ED के रेड से घबराए TMC MLA, फिल्मी अंदाज में दीवार फांदकर नाले में कूदे, जानिए कैसे हुए अरेस्ट

ED raid on TMC MLA: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में TMC विधायक जीवन कृष्ण साहा की गिरफ्तारी फिल्मी अंदाज़ में हुई। ED की छापेमारी से बचने के लिए साहा दीवार फांदकर नाले में कूद गए और फोन फेंक दिए, लेकिन आखिरकार ED ने उन्हें पकड़ लिया।

Harsh Srivastava
Published on: 25 Aug 2025 5:01 PM IST
ED के रेड से घबराए TMC MLA, फिल्मी अंदाज में दीवार फांदकर नाले में कूदे, जानिए कैसे हुए अरेस्ट
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ED raid on TMC MLA: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की आंच अब सत्ता के गलियारों तक पहुँच चुकी है। एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने पूरे देश को चौंका दिया है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक विधायक को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी का तरीका किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं था। मुर्शिदाबाद के बुरवान विधानसभा क्षेत्र से TMC विधायक जीवन कृष्ण साहा ने ED की छापेमारी से बचने के लिए जो कुछ किया, वह हैरान कर देने वाला है।

दीवार फांदकर भागने की कोशिश, नाले में फेंके फोन

ED की टीम जब विधायक जीवन कृष्ण साहा के मुर्शिदाबाद स्थित आवास पर पहुँची, तो उन्हें देखकर विधायक ने भागने की कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक, साहा ने अपने घर की दीवार फांदी और पास के एक नाले में कूद गए। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने दो मोबाइल फोन भी नाले में फेंक दिए, ताकि जांच एजेंसियां उनके फोन से कोई सबूत न जुटा सकें। लेकिन ED के अधिकारी भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया और आखिर में विधायक को नाले से भीगते हुए बाहर निकाला। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में विधायक भीगी हुई हालत में दिख रहे हैं, जिन्हें ED और CRPF के अधिकारी घेरे हुए हैं। यह दृश्य किसी क्राइम शो के क्लाइमेक्स जैसा लग रहा था। नाले में फेंके गए दोनों फोन भी बाद में अधिकारियों ने बरामद कर लिए।

PMLA के तहत गिरफ्तारी, सहयोग न करने का आरोप

ED के सूत्रों ने बताया कि जीवन कृष्ण साहा को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन पर जांच में सहयोग न करने का आरोप है। यह गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल में चल रहे शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच का ही हिस्सा है, जिसमें कई बड़े नाम पहले ही सामने आ चुके हैं। ED ने विधायक के कुछ रिश्तेदारों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है।

गौरतलब है कि साहा को 2023 में इसी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए CBI ने भी गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। ED का मामला CBI द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया था।

पहले भी हो चुकी हैं बड़ी गिरफ्तारियां

यह पहला मौका नहीं है जब इस घोटाले में किसी बड़े राजनीतिक चेहरे की गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले, ED ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया था। इनके आवासों से करोड़ों रुपए की नकदी और गहने बरामद हुए थे, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। TMC ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार होने के बाद पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसके अलावा, तृणमूल विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य सहित कुछ अन्य लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ED की जाँच की आंच लगातार तेज हो रही है और इसकी चपेट में कई बड़े नाम आ रहे हैं। इस घटना ने न सिर्फ पश्चिम बंगाल की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सत्ता की पहुँच कानून के शिकंजे से बचा सकती है। फिलहाल, जीवन कृष्ण साहा की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की उम्मीद है।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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