आज होगी 'GST काउंसिल' की बैठक, आम आदमी को होगा फायदा, कई जरुरी चीज़े होंगी सस्ती

GST काउंसिल की बैठक में 12% और 28% स्लैब हटकर 5% और 18% होंगी, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा फायदा।

Harsh Srivastava
Published on: 3 Sept 2025 7:08 AM IST
आज होगी GST काउंसिल की बैठक, आम आदमी को होगा फायदा, कई जरुरी चीज़े होंगी सस्ती
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GST Council Meeting: भारत की सबसे बड़ी कर क्रांति, जीएसटी, में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार बुधवार से शुरू हो रही दो दिवसीय जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक 'अगली पीढ़ी' के सुधार प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत मौजूदा 12% और 28% के टैक्स स्लैब को खत्म कर सिर्फ 5% और 18% के दो स्लैब रखे जाएंगे, जिससे रोजमर्रा की कई चीजें सस्ती हो सकती हैं। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में किए गए ऐलान के बाद उठाया गया है।

क्या है 'अगली पीढ़ी' का प्रस्ताव?

प्रस्तावित सुधारों का मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और आम आदमी को राहत देना है। वर्तमान में, जीएसटी की चार मुख्य दरें हैं: 5%, 12%, 18% और 28%। नए प्रस्ताव के अनुसार, 12% और 28% के स्लैब को हटा दिया जाएगा। 12% वाली ज्यादातर चीजें 5% के स्लैब में आ जाएंगी, और 28% वाली चीजें 18% के स्लैब में। इसके अलावा, कुछ चुनिंदा 'अवगुण' वाली वस्तुओं (जैसे तंबाकू और सिगरेट) पर 40% की एक विशेष दर लागू होगी। इस बदलाव से उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर फायदा होगा, क्योंकि इससे कई वस्तुओं की कीमतें कम होंगी।

क्या सस्ता होगा? आम आदमी को मिलेगा फायदा

इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा आम इस्तेमाल की वस्तुओं को होगा। सूत्रों के अनुसार, घी, मेवे, पीने का पानी (20 लीटर), नमकीन, कुछ जूते और परिधान, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसी चीजें जो अभी 12% के स्लैब में हैं, वे 5% के स्लैब में आ जाएंगी। इसके अलावा, पेंसिल, साइकिल, छाते और हेयर पिन जैसी रोजमर्रा की चीजें भी सस्ती होंगी। कुछ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, जैसे कि कुछ श्रेणी के टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर, जो अभी 28% पर हैं, वे 18% के स्लैब में आ सकती हैं, जिससे उनकी कीमतें भी कम होंगी।

क्या महंगा होगा? लग्जरी और 'अवगुण' वाली चीजें

इस बदलाव का असर कुछ चीजों पर नकारात्मक भी होगा। हालांकि, यह उन वस्तुओं पर लागू होगा जिन्हें 'लग्जरी' या 'अवगुण' वाली श्रेणी में रखा गया है। एसयूवी और लक्जरी कारों पर 40% की विशेष दर लागू होगी, जबकि शुरुआती स्तर की कारों पर 18% का टैक्स लगेगा। इसके अलावा, तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट जैसी चीजों पर 40% की विशेष दर और उस पर एक अतिरिक्त कर भी लगाया जा सकता है।

राजस्व का मुद्दा: विपक्षी राज्यों की चिंता

इस बदलाव के कारण राज्यों के राजस्व पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को लेकर भी बहस जारी है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य, जैसे पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना, इस बदलाव के कारण राजस्व में होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं। इन राज्यों ने मांग की है कि 40% की दर के ऊपर लगाया गया कोई भी अतिरिक्त कर राज्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए।

इस प्रस्ताव पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा होगी। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता व्यवहार में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और राज्य इस पर कैसे सहमत होते हैं, और क्या यह बदलाव भारतीय कर प्रणाली को और भी सरल और कुशल बना पाता है।

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Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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