आज व्हाइट हाउस में ट्रंप और जेलेंस्की की महत्वपूर्ण मुलाकात, युद्ध रोकने और शांति पर होगी अहम चर्चा!

Trump Zelensky Meeting: आज व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात होने जा रही है। इस मीटिंग में रूस-यूक्रेन युद्ध, शांति समझौते और नाटो की सदस्यता पर चर्चा होगी। जानें पूरी जानकारी।

Harsh Sharma
Published on: 18 Aug 2025 10:42 AM IST (Updated on: 18 Aug 2025 1:41 PM IST)
आज व्हाइट हाउस में ट्रंप और जेलेंस्की की महत्वपूर्ण मुलाकात, युद्ध रोकने और शांति पर होगी अहम चर्चा!
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Trump Zelensky Meeting: व्हाइट हाउस में एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच बातचीत होने वाली है। पिछली बार की तरह, इस बार भी राष्ट्रपति जेलेंस्की अकेले नहीं होंगे। उनके साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज भी होंगे। इसके अलावा, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी अमेरिका पहुंच चुके हैं।

यह महत्वपूर्ण मुलाकात 18 अगस्त 2025 को वाशिंगटन डी.सी. स्थित व्हाइट हाउस में होगी। अमेरिकी समय के मुताबिक, यह बैठक दोपहर 1 बजे से शुरू होगी, जो भारतीय समय के अनुसार रात 9:30 बजे होगी। व्हाइट हाउस पहुंचे जेलेंस्की ने कहा कि "अमेरिका और हमारे यूरोपीय सहयोगियों के साथ हमारी साझा शक्ति रूस को वास्तविक शांति की ओर प्रेरित करेगी।" उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप का धन्यवाद करते हुए कहा, "हम सभी इस युद्ध को जल्द और सुरक्षित रूप से समाप्त करना चाहते हैं।

ट्रंप ने इस मीटिंग से पहले एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को क्रीमिया पर फिर से अपना दावा करने की बात भूल जानी चाहिए। इसके अलावा, ट्रंप ने जेलेंस्की से यह भी कहा कि उन्हें यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। रूस यूक्रेन की नाटो सदस्यता को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है और इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त करता है।

ट्रंप ने आगे यह भी कहा कि संघर्ष को खत्म करने का निर्णय पूरी तरह से ज़ेलेंस्की के हाथ में है। उन्होंने कहा, "ज़ेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ युद्ध तुरंत समाप्त कर सकते हैं, या फिर वह लड़ाई जारी रख सकते हैं।" यह बयान ट्रंप की ओर से उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा सीएनएन को दिए गए बयान के बाद आया है, जिसमें विटकॉफ ने कहा कि रूस, अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर, संभावित शांति समझौते के तहत कीव को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी देने के लिए तैयार है। विटकॉफ ने इसे "खेल बदलने वाला" घटनाक्रम बताया।

स्टीव विटकॉफ, जो अलास्का मीटिंग से पहले व्लादिमीर पुतिन से बातचीत कर चुके हैं, ने कहा कि "हमें कई महत्वपूर्ण रियायतें मिली हैं, जैसे कि अमेरिका यूक्रेन को नाटो अनुच्छेद-5 जैसी सुरक्षा गारंटी प्रदान कर सकता है।" यही कारण है कि यूक्रेन नाटो का हिस्सा बनना चाहता है। विटकॉफ ने इसे एक बड़ी सफलता बताया, क्योंकि यह पहली बार है जब मास्को ने इस तरह के प्रस्ताव पर सहमति जताई है।

NATO का अनुच्छेद-5 क्या है?

नाटो का अनुच्छेद-5 सामूहिक रक्षा सिद्धांत का आधार है। इसके तहत, यदि नाटो के 32 सदस्य देशों में से किसी एक पर भी सशस्त्र हमला होता है, तो इसे सभी देशों पर हमला माना जाएगा और सभी देशों को मिलकर जवाब देना होगा। इतने सारे देशों के नेताओं का अचानक अमेरिका पहुंचना आधुनिक कूटनीति में एक अभूतपूर्व घटना है, जो यह दर्शाता है कि इस स्थिति में बड़ा जोखिम है। राजनयिक सूत्रों के अनुसार, यूरोपीय अधिकारी इस बात से चिंतित हैं कि ट्रंप, ज़ेलेंस्की पर अपने शर्तों पर सहमति बनाने का दबाव डाल सकते हैं। यह चिंताएं इसलिए भी बढ़ी हैं क्योंकि पिछले शुक्रवार को अमेरिका में हुई ट्रंप-पुतिन बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को शामिल नहीं किया गया था।

जेलेंस्की ने अपने कड़े अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि वह युद्ध को शीघ्र और स्थायी रूप से समाप्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि इस बार ऐसा नहीं होगा जैसा पहले हुआ था, जब यूक्रेन को क्रीमिया और डोनबास के हिस्से छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, और पुतिन ने इसका इस्तेमाल आगे के हमले के लिए किया था। उन्होंने 1994 में दी गई सुरक्षा गारंटी का भी जिक्र किया, जो कारगर साबित नहीं हुई। जेलेंस्की ने कहा कि क्रीमिया को छोड़ना गलत था, जैसा कि यूक्रेन ने 2022 के बाद अपनी भूमि, कीव, ओडेसा या खार्किव, नहीं छोड़ी। यूक्रेनी लोग अपनी स्वतंत्रता और अपनी जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रूस को इस युद्ध को समाप्त करना ही होगा, क्योंकि इस युद्ध की शुरुआत उसने खुद की थी। और मुझे उम्मीद है कि अमेरिका और हमारे यूरोपीय साथी देशों के साथ हमारी साझी ताकत रूस को असली शांति की ओर लाने के लिए मजबूर करेगी।

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