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Azamgarh News: नफरती बयान, संविधान विरोधी आदेश की उच्च स्तरीय जांच हो: पूर्व प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबहादुर
Azamgarh News: पूर्व प्रमुख सचिव गृह व वरिष्ठ आईएएस और सामाजिक संस्था बहुजन भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर फतेह बहादुर ने मीडिया को बताया कि ऐसे आदेश संविधान के मूल भावनाओं का विपरीत संविधान विरोधी है।
संविधान विरोधी आदेश की उच्च स्तरीय जांच हो: पूर्व प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबहादुर (Photo- Newstrack)
Azamgarh News: पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा जारी आदेश में राज्य के सभी जिलों के सिर्फ यादव और मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा जमीन, तालाब आदि पर किए गए कब्जा हटाने का निर्देश जारी किया गया है, यह अत्यंत आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश शासन के पूर्व प्रमुख सचिव गृह व वरिष्ठ आईएएस और सामाजिक संस्था बहुजन भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर फतेह बहादुर ने मीडिया को बताया कि ऐसे आदेश संविधान के मूल भावनाओं का विपरीत संविधान विरोधी है।
उनका यह भी कहना है कि यह अच्छी बात है कि आदेश सोशल मीडिया के वायरल होने के बाद शासन के संज्ञान में और सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से सयुंक्त निदेशक पंचायती को निलंबित कर दिया है।
लेकिन इस मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। जिससे यह पता चल सके कि आखिरकार निदेशक पंचायती राज की तरफ से सयुंक्त निदेशक जो आदेश जारी किए हैं वह किसके कहने पर किया।
कुंवर फतेह बहादुर ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि राजनीतिज्ञ और शासन प्रशासन में बैठे उच्च अधिकारी जिस तरह से अपने भाषणों और विमर्श में जाति और समुदाय विशेष का खिलाफ बात करते हैं।
जिलो में तैनात अधिकारी बड़े नेताओं और शासन में बैठे इन्ही अधिकारियों को खुश करने के लिए उनके करीब होने के लिए इस तरह के संविधान विरोधी आदेश जारी कर देते हैं।अधिकारियों और राजनीतिज्ञों द्वारा दिए जा रहे नफरती बयान समाज में जातीय और सांप्रदायिक द्वेष की भावना पैदा करते हैं।
हमारे समाज और संप्रदाय में विभाजन की स्थिति बन गई है।यह अत्यंत गंभीर होने के साथ ही चिंता का विषय है। समाज में भाईचारा स्थापित है यह हम सब की जिम्मेदारी है, इसके लिए सयुंक्त प्रयास की जरूरत है।
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