अब पाकिस्तान की उड़ेंगी नींदें! सरकार ने सेना को दी 'खास ताकत', जंग में उतरेगी एक खास फौज जानिए कौन हैं ये, कैसे करती हैं काम

What is Territorial Army: ऐसे ही हालातों के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय सेना को एक अदृश्य लेकिन बेहद महत्वपूर्ण शक्ति को एक्टिव मोड में लाने की मंजूरी दी है।

Harsh Srivastava
Published on: 9 May 2025 3:58 PM IST (Updated on: 9 May 2025 4:00 PM IST)
What is Territorial Army
X

What is Territorial Army

What is Territorial Army: जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर हो, सीमा पर गोलियां चल रही हों, आतंकी हमलों के जवाब में एयरस्ट्राइक की खबरें आ रही हों तब हर भारतीय की निगाह सरकार और सेना की रणनीति पर टिक जाती है। ऐसे ही हालातों के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय सेना को एक अदृश्य लेकिन बेहद महत्वपूर्ण शक्ति को एक्टिव मोड में लाने की मंजूरी दी है। यह फैसला ना सिर्फ दुश्मन को कड़ा संदेश देता है, बल्कि भारत की सैन्य व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव भी लाता है।

केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को विशेष अधिकार दिए हैं, जिसके तहत वे अब टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) के हर अधिकारी और सैनिक को देश की सुरक्षा में किसी भी मोर्चे पर तैनात करने का आदेश दे सकते हैं चाहे वो सीमा पर निगरानी हो, आतंकी अड्डों पर कार्रवाई या फिर नियमित सेना को सपोर्ट देना। अब सवाल ये है कि आखिर ये टेरिटोरियल आर्मी है क्या? कैसे काम करती है? और क्यों यह भारत की रक्षा नीति का एक गुप्त लेकिन बेहद ताकतवर हथियार मानी जाती है?

क्या है टेरिटोरियल आर्मी?

टेरिटोरियल आर्मी (TA) भारत की एक रिज़र्व फोर्स है, जिसे जरूरत पड़ने पर एक्टिव ड्यूटी में बुलाया जाता है। इसकी स्थापना 1949 में हुई थी, और इसका मकसद था कि देश में जब भी इमरजेंसी जैसी स्थिति आए—तो रेगुलर आर्मी को सपोर्ट देने के लिए एक प्रशिक्षित बल मौजूद हो।

किसके अधीन होती है टेरिटोरियल आर्मी?

यह फोर्स रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करती है, लेकिन इसका नियंत्रण भारतीय थलसेना प्रमुख (Chief of the Army Staff) के पास होता है। जब आवश्यक हो, तभी इसे "एम्बॉडी" किया जाता है यानी एक्टिव ड्यूटी में बुलाया जाता है।

कैसे होती है इसमें भर्ती?

टेरिटोरियल आर्मी में आम नागरिक भी शामिल हो सकते हैं—बशर्ते वे 18 से 42 वर्ष के बीच हों और शारीरिक तथा मानसिक रूप से फिट हों। यह उन लोगों के लिए एक अवसर है जो नियमित सेना में नौकरी नहीं कर सकते, लेकिन फिर भी देश की सेवा करना चाहते हैं। इसमें डॉक्टर, इंजीनियर, बैंकर्स, बिजनेसमैन से लेकर कई प्रोफेशनल्स शामिल होते हैं।

कैसे करती है काम?

]टेरिटोरियल आर्मी के जवान सामान्य दिनों में अपनी सामान्य नागरिक जिंदगी जीते हैं, लेकिन जब देश को उनकी जरूरत होती है—तो इन्हें तुरंत तैनात किया जा सकता है। यह फोर्स युद्धकाल, प्राकृतिक आपदाओं, आतंकी गतिविधियों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और बड़ी सुरक्षा जरूरतों में सक्रिय भूमिका निभाती है।

क्या होती हैं इसकी ताकतें और जिम्मेदारियां?

1.रेगुलर आर्मी को सपोर्ट देना

2.बॉर्डर की सुरक्षा में मदद करना

3.प्राकृतिक आपदाओं में रेस्क्यू ऑपरेशन

4.सिविल एडमिनिस्ट्रेशन को सहायता देना

5.देश के संवेदनशील इलाकों में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना

TA की बड़ी-बड़ी यूनिट्स

टेरिटोरियल आर्मी में कई यूनिट्स हैं जैसे इन्फैंट्री, इकोलॉजिकल टास्क फोर्स, रेलवे यूनिट्स, तेल कंपनियों से जुड़े यूनिट्स, आदि। ये सभी अपनी-अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से अलग-अलग कामों में सेना की मदद करते हैं।

क्यों है ये फैसला बड़ा?

भारत में कुल 32 टेरिटोरियल इन्फैंट्री बटालियन हैं, जिनमें से 14 को एक्टिव ड्यूटी के लिए अनुमति दे दी गई है। ये यूनिट्स अब साउदर्न, ईस्टर्न, वेस्टर्न, नॉर्दर्न, साउथ-वेस्टर्न, अंडमान-निकोबार और आर्मी ट्रेनिंग कमांड जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी। ये आदेश *10 फरवरी 2025 से 9 फरवरी 2028 तक प्रभावी रहेगा।

अब क्यों हुई इसकी जरूरत?

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, आतंकी घटनाओं में इजाफा, और सीमा पर लगातार होने वाली गतिविधियों ने यह साफ कर दिया है कि भारत को हर स्थिति में तैयार रहना होगा। टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती से भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी वो भी बिना रेगुलर आर्मी पर अतिरिक्त दबाव डाले।

पाकिस्तान पर कैसे भारी पड़ेगी टेरिटोरियल आर्मी?

टेरिटोरियल आर्मी (TA) भले ही आम दिनों में छाया में काम करे, लेकिन ज़रूरत पड़ते ही ये सेना की सबसे तेज़ और लचीली ताकत बन जाती है। पाकिस्तान की तरफ से बढ़ते ड्रोन हमलों, घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों के बीच TA की सक्रिय तैनाती भारत की जवाबी रणनीति को और धार देती है। ये जवान ना सिर्फ सीमाओं की निगरानी में मदद करते हैं, बल्कि रेगुलर आर्मी के साथ मिलकर आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करने में भी पूरी तरह सक्षम हैं। TA के पास विशेष ट्रेनिंग होती है, जिससे ये अचानक हमलों या इमरजेंसी हालात में तुरंत रिएक्ट कर सकते हैं। अब जब सरकार ने इन्हें एक्टिव ड्यूटी पर लगाने की मंज़ूरी दी है, तो यह पाकिस्तान के लिए सीधा संदेश है भारत अब सिर्फ इंतजार नहीं करता, पहले वार करता है। TA की मौजूदगी हर मोर्चे पर भारत की ताकत को दुगुना कर देती है।

यह बदलाव सिर्फ रणनीति नहीं, चेतावनी है

केंद्र सरकार का यह कदम सिर्फ एक सैन्य रणनीति नहीं है बल्कि यह दुश्मन देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अब भारत सिर्फ रिएक्ट नहीं करता, बल्कि प्री-एम्प्ट करता है। अब भारत की सेना के पास और ज्यादा ताकत, लचीलापन और संसाधन हैं। और टेरिटोरियल आर्मी जो अब तक एक छाया शक्ति थी आने वाले दिनों में दुश्मनों के लिए सबसे अप्रत्याशित वार साबित हो सकती है।

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Cordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

Next Story