Amethi Ka Itihas: उत्तर प्रदेश का प्रमुख जिला अमेठी जानिए इसके इतिहास से लेकर वर्तमान तक की पूरी जानकारी

Amethi Ka Itihas Wikipedia: यह लेख उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले का एक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है ।

Shivani Jawanjal
Published on: 2 Aug 2025 6:18 PM IST
Amethi History Wikipedia
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Amethi History Wikipedia: उत्तर प्रदेश का अमेठी जिला भारतीय राजनीति की धड़कन और सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रतीक है। यह न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध है, बल्कि देश की राजनीति में भी इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। अमेठी का नाम लेते ही राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज नेताओं की छवि सामने आ जाती है, जिन्होंने इस क्षेत्र को भारत के राजनीतिक नक्शे पर एक विशेष पहचान दिलाई। कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था, ग्रामीण जीवनशैली, प्राकृतिक सौंदर्य और सामाजिक बदलाव की लहरों से घिरा अमेठी, आज विकास और जन आकांक्षाओं के नए मार्ग की ओर अग्रसर है। यह जिला सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र, संघर्ष और उम्मीदों की ज़मीन है।

अमेठी का संक्षिप्त इतिहास


अमेठी रियासत का इतिहास अत्यंत प्राचीन और गौरवशाली रहा है, जिसकी जड़ें लगभग 1000 वर्ष पूर्व तक जाती हैं। ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, इस रियासत की स्थापना 966 ईस्वी के आसपास राजा सोढ़ देव या राजा गुरु दत्त सिंह द्वारा की गई थी। अमेठी क्षेत्र प्रारंभ में अवध राज्य का हिस्सा रहा, जहाँ ठाकुर और भूमिहार जैसी उच्च जातियों का प्रभुत्व रहा। मुग़ल शासनकाल के दौरान यह क्षेत्र सामंती और जागीरदारी व्यवस्था के अधीन रहा और कई बार आक्रमणों का भी सामना किया। ब्रिटिश काल में भी अमेठी का राजनीतिक महत्व बना रहा और 1857 की क्रांति समेत स्वतंत्रता संग्राम में यहाँ के युवाओं और राजपरिवार ने अंग्रेजों के विरुद्ध साहसपूर्वक संघर्ष किया। आजादी के बाद अमेठी पहले रायबरेली जिले में शामिल था, परंतु प्रशासनिक पुनर्गठन के तहत 1 जुलाई 2010 को इसे स्वतंत्र जिला घोषित किया गया। जिसमें सुल्तानपुर और रायबरेली की कुल पाँच तहसीलें सम्मिलित की गईं। इसका नाम पहले छत्रपति शाहूजी महाराज नगर रखा गया था, जिसे बाद में बदलकर पुनः अमेठी कर दिया गया। अमेठी आज न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक रूप से भी देश के महत्वपूर्ण जिलों में गिना जाता है।

वर्तमान समय में अमेठी


वर्तमान समय में अमेठी जिला प्रशासनिक रूप से चार प्रमुख तहसीलों में विभाजित है जिनमे अमेठी, गौरीगंज, तिलोई और मुसाफिरखाना शामिल है । इन तहसीलों में से गौरीगंज को जिला मुख्यालय के रूप में चुना गया है और यह प्रशासनिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र भी है। जिले में कई महत्वपूर्ण नगर और कस्बे स्थित हैं जिनमें जायस, संग्रामपुर, जगदीशपुर, मोहनगंज, शाहगढ़, शिवरतनगंज और मुसाफिरखाना प्रमुख हैं। ये कस्बे न केवल जनसंख्या और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक जीवन और सामाजिक गतिविधियों में भी इनकी विशिष्ट भूमिका है। अमेठी जिले की यह प्रशासनिक संरचना उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक व्यवस्था पर आधारित है और विकास व जनसुविधाओं के बेहतर संचालन में सहायक सिद्ध हो रही है।

जनगणना के अनुसार अमेठी

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अमेठी जिले की कुल जनसंख्या लगभग 18.67 लाख (1,867,485) थी। धार्मिक दृष्टिकोण से यह जिला मुख्यतः हिंदू बहुल है, जहाँ हिंदू समुदाय की जनसंख्या लगभग 91.15% है। मुस्लिम समुदाय की भागीदारी लगभग 7.3% है, जबकि शेष धर्मों जैसे बौद्ध (0.93%), ईसाई (0.1%), सिख (0.03%) और अन्य/निर्दिष्ट नहीं (लगभग 0.5%) की जनसंख्या बहुत कम है। यह आँकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि जिले में हिंदुओं की संख्या पूर्व के अनुमान से अधिक है। धार्मिक विविधता के बावजूद अमेठी सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक एकता का प्रतीक माना जाता है। यहाँ होली, दीपावली, ईद, मोहर्रम जैसे त्यौहार पूरे उल्लास और भाईचारे के साथ मनाए जाते हैं, जो जिले के सौहार्दपूर्ण वातावरण की साक्षी है।

अमेठी का जातीय दृष्टिकोण

अमेठी जिले की सामाजिक संरचना जातीय विविधता से समृद्ध है, जिसमें सवर्ण, ओबीसी, अनुसूचित जाति और अन्य वर्गों की विशेष भागीदारी है। प्रमुख सवर्ण जातियों में ब्राह्मण, क्षत्रिय (ठाकुर) और भूमिहार शामिल हैं, जिनमें भूमिहार जाति का पूर्वांचल क्षेत्र में विशेष प्रभाव देखा जाता है। ओबीसी वर्ग में यादव, कुर्मी, लोध, नाई, तेली और मौर्य जैसी जातियाँ प्रमुख हैं। इनमें यादव जाति जनसंख्या में उल्लेखनीय संख्या में मौजूद है और राजनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। अनुसूचित जातियों में चमार, पासी, धोबी और कोरी प्रमुख हैं, जिनकी सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है। अमेठी जिले में बंजारा, राजभर, निषाद और केवट जैसी जातियाँ भी महत्वपूर्ण सामाजिक समूह के रूप में उपस्थित हैं, जिनकी भागीदारी अब क्षेत्रीय राजनीति में पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली होती जा रही है। वहीं ब्राह्मण और यादव समुदाय, न सिर्फ जनसंख्या की दृष्टि से प्रमुख हैं, बल्कि पंचायत से लेकर विधानसभा तक की राजनीतिक गतिविधियों, नेतृत्व पदों और नीतिगत निर्णयों में इनकी मजबूत पकड़ और सक्रिय भागीदारी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। यह समावेशी जातीय ढांचा अमेठी को एक सामाजिक रूप से गतिशील और राजनीतिक रूप से सक्रिय जिला बनाता है।

सांसद और विधायक विवरण


2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने इसे कांग्रेस के राहुल गांधी से जीतकर अपने नाम किया था। फिर, 2024 के हालिया चुनाव में कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने भाजपा की स्मृति ईरानी को लगभग डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हराकर अमेठी लोकसभा सीट जीत ली है। अतः वर्तमान में अमेठी लोकसभा क्षेत्र का सांसद किशोरी लाल शर्मा (कांग्रेस) हैं। पूर्व में अमेठी से राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे प्रमुख कांग्रेस के नेता सांसद रहे हैं, जिनके समय से ही अमेठी भारत की राजनीति का महत्वपूर्ण केन्द्र माना जाता रहा है। विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो अमेठी जिले में तिलोई, जगदीशपुर, गौरीगंज, अमेठी और मुसाफिरखाना जैसे कुल पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं । इन इलाकों के वर्तमान विधायक निम्नलिखित हैं: तिलोई से मयंकेश्वर शरण सिंह (भाजपा), जगदीशपुर से सुरेश पासी (भाजपा), गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह (समाजवादी पार्टी), और मुसाफिरखाना से देवेंद्र प्रताप सिंह (भाजपा) हैं। ये विधायक जिले के विकास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और स्थानीय मुद्दों को विधानसभा में प्रमुखता से उठाते हैं। कुल मिलाकर, अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच गहन प्रतिस्पर्धा रही है। हालिया चुनावों में कांग्रेस ने फिर से इस सीट पर वर्चस्व स्थापित किया है।

अमेठी जिले के प्रमुख सरकारी कार्यालय

गौरीगंज, अमेठी जिले का प्रशासनिक केंद्र है, जहाँ विभिन्न महत्वपूर्ण शासकीय और विभागीय कार्यालय स्थित हैं। यह सभी कार्यालय जिले के समुचित संचालन, कानून-व्यवस्था, विकास और कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नीचे प्रमुख कार्यालयों की सूची बिंदुवार दी गई है:

• जिला कलेक्ट्रेट एवं जिलाधिकारी (DM) कार्यालय - जिले के समस्त प्रशासनिक कार्यों और निर्णयों का प्रमुख केंद्र।

• पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय - कानून व्यवस्था की निगरानी और पुलिस प्रशासन का संचालन।

• मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कार्यालय - स्वास्थ्य सेवाओं का नियंत्रण, अस्पतालों की निगरानी, टीकाकरण और स्वास्थ्य योजनाओं का संचालन।

• जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय - प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों की निगरानी तथा शिक्षा संबंधी नीतियों का क्रियान्वयन।

• पंचायती राज विभाग कार्यालय - ग्राम पंचायतों का संचालन, विकास योजनाएँ, शौचालय निर्माण, आवास योजनाओं की निगरानी।

• बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय - प्राथमिक विद्यालयों की देखरेख, शिक्षक भर्ती, मिड-डे मील योजना की निगरानी।

• समाज कल्याण विभाग कार्यालय - छात्रवृत्ति, वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग सहायता, विधवा पेंशन जैसी योजनाओं का संचालन।

• जिला उद्योग कार्यालय - स्थानीय लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना, उद्योग नीति का प्रचार-प्रसार और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन।

• जिला कृषि कार्यालय - किसानों को बीज, खाद वितरण, कृषि तकनीकी सहायता, कृषि योजनाओं का संचालन।

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