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नाथूराम गोडसे सच्चे देशभक्त... कहने वाली BJP की पूर्व सांसद अपने 'बड़े केस' से बरी, पढ़ें विवादों से भरा राजनीतिक सफर!
Pragya Thakur Political Career: प्रज्ञा ठाकुर, जिन्होंने मालेगांव बम धमाके में प्रमुख आरोपी होने का सामना किया, हाल ही में एनआईए कोर्ट से बरी हो गईं। जानें उनके राजनीतिक सफर, विवादों और कैंसर से जूझने की पूरी कहानी।
Pragya Thakur Political Career: प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम मालेगांव बम धमाके के मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में सामने आया था, जिसने उनके राजनीतिक जीवन को हमेशा विवादों के घेरे में रखा। 2008 में मालेगांव में हुए इस धमाके में छह लोगों की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। अब, 17 साल बाद, एनआईए कोर्ट ने उन्हें और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया, जिससे उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही पर सवाल उठे हैं।
मालेगांव धमाके में प्रज्ञा ठाकुर का आरोप
29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भिक्कू चौक पर हुए धमाके में छह लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। धमाके के बाद पुलिस ने कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनमें प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम भी शामिल था। आरोप था कि प्रज्ञा ने इस आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकारियों को मदद की थी और धमाके में उनकी मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था। प्रज्ञा को आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जुलाई 2009 में कुछ आरोपों को हटा लिया गया और अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। इसके बाद भी मालेगांव धमाका उनके राजनीतिक जीवन से जुड़ा रहा और यह हमेशा चर्चा का विषय बना।
राजनीति में प्रज्ञा का सफर
प्रज्ञा ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1970 को मध्य प्रदेश के भिंड जिले में हुआ था। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी थीं और उनकी राजनीति में रुचि धीरे-धीरे बढ़ी। 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने भाजपा से भोपाल सीट से चुनाव लड़ा और दिग्विजय सिंह को हराकर भारी बहुमत से जीत हासिल की। इस चुनावी सफर के दौरान, प्रज्ञा ठाकुर ने कई विवादास्पद बयान दिए, जिनमें नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने और हेमंत करकरे के बारे में विवादित बयान शामिल थे। इन बयानों के कारण उन्हें सोशल मीडिया और विपक्षी दलों से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। और बीजेपी ने उन्हें अपनी सर्वदलीय बैठक से भी बाहर कर दिया था।
कैंसर से जूझना
प्रज्ञा ठाकुर ने 2008 में स्तन कैंसर का इलाज कराया था। उन्होंने इसके इलाज के लिए द्विपक्षीय मास्टेक्टॉमी करवाई थी। हालांकि, उन्होंने दावा किया था कि गोमूत्र और पंचगव्य का सेवन करने से उनका कैंसर ठीक हो गया, जिस पर उन्हें कड़ी आलोचना मिली।
मालेगांव धमाके में राहत
एनआईए कोर्ट ने आज मालेगांव बम धमाके मामले में अपना फैसला सुनाते हुए प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं थे, इसलिए उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया गया। यह फैसला उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका था, जो उन्हें दोषी मानते थे और इस मामले में न्याय की उम्मीद लगाए बैठे थे।
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