World Photography Day 2025: विश्व फोटोग्राफी दिवस: लम्हों को कैद करने की अद्भुत कला

World Photography Day 2025: विश्व फोटोग्राफी दिवस हमें याद दिलाता है कि एक तस्वीर सिर्फ छवि नहीं, बल्कि समय, भावना और कहानी का सजीव दस्तावेज है।

ashutosh
Published on: 19 Aug 2025 4:57 PM IST (Updated on: 19 Aug 2025 6:07 PM IST)
World Photography Day 2025
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World Photography Day 2025 an Ashutosh Tripathi Captured moments 

World Photography Day 2025: संपूर्ण विश्व में 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको जान कर सुखद आश्चर्य होगा कि इस दिन को मनाने की शुरुआत एक भारतीय फोटोग्राफी के अध्यापक ओ पी शर्मा ने 1988 में की। फोटोग्राफी की शुरुआत 19वीं सदी में हुई, जब फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुई डागुएरे और जोसेफ नाइसफोर नीप्स ने 'डैग्यूरोटाइप' (Daguerreotype) प्रक्रिया का आविष्कार किया। 19 अगस्त 1839 को, फ्रांसीसी सरकार ने इस प्रक्रिया का सार्वजनिक रूप से अनावरण किया और इसे "दुनिया के लिए एक उपहार" घोषित किया। इसी ऐतिहासिक दिन की याद में, हर साल यह दिवस मनाया जाता है।


फोटोग्राफी एक कला है जो समय को भी अपने कैमरे में कैद कर लेती है। इस कला के द्वारा हम अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को वर्षों तक सहेज - सम्हाल के रख सकते हैं।


यह दिन उन सभी लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अनूठा अवसर है, जिन्होंने अपनी कला और दृष्टि से दुनिया को देखने का हमारा तरीका बदल दिया। फोटोग्राफी सिर्फ एक तस्वीर खींचने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समय को कैद करने, भावनाओं को सहेजने और कहानियों को जीवंत करने का एक शक्तिशाली माध्यम है।


फोटोग्राफी की कला महज़ एक मन बहलाव का साधन ही नहीं है बल्कि इसने मानव इतिहास को एक नई दिशा दी है। इसने हमें सिर्फ यादों को संजोने का अवसर ही नहीं दिया, बल्कि इसने सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में अपना बड़ा योगदान दिया है। कभी कभी एक पूरा लेख किसी बात को उतनी बेहतरी से नहीं कह पाता जितना प्रभावशाली एक छाया चित्र होता है। वियतनाम युद्ध की 'नापाम गर्ल' की तस्वीर हो, या फिर 9/11 के हमले के बाद की दर्दनाक तस्वीरें, इन सभी ने दुनिया के सामने घटनाओं की भयावहता को उजागर किया और लोगों की सोच को प्रभावित किया।


प्रकृति और वन्यजीव फोटोग्राफी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। फोटोग्राफी के माध्यम से वन्य जीवों के रहन - सहन, उनकी विशेषताओं, विविधताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है जो कि विभिन्न शोधार्थियों के लिए उपयोगी हो सकती है।


यह इस कला की महत्ता और लोकप्रियता ही है कि आज, हर कोई अपने हाथों में कैमरा थामे है। हमारे स्मार्टफोन्स की कीमत भी अधिकतर उनके कैमरे की क्वालिटी पर निर्भर करती है। यह इसकी लोकप्रियता और सर्वमान्यता ही है कि सोशल मीडिया का हर प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि ने फोटोग्राफी के महत्व को समझते हुए इसे अपना एक विशेष फीचर बनाया है। आज हर कोई अपनी जिंदगी के खूबसूरत पलों को क्लिक करके दूसरों के साथ साझा कर सकता है। दिन भर में विभिन्न पलों की तस्वीर खींचना और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करना हमारे जीवन की महत्वपूर्ण दिनचर्या बन गया है।


फ़ोटोग्राफी बरसों से अनेकानेक लोगों की रोजगार प्राप्ति का साधन भी है। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, फोटो पत्रकार, फैशन फोटोग्राफर और वेडिंग फोटोग्राफर जैसे कई प्रोफेशनल्स अपनी विशेषज्ञता से इस कला को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं। वे अपनी तस्वीरों के माध्यम से न सिर्फ पैसा कमाते हैं, बल्कि अपनी रचनात्मकता और कलात्मकता का भी प्रदर्शन करते हैं।


विश्व फोटोग्राफी दिवस के मौके पर, कई फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं, प्रदर्शनियां और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। ये आयोजन नए और उभरते हुए फोटोग्राफरों को अपनी कला को निखारने और दुनिया को दिखाने का मौका देते हैं। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि एक अच्छी तस्वीर सिर्फ एक क्लिक का परिणाम नहीं होती, बल्कि उसके पीछे फोटोग्राफर की मेहनत, धैर्य, और अद्वितीय दृष्टि होती है। अक्सर एक फोटो के लिए फोटोग्राफर को कई कई दिन तक इंतजार करना होता है तब जाकर एक ऐसी फोटो हासिल होती है जिसे काफी समय तक याद किया जाता है।


आज जब हम डिजिटल युग में जी रहे हैं, तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम फोटोग्राफी की सच्ची भावना को समझें। यह सिर्फ एक तकनीकी उपकरण का उपयोग करना नहीं है, बल्कि यह दुनिया को एक नई नजर से देखने और उसमें छिपी सुंदरता, भावना और कहानी को पहचानना है। चाहे आप पेशेवर फोटोग्राफर हों या सिर्फ अपने परिवार की तस्वीरें खींचते हों, आप भी इस कला का हिस्सा हैं।


इसलिए, इस विश्व फोटोग्राफी दिवस पर, आइए हम सब उस कलाकार को सलाम करें जो अपनी तस्वीरों के माध्यम से दुनिया को एक नया नजरिया देते हैं। अगली बार जब आप किसी तस्वीर को देखें, तो सिर्फ उसे देखें नहीं, बल्कि उसके पीछे की कहानी को भी महसूस करने की कोशिश करें। यह एक छोटा सा क्लिक नहीं, बल्कि एक युग की कहानी है जो हमेशा के लिए कैद हो गई है।

नोटः इस खबर में इस्तेमाल सभी चित्र न्यूजट्रैक के फोटो एडीटर आशुतोष त्रिपाठी के हैं जिसमें एक फोटोग्राफर की सोच की इंद्रधनुषी तस्वीर दिखती है।

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