'दहेज' नहीं अब जान है 'प्यारी': सोनम-मुस्कान कांड के बाद लड़के वालों ने शुरू किया नया ट्रेंड, लड़कियों की करवा रहे जासूसी

Pre marriage investigation: पहले जहां शादी का रिश्ता विश्वास से शुरू होता था, अब वहां शक ने अपनी जगह बना ली है। एक तरफ शादी की तैयारियां चलती हैं, तो दूसरी तरफ डिटेक्टिव लड़की की जासूसी में जुटे होते हैं।

Ragini Sinha
Published on: 25 Jun 2025 11:46 AM IST
boys family hiring detectives before marriage
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boys family hiring detectives before marriage (social media) 

Pre marriage investigation: मुस्कान-साहिलऔर सोनम-राजा रघुवंशी केस के बाद लोगों में शादी को लेकर काफी डर पैदा हो गया है। इसे देखते हुए अब एक अजीब सा ट्रेंड सामने आ रहा है। पहले जहां लोग शादी के लिए कुंडली मिलाते थे। वहीं, अब शादी से पहले सिर्फ कुंडली नहीं, बल्कि लड़की के पूरे बैकग्राउंड की जांच की जा रही है वह भी प्रोफेशनल डिटेक्टिव एजेंसी से। लोग अब बहू बनने वाली लड़की के चरित्र, पुराने रिश्तों, सोशल मीडिया व्यवहार और उसके पहले बॉयफ्रेंड थे कि नहीं जैसी चीजें पता लगाई जा रही है।

क्या-क्या हो रही पूछताछ

इस मामले में भोपाल के डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाले राजेश पांडे बताते हैं कि अब हर रोज 2 से 3 कॉल्स ऐसे आ रहे हैं, जिसमें लोग लड़की के बारे में जानना चाहते हैं। जैसे कि उसका कैरेक्टर कैसा है, कॉलेज में क्या करती थी, किससे मिलती थी, क्या उसका बॉयफ्रेंड था, कहीं वह शादी के बाद धोखा तो नहीं देगी? आदी जैसे सवाल पूछे जाते हैं। इसके अलावा कई बार लोग पूछते हैं कि रात को देरतक ऑनलाइन तो नहीं रहती?


क्यों बढ़ा ये ट्रेंड?

सोनम रघुवंशी केस और मेरठ की मुस्कान द्वारा पति की हत्या जैसे मामलों ने इन दिनों पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। इन घटनाओं ने लड़कों के माता-पिता के मन में डर बैठा दिया है। पैरेंट्स को अब लगता है कि बहू के रूप में घर में कोई गलत सोच वाला इंसान न आ जाए। ऐसे में शादी से पहले वेरिफिकेशन अब जरूरी हो गया है। इतना ही नहीं, अब डिटेक्टिव एजेंसियों ने भी बाकायदा 'प्री मैरिज वेरिफिकेशन पैकेज' शुरू कर दिए हैं। इन पैकेज की कीमत 25,000 से शुरू होकर 1 लाख तक जाती है। इसमें लड़की के सोशल मीडिया की निगरानी, घर के आसपास की पूछताछ, कॉलेज फ्रेंड्स से बातचीत और जरूरत पड़ने पर फॉलो तक किया जाता है।


फिल्म और वेब सीरीज का असर

मनोवैज्ञानिक सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि कुछ लोगों का मानना है कि वेब सीरीज और फिल्मों से लोग क्राइम का तरीका सीख रहे हैं। कई मामलों में देखा गया है कि अपराध करने वाला व्यक्ति मानता है कि वह फिल्मी अंदाज में सारे क्राइम कर लेगा और पकड़ा नहीं जाएगा। इसी सोच के कारण रिश्तों में भरोसे की जगह डर बढ़ता जा रहा है।

अब भरोसा नहीं, जांच के बाद रिश्ता

पहले जहां शादी का रिश्ता विश्वास से शुरू होता था, अब वहां शक ने अपनी जगह बना ली है। एक तरफ शादी की तैयारियां चलती हैं, तो दूसरी तरफ डिटेक्टिव लड़की की जासूसी में जुटे होते हैं। उसके उठने-बैठने से लेकर उसकी हर एक्टिविटी पर नजर बनाए रखते हैं।


ये बदलती सामाजिक मानसिकता बताती है कि अब रिश्ते सिर्फ प्यार या समझ से नहीं बनते, बल्कि जांच, पुष्टि और रिपोर्ट के बाद ही मजबूत माने जाते हैं। आने वाले समय में शायद यह ट्रेंड और गहराता जाएगा ।

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