इस पूर्व पाकिस्तान कप्तान की जान बचाई थी एक हिंदू महिला ने, बंटवारे के समय बॉर्डर पार करने में की मदद – जानें ये दिलचस्प कहानी!

जानिए पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक की दिलचस्प कहानी, जिसमें एक हिंदू महिला ने 1947 के बंटवारे के समय उनकी जान बचाई और सरहद पार करने में मदद की।

Harsh Sharma
Published on: 15 Aug 2025 3:06 PM IST (Updated on: 15 Aug 2025 3:52 PM IST)
इस पूर्व पाकिस्तान कप्तान की जान बचाई थी एक हिंदू महिला ने, बंटवारे के समय बॉर्डर पार करने में की मदद – जानें ये दिलचस्प कहानी!
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पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक का हिसार के एक हिंदू परिवार से खास संबंध है। उस परिवार की एक महिला को इंजमाम बुआ कहते हैं, और इस महिला ने 1947 के बंटवारे के समय इंजमाम के परिवार की जान बचाई थी। जब देश का विभाजन हो रहा था, इंजमाम का परिवार हिसार में रहता था, और उनके पास एक हिंदू परिवार था। इंजमाम उल हक के पिता बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए, लेकिन हिसार में उनके इस हिंदू परिवार से गहरा रिश्ता बन गया। इस परिवार ने इंजमाम के परिवार की सुरक्षा की और उनकी मदद की। जब इंजमाम भारत दौरे पर आए, तो उन्होंने इस परिवार को ढूंढ निकाला और उनसे मिले।

बंटवारे के समय मदद करने वाले हिंदू परिवार से गहरा रिश्ता

इंजमाम आज भी इस परिवार के आभारी हैं जिन्होंने बंटवारे के समय उनकी मदद की और सरहद पार करवाने में भी सहायता की। एक खबर के अनुसार, जब इंजमाम भारत आए थे तो उन्हें एक व्यक्ति ने उनकी मां पुष्पा गोयल का नंबर दिया। उस व्यक्ति ने कहा था कि ये नंबर आप अपने परिवार को दे दें। इंजमाम ने यह नंबर अपने पिता को भेजा और उनके पिता ने पुष्पा गोयल से बात की। इंजमाम के पिता ने उन्हें बताया कि बंटवारे के समय पुष्पा ने उनके परिवार की मदद की थी, और वह इसे कभी नहीं भूल पाए।

हांसी जाने की इच्छा और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से अनुमति न मिलना

इंजमाम की शादी के दौरान पुष्पा को खास तौर पर बुलाया गया था। उस समय उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लगा जैसे उनके घर की शादी हो रही हो। मुल्तान की यात्रा को उन्होंने एक यादगार अनुभव बताया। इंजमाम उल हक अपने पुश्तैनी गांव हांसी जाना चाहते थे, जहां उनका परिवार 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया था। जब पाकिस्तान क्रिकेट टीम मोहाली दौरे पर आई, तो इंजमाम ने अपनी इच्छा जताई कि वह अपने पुश्तैनी गांव जाना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसी दौरे पर रमीज राजा भी अपने पुश्तैनी गांव जयपुर के पास जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें भी अनुमति नहीं मिली।

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