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बिजली निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी, लखनऊ में ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की सभा

Electricity Privatization: फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि इस बैठक में केंद्र सरकार की बिजली निजीकरण नीति, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट रूल्स के माध्यम से राज्यों में तेज़ी से लागू किए जा रहे निजीकरण मॉडल पर व्यापक मंथन किया जाएंगा।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 19 July 2025 7:50 PM IST
Electricity Privatization
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Electricity Privatization Protest (Photo: Social Media)

Electricity Privatization: बिजली निजीकरण के खिलाफ देशभर में संघर्ष कर रहे इंजीनियरों और कर्मचारियों के आंदोलन को नया राष्ट्रीय स्वरूप मिलने जा रहा है। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) की आम सभा 20 जुलाई 2025 को लखनऊ स्थित वाटर एंड लैंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (वाल्मी), उतरेटिया, वृंदावन में आयोजित की जाएगी। उसमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बिजली के निजीकरण पर मुख्य रूप से चर्चा होगी। इस बैठक में 22 राज्यों के विद्युत अभियंता संघों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर होगा विरोध में आंदोलन

फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे और सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव ने बताया कि इस बैठक में केंद्र सरकार की बिजली निजीकरण नीति, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट रूल्स के माध्यम से राज्यों में तेज़ी से लागू किए जा रहे निजीकरण मॉडल पर व्यापक मंथन किया जाएंगा। आंदोलन को प्रदेश स्तर से बढ़ाकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया जाएगा। फेडरेशन ने कहा कि केंद्र सरकार संसद में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल को पांच बार पेश कर चुकी है, लेकिन बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के विरोध के चलते पारित नहीं हुआ है। यह निजीकरण अमेंडमेंट रूल्स के जरिए राज्यों में जबरन लागू किया जा रहा है।

निजी घरानों को परियोजनाएं सौंपी

शैलेन्द्र दुबे ने कहा ट्रांसमिशन क्षेत्र में टैरिफ कम्पटीटिव बिडिंग के नाम पर राज्य सरकारों के नियंत्रण में चल रहे विद्युत उपकेन्द्रों को छीना जा रहा है। उत्पादन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निजी घरानों को परियोजनाएं सौंपी जा रही हैं, ज्वाइंट वेंचर के नाम पर सरकारी बिजली परियोजनाएं निजी हाथों में दी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान और महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने बताया कि इस फेडरल काउंसिल की बैठक से प्रदेश में चल रहे विरोध आंदोलन को नई ताकत मिलेगी। बिजली अभियंताओं और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और आंदोलन को दिशा व रणनीति प्राप्त होगी।

विरोध में 234वें दिन भी प्रदर्शन रहा जारी

उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण के विरोध में लगातार 234वें दिन भी प्रदर्शन जारी रहा है। इस दिन राज्य के जिलों और प्रमुख विद्युत परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किए गए। विरोध प्रदर्शन वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद सहित हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा प्रमुख हैं।फेडरेशन की आगामी बैठक में देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय किए जाने की पूरी संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में निजीकरण के खिलाफ लड़ाई और तेज होने वाली है।

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