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Aligarh News:-पराली जलाने पर होगी सख्त कार्रवाई, ₹30 हजार तक जुर्माना - उप कृषि निदेशक
अलीगढ़ में उप कृषि निदेशक ने पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। ₹30,000 तक जुर्माना, किसानों से आधुनिक यंत्रों से पराली प्रबंधन की अपील।
Aligarh News :-उप कृषि निदेशक ने जिले के किसानों से अपील की है। कि वे पराली जलाने से बचें और आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से फसल अवशेष को खाद में बदलें। उन्होंने बताया। कि पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सेल एवं उड़न दस्ता टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया। कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत किसानों को हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रोटावेटर, स्मार्ट सीडर जैसे यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं। इन यंत्रों की मदद से पराली को खेत में ही सड़ाकर बहुमूल्य खाद तैयार की जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उप कृषि निदेशक ने कहा। कि यदि कोई किसान खेत की मेड़ या किनारे पराली जलाते हुए पाया गया। तो राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) की धारा 24 व 26 तथा भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना संख्या 632 (दिनांक 8 नवम्बर 2024) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी उन्होंने बताया। कि पराली जलाने पर क्षेत्रफल के अनुसार जुर्माना निर्धारित है। 1 से 2 एकड़ तक ₹5,000/2 से 5 एकड़ तक ₹10,000/5 एकड़ से अधिक पर ₹30,000 प्रति घटना साथ ही यदि कोई कंबाइन हार्वेस्टर बिना एसएमएस (Super Straw Management System) के चलता पाया गया। तो मशीन को तत्काल सीज किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चौधरी अरुण कुमार ने बताया कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है। जिससे एलर्जी, आंखों की जलन और हृदय रोग जैसी दिक्कतें होती हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों से आग्रह किया गया है कि वे फसल अवशेष को जलाने के बजाय पशु चारा या खाद के रूप में उपयोग करें उन्होंने कहा। कि खेत में बचे अवशेष को सड़ाने के लिए प्रति एकड़ 8 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव कर पानी लगाएं। जिससे पराली सड़कर बहुमूल्य खाद में परिवर्तित हो जाएगी। अंत में उन्होंने कहा। कि मिट्टी, पर्यावरण और समाज की रक्षा के लिए पराली न जलाएं, बल्कि उसका सदुपयोग कर खाद बनाएं। यही सच्ची सेवा है। कृषि और प्रकृति की।
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