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Azamgarh News: विद्युत निजीकरण के विरोध में पीस पार्टी, कार्यकर्ताओं ने मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

Azamgarh News: पीस पार्टी के जिलाध्यक्ष डा. आसिफ खान ने कहाकि मोदी सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने में लगी है और इसीलिए सरकार की सभी इकाईयों को निजीकरण करके व्यवस्थाओं को गर्त में ढकलने का काम कर रही है।

Shravan Kumar
Published on: 22 July 2025 5:49 PM IST
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Azamgarh News: जनपद मे पीस पार्टी के नेतृत्व में विद्युत निजीकरण के विरोध में जिलाध्यक्ष डा मु.आसिफ खान के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित छह सूत्री मांग पर जिला प्रशासन को सौंपा गया। पीस पार्टी के निजीकरण को ढेबरी युग में ढकेलन की कवायद बताते हुए कलेक्ट्रेट तिराहे पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया और निजीकरण वापस लो वापस लो के माध्यम से आवाज उठाई। पीस पार्टी के जिलाध्यक्ष डा. आसिफ खान ने कहाकि मोदी सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने में लगी है और इसीलिए सरकार की सभी इकाईयों को निजीकरण करके व्यवस्थाओं को गर्त में ढकलने का काम कर रही है।

निजीकरण होने से बिजली महंगी हो जाएगी और गरीब वर्ग फिर से ढेबरी युग जीने को विवश हो जायेगा। जनता हित में इस निजीकरण का पीस पार्टी विरोध करती रहेगी। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार तुरंत इस निजीकरण के प्रस्ताव को वापस ले। राज्य सरकारों को निर्देशित किया जाए कि वे बिजली कंपनियों के बकाया का भुगतान करें विशेषकर उत्तर प्रदेश सरकार का 14,400 करोड़ रुपया। भारत सरकार अपने वित्तीय घाटे की भरपाई के लिए बिजली जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपना चाहती है जो की जनहित के विपरीत है, यदि सरकार वाकई घाटे की भरपाई करना चाहती है तो उसे निजीकरण की बजाय उत्तर प्रदेश सरकार से 14,400 करोड़ रुपये के बकाया की वसूली करनी चाहिए जो कि बिजली कंपनियों को भुगतान नहीं किया गया है। जिलाध्यक्ष श्री खान ने बिजली क्षेत्र में सुधार लाने के लिए तकनीकी और प्रबंधन सुधार किए जाने पर जोर दिया न कि निजीकरण कर महंगाई की दोहरी मार देना चाहिए। बिजली विभाग के सभी कर्मचारियों की नौकरी और सेवाओं की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की बात कहीं।

कोषाध्यक्ष सुफियान अहमद ने कहाकि बिजली के निजीकरण से आम उपभोक्ताओं पर सीधा आर्थिक बोझ पड़ेगा क्योंकि निजी कंपनियाँ मुनाफे के लिए बिजली की दरों में मनमाना इजाफा करेंगी, इस कदम से बिजली कर्मचारियों की नौकरियाँ खतरे में पड़ जाएंगी और उनके भविष्य को लेकर असुरक्षा की स्थिति बनी रहेगी, पूर्वांचल में उत्तर प्रदेश की सबसे गरीब जनता निवास करती है। दक्षिणांचल के बुंदेलखंड क्षेत्र में भी अत्यंत गरीब लोग रहते हैं जहां पीने के पानी की गंभीर समस्या है।

बिजली के निजीकरण के बाद यदि उपभोक्ताओं की सब्सिडी समाप्त की जाती है तो उन्हें 10 से 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ेगी जो उनके लिए वहन करना असंभव होगा। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को लालटेन युग में वापस धकेला जा रहा है। बिजली जैसी बुनियादी सेवा को मुनाफे का जरिया नहीं बल्कि जनसेवा के दृष्टिकोण से चलाया जाना चाहिए। इस अवसर पर शम्सीर अंसारी, शरीफ अहमद, सादिक अमीन, रमेश राजभर, कोसन पठान, मंजर मुन्ना खान, मोजिब अंसारी, आरिफ, मनोज राव, महजर संजरी, शाह आलम फराही आदि मौजूद रहे।

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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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