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Indian Postal Services Closed: 25 अगस्त से अमेरिका के लिए बंद होंगी भारतीय डाक सेवाएँ, जानें वजह
Indian Postal Services Closed: भारतीय डाक विभाग ने घोषणा की है कि 25 अगस्त 2025 से अमेरिका के लिए सभी डाक सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी जाएंगी।
25 अगस्त से अमेरिका के लिए बंद होंगी भारतीय डाक सेवाएँ, जानें वजह (Photo- Newstrack)
Indian Postal Services Closed: अगर आपके रिश्तेदार या परिवारजन अमेरिका में रहते हैं, तो भारतीय डाक सेवाओं के नए नियम आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद का असर अब सीधे आम नागरिकों तक पहुँच गया है। भारतीय डाक विभाग ने घोषणा की है कि 25 अगस्त 2025 से अमेरिका के लिए सभी डाक सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी जाएंगी। इसका मतलब है कि भारत से अमेरिका जाने वाले पार्सल, मनी ऑर्डर, स्पीड पोस्ट और अन्य अंतरराष्ट्रीय बुकिंग फिलहाल बंद रहेंगी। केवल पत्र, दस्तावेज़ और 100 डॉलर तक के उपहार भेजने की छूट दी जाएगी।
यह कदम अमेरिकी सीमा शुल्क (Customs) नियमों में हालिया बदलाव के कारण उठाया गया है, जिसने दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद टैरिफ विवाद को और गहरा कर दिया है। अब यह बदलाव अमेरिका में रह रहे छात्रों और परिवारों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
What is the New US Rule Behind This Change?
इस बदलाव के पीछे नया अमेरिकी नियम क्या है?
30 जुलाई 2025 को अमेरिकी प्रशासन ने एक Executive Order जारी किया, जिसमें अब तक लागू “800 डॉलर तक के मूल्य पर शुल्क-मुक्त छूट” को समाप्त कर दिया गया। पहले छोटे पैकेट और गिफ्ट आइटम बिना शुल्क के अमेरिका भेजे जा सकते थे, लेकिन अब हर तरह के सामान पर टैरिफ अनिवार्य होगा।
नए नियम के अनुसार:
According to the new rules
• अंतरराष्ट्रीय डाक नेटवर्क या अमेरिकी कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) द्वारा अधिकृत एजेंसियों को हर पैकेट पर शुल्क वसूलना और जमा करना होगा।
• 25 अगस्त से अमेरिकी एयरलाइंस और कार्गो कंपनियां केवल उन्हीं पार्सल को स्वीकारेंगी जिनमें शुल्क का भुगतान और दस्तावेज़ी औपचारिकताएं पूरी हों।
यानी अब भारत से कोई भी सामान भेजने पर न केवल शुल्क लगेगा, बल्कि लंबी और जटिल प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ेगा।
Indian Postal Department’s Statement
भारतीय डाक विभाग ने अपने आदेश में कहा:
“29 अगस्त 2025 से अमेरिका जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय डाक वस्तुओं पर, चाहे उनका मूल्य कुछ भी हो, टैरिफ ढांचे के अनुसार शुल्क लागू होगा। इस परिस्थिति को देखते हुए विभाग ने 25 अगस्त से अमेरिका के लिए सभी प्रकार की डाक वस्तुओं की बुकिंग अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया है।”
हालाँकि, राहत यह दी गई है कि पत्र, दस्तावेज़ और 100 डॉलर तक के उपहार इस नियम से बाहर रहेंगे।
Refund of Booking Amount
ग्राहकों को पूरा शुल्क वापस किया जाएगा
अगस्त के पहले हफ्ते में कई ग्राहकों ने पहले ही अमेरिका के लिए बुकिंग कराई थी। चूँकि अब पार्सल की डिलीवरी संभव नहीं होगी, डाक विभाग ने घोषणा की है कि ऐसे सभी ग्राहकों को पूरा शुल्क वापस किया जाएगा। साथ ही, विभाग ने भरोसा दिलाया है कि वह स्थिति पर नज़र रखे हुए है और अमेरिका के साथ समाधान निकालने के प्रयास जारी हैं।
Impact on Common People
इस नियम का सीधा असर
उन परिवारों पर पड़ेगा जिनके प्रियजन अमेरिका में रहते हैं और जिन्हें अक्सर किताबें, दवाइयाँ या उपहार भेजे जाते थे। भारतीय छात्रों के लिए यह विशेष रूप से कठिन होगा।
इसके अलावा, भारत से अमेरिका को हस्तशिल्प, कपड़े और छोटे उत्पाद भेजने वाले कारोबारियों को भी बड़ा नुकसान होगा। अब उन्हें निजी कुरियर सेवाओं पर निर्भर होना पड़ेगा, जिनकी लागत कहीं अधिक है। त्योहारों पर उपहार भेजने की परंपरा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी प्रभावित होगा।
Background of the India–US Tariff Dispute
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद
यह संकट अचानक नहीं आया है। पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद तेज हो गया है। अमेरिका ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाया है और रूस से तेल आयात करने पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। भारत ने इन निर्णयों की कड़ी आलोचना की है और उन्हें अनुचित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया है।
Experts’ Opinions
विशेषज्ञों की राय
व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय केवल डाक सेवाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि व्यापक स्तर पर भारत–अमेरिका व्यापारिक संबंधों को प्रभावित करेगा।
•अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ डॉ. आर.के. मेहता कहते हैं: “यह कदम अमेरिका की घरेलू उद्योगों को बचाने की रणनीति का हिस्सा है, लेकिन इसका बोझ भारत जैसे देशों पर ज्यादा पड़ेगा।”
•नीति आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि भारत फिलहाल वार्ता के जरिए समाधान निकालने की कोशिश करेगा। अगर यह विवाद लंबा खिंचा, तो भारत वैकल्पिक व्यापारिक साझेदारों को तलाश सकता है।
Possible Options for India
भारत के पास दो रास्ते हैं:
1. कूटनीतिक वार्ता — सितंबर 2025 में होने वाली भारत–अमेरिका व्यापार वार्ता में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।
2. वैकल्पिक नेटवर्क — भारत निजी कुरियर कंपनियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से समझौता कर ग्राहकों को आंशिक राहत दे सकता है।
यह स्थिति बताती है कि अंतरराष्ट्रीय टैरिफ विवाद केवल सरकारों के बीच का मसला नहीं रहते, बल्कि सीधे तौर पर आम नागरिकों की जिंदगी और सुविधाओं को प्रभावित करते हैं। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि क्या दोनों देश वार्ता से समाधान निकालते हैं या विवाद और गहराता है।
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