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‘सरकारी व्यवस्था निकम्मी है, मुफ्तखोरी बंद हो…’नितिन गडकरी का सिस्टम पर करारा प्रहार
फ्री की योजनाओं पर तंज कसते हुए गडकरी ने कहा, "मैं राजनीति में हूं और यहां तो जैसे मुफ्त का मेला लगा है, लोगों को हर चीज बिना कीमत चुकाए चाहिए।"
Union Minister Gadkari Gadkari (Social Media)
Nitin Gadkati News: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान सरकारी सिस्टम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उसे 'निकम्मा' और 'अप्रभावी' करार दिया। उन्होंने साफ कहा कि सरकारी एजेंसियां जनता के काम को रोकने और अटकाने का काम करती हैं, जिससे विकास की रफ्तार थमती है।
उन्होंने साफ कहा, चाहे नागपुर नगर निगम हो, NIT हो या अन्य सरकारी एजेंसियां, ये सभी केवल चलती गाड़ी को पंक्चर करने जैसा काम करती हैं। ये विकास कार्यों में सहयोग करने की बजाय रुकावटें पैदा करती हैं।
सरकारी सिस्टम को बताया बेकार
गडकरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें अब समझ आ गया है कि सरकारी सिस्टम कितनी अप्रभावी और निकम्मी होती है। सरकार से कोई बड़ा काम निकलवाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए हमें अब काम करने के लिए वैकल्पिक मॉडल ढूंढने होंगे।
फ्री की योजनाएं नहीं सिखाती जिम्मेदारी
राजनीति में मुफ्त योजनाओं की बढ़ती संस्कृति पर भी गडकरी ने सीधा वार किया। उन्होंने कहा, यहां तो फोकट का बाजार लगा है। हर कोई सब कुछ मुफ्त में चाहता है। लेकिन जब तक लोग भुगतान नहीं करेंगे, तब तक उन्हें चीजों की कद्र नहीं होगी।
नागपुर में 300 स्टेडियम बनाने की योजना
गडकरी ने कहा कि उनकी योजना है कि नागपुर में 300 मल्टीपर्पज स्टेडियम बनाए जाएं। लेकिन यह काम सरकारी मॉडल पर नहीं, बल्कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत किया जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दुबई में एक निजी ऑपरेटर ने जिस तरह से स्टेडियम का प्रबंधन किया, उसी तरह की परियोजना नागपुर में भी शुरू की जाएगी। सरकार जमीन, पानी और मूलभूत ढांचा देगी, लेकिन संचालन और रखरखाव निजी संस्था करेगी।
गडकरी ने यह भी कहा कि जो युवा खेलों में भाग लेंगे उनसे नाममात्र की फीस ली जाएगी, ताकि उनमें जिम्मेदारी आए और वे सुविधाओं का दुरुपयोग न करें। मुफ्त सेवा की कभी इज्जत नहीं होती। जब लोग पैसे देते हैं, तो वे चीजों को सीरियसली लेते हैं।
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