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Breast Milk Donation:जानिए कैसे और कौन कर सकता है ब्रेस्ट मिल्क दान और क्यों है यह जरूरी
Breast Milk Donation Eligibility & Process : ज्वाला गुट्टा द्वारा हाल में ब्रेस्ट मिल्क दान किया गया है जो समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
Pic Credit - Social Media
Jwala Gutta’s 30-Liter Breast Milk Donation : हाल ही में, ज्वाला गुट्टा ने लगभग 30 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान किया है जो जरूरतमंद नवजात बच्चों के लिए बहुत मददगार साबित होगा। उन्होंने यह दूध 'अमृतम फाउंडेशन' के जरिए दान किया, जो माओं से दूध इकट्ठा करके समय से पहले जन्मे या बीमार बच्चों तक पहुंचाता है। ज्वाला जो हाल ही में मां बनी हैं, रोजाना करीब 600 मिलीलीटर दूध सरकारी अस्पताल को दान कर रही हैं। यह दूध उन बच्चों के लिए खास फायदेमंद है जिनकी माताएं दूध नहीं पिला पाती या जो समय से पहले पैदा हुए हैं। इस पहल की काफी सराहना हो रही है, क्योंकि मां का दूध बच्चों के पोषण और इम्यूनिटी के लिए बहुत जरूरी होता है। उनके पति विष्णु विशाल ने भी इस दान की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। भारत में यह पहली बार है जब किसी एथलीट ने ऐसी मदद की है।
ब्रेस्ट मिल्क दान क्या है?
ब्रेस्ट मिल्क दान का मतलब है किसी माँ का अपने स्तन से निकाला हुआ दूध उन बच्चों को देना जिन्हें इसकी जरूरत है। यह खासकर उन शिशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो समय से पहले पैदा हुए हों या जिनकी माताएं पर्याप्त दूध नहीं दे पातीं। माँ का दूध बच्चों के लिए सबसे प्राकृतिक और पौष्टिक होता है और इसमें उनके शरीर की रक्षा करने वाले कई महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। दान किया गया दूध उन बच्चों की जान बचाने में मदद करता है जिनका स्वास्थ्य कमजोर होता है। इसलिए ब्रेस्ट मिल्क दान नवजात बच्चों के लिए एक अनमोल उपहार माना जाता है।
कौन कर सकता है ब्रेस्ट मिल्क दान?
भारत में ब्रेस्ट मिल्क दान करने वाली महिलाएं आम तौर पर स्वस्थ होनी चाहिए और उनका टीकाकरण पूरा होना चाहिए। उन्हें कोई संक्रामक बीमारी जैसे HIV, हेपेटाइटिस बी या सी, या टीबी नहीं होनी चाहिए। दान करने से पहले महिलाएं इन बीमारियों की जांच करवाती हैं। दूध निकालते और संग्रह करते समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। दान करने वाली महिला के पास अपने बच्चे के लिए पर्याप्त दूध होना चाहिए ताकि उसके बच्चे की पोषण की जरूरत पूरी हो सके। भारत में दान किया गया दूध ब्रेस्ट मिल्क बैंकों में जमा किया जाता है जहां इसे जांचा, सुरक्षित बनाया और जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाता है। जिन महिलाओं ने दूध बढ़ाने के लिए दवाइयाँ या सप्लीमेंट लिया हो, उनका दूध स्वीकार नहीं किया जाता।
ब्रेस्ट मिल्क दान का महत्व
ब्रेस्ट मिल्क दान नवजात बच्चों के लिए बहुत जरूरी होता है, खासकर उन बच्चों के लिए जो NICU में रहते हैं या समय से पहले पैदा हुए हैं। मां का दूध बच्चों के पोषण, विकास और उनकी प्रतिरक्षा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह दान समाज में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दूसरों की मदद करने और समाज सेवा की भावना बढ़ती है। ज्वाला गुट्टा जैसे उदाहरण दिखाते हैं कि छोटे-से-छोटे योगदान से भी बड़ा बदलाव लाया जा सकता है और लोगों को मदद करने की प्रेरणा मिलती है। दान किया गया दूध जरूरतमंद बच्चों की जान बचाने में मदद करता है और इसे 'लिक्विड गोल्ड' कहा जाता है।
ब्रेस्ट मिल्क बैंक का योगदान
भारत के बड़े शहरों में कई ब्रेस्ट मिल्क बैंक बने हैं जो दान किया गया दूध सुरक्षित तरीके से जमा करते हैं, जांचते हैं और जरूरतमंद नवजात बच्चों तक पहुंचाते हैं। ये बैंक दान और प्राप्ति की प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाते हैं। आगरा, मुंबई, अकोला, उदयपुर और विजयपुरा जैसे शहरों में मदर मिल्क बैंक हैं जहां मांओं से मिला दूध जांचा, पैस्चराइज किया और सुरक्षित रखा जाता है। इसे समय से पहले या बीमार नवजात बच्चों को दिया जाता है। इन बैंकों की वजह से लाखों नवजात बच्चों की जान बचाई जा चुकी है और यह कुपोषण से लड़ने में भी मदद कर रहे हैं।
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