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Delhi animal rights protest: दिल्ली में डॉगी ड्रामा! SC के आदेश पर भड़की सियासत, इंडिया गेट पर छिड़ा सड़क से संसद तक का संग्राम
Delhi animal rights protest: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाकर आश्रय स्थलों में रखने के आदेश के खिलाफ पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है।
Delhi animal rights protest: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाकर आश्रय स्थलों में रखने के आदेश के खिलाफ पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को सैकड़ों कार्यकर्ता इस आदेश के विरोध में इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शन को खत्म करवाया और कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR भी दर्ज की। यह मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपनी राय रखी है।
विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद जब कार्यकर्ता इंडिया गेट पर जुटे तो पुलिस ने उन्हें हटा दिया और प्रदर्शन में शामिल होने वाले कई लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की। पुलिस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना उनकी जिम्मेदारी है जबकि कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह फैसला अमानवीय है और इसमें जानवरों के प्रति क्रूरता झलकती है।
राहुल-प्रियंका गांधी ने की आलोचना
इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश दशकों पुरानी मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से दूर है।" उन्होंने इस आदेश को "क्रूर अदूरदर्शी और करुणा रहित" बताया। राहुल गांधी ने कहा कि हम आम लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ पशु कल्याण को भी जारी रख सकते हैं।
उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कुत्ते "सबसे खूबसूरत प्राणी हैं और वे ऐसी क्रूरता के लायक नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी आवारा कुत्तों को कुछ ही हफ्तों में आश्रय गृहों में ले जाना अमानवीय होगा क्योंकि उन्हें रखने के लिए पर्याप्त आश्रय गृह भी नहीं हैं। इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार एक अच्छी योजना बनाकर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करेगी। यह मामला अब एक कानूनी सामाजिक और राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है जिस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
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