारा थे। अब विश्वासकुमार लंदन में जीवित तो हैं, लेकिन अंदर से बिखरे हुए हैं। विश्वासकुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जब मैं उठा, मेरे चारों ओर सिर्फ लाशें थीं। मैं बस अपने भाई को ढूंढ रहा था।” हादसे के बाद अस्पताल में भर्ती विश्वासकुमार के शरीर पर जलन और चोटों के निशान तो हैं ही, लेकिन उनके मन पर जो घाव हैं, वो कहीं गहरे हैं।
“अब कुछ करने की इच्छा नहीं रहती”
विश्वासकुमार की जिंदगी अब एक सन्नाटा बन चुकी है। वो कहते हैं, “मैं बस कमरे में बैठा रहता हूं। कुछ करने का मन नहीं करता। मेरे लिए दुनिया रुक गई है।” उनकी आवाज में ठहराव नहीं, टूटन थी। वे अब शायद ही घर से बाहर निकलते हैं। पत्नी और चार साल के बेटे दिवांग के साथ ब्रिटेन के लेस्टर में रहते हैं, मगर अब बातचीत भी मुश्किल हो गई है। उन्होंने बताया, “दिवांग कमरे में आता है, पर मैं उससे ठीक से बात नहीं कर पाता।”
शरीर टूटा, कारोबार बिखरा
इस हादसे ने विश्वासकुमार को सिर्फ मानसिक ही नहीं, आर्थिक रूप से भी झकझोर दिया है। उनके और भाई अजयकुमार का भारत में मछली पालन का कारोबार था, जिसमें उन्होंने अपनी पूरी बचत लगा दी थी। लेकिन अब सब खत्म हो गया। उनके करीबी संजीव पटेल और सलाहकार रैड सिगर बताते हैं, “विश्वासकुमार के पास अब कोई स्थायी आय नहीं है। उनके पास अपने बेटे के लिए जरूरी खर्च तक की चिंता है।”
एयर इंडिया की मदद और उम्मीद
एयर इंडिया ने विश्वासकुमार को लगभग 21.9 लाख रुपये (21,500 यूरो) की अंतरिम राहत दी है, लेकिन परिवार इसे बहुत कम मानता है। पटेल और सिगर का कहना है, “यह रकम तो उनके घावों के सामने कुछ भी नहीं। उन्हें मानसिक सहायता, चिकित्सा और आर्थिक स्थिरता की जरूरत है।” एयर इंडिया और टाटा ग्रुप ने बयान जारी कर कहा, “हम विश्वासकुमार और सभी प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदनशील हैं और हर संभव मदद देंगे।” फिलहाल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी परिवारों से लगातार संपर्क में हैं।
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