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Baghpat News: 103 करोड़ बकाया पर चिलवरिया मिल बंद, पर 184 करोड़ बकाया वाली मलकपुर मिल पर नरमी क्यों?
Baghpat News: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर दोहरा रवैया देखने को मिला है।
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Baghpat News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी राहत देते हुए इस सत्र के लिए समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। अब अगैती गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य गन्ने का मूल्य 390 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी का आभार जताया है।
हालांकि, बागपत के किसानों का कहना है कि मूल्य बढ़ना स्वागत योग्य है, लेकिन मूल्य तब ही मायने रखता है जब भुगतान समय पर मिले।बागपत की मलकपुर शुगर चीनी मिल पर इस समय 184 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया अटका हुआ है। इसके बावजूद मिल ने इंडेंट जारी कर दिया है और कल से पेराई सत्र शुरू होने जा रहा है। किसानों का आरोप है कि गन्ना खेत में रोकना संभव नहीं, इसलिए मजबूरी में उन्हें मिल पर गन्ना डालना पड़ेगा। पर पिछले भुगतान की तिथि तक स्पष्ट नहीं है, जिससे किसानों की हर खुशी अधूरी रह गई है।
इसी बीच सरकार ने गोंडा-बहराइच मार्ग स्थित शिंभावली शुगर मिल (चिलवरिया) पर सख्त कार्रवाई करते हुए उसके पेराई सत्र पर रोक लगा दी है, क्योंकि उस मिल पर पिछले दो वर्षों से 103 करोड़ रुपये बकाया है। सरकार के इस फैसले को लेकर किसानों में संदेश गया कि गन्ना किसान हित सरकार की प्राथमिकता है। लेकिन, बड़ी विडंबना यह है कि मलकपुर शुगर चीनी मिल पर तो इससे भी कहीं अधिक 1 अरब 84 करोड़ रुपये बकाया है, फिर भी न तो मिल पर सख्त कार्रवाई हुई और न ही पेराई पर रोक लगाई गई है। इससे किसानों में सवाल उठ रहे हैं कि “103 करोड़ बकाया पर एक मिल बंद, पर 184 करोड़ बकाया पर चुप्पी क्यों?” किसानों का कहना है कि मलकपुर शुगर चीनी मिल के खिलाफ प्रशासन और विभाग का ढीला रवैया गलत संकेत दे रहा है। किसानों ने स्पष्ट कहा कि भुगतान के बिना पेराई शुरू कराना अन्याय है । सरकार अन्य मिलों की तरह मलकपुर शुगर चीनी मिल पर भी सख्त कार्रवाई करे या फिर बकाया तत्काल भुगतान कराया जाए ।
बता दे कि बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 पेराई सत्र के लिए गन्ने की कीमत में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा की है। अगैती गन्ने का मूल्य अब 400 रुपये और सामान्य गन्ने का मूल्य 390 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सरकार द्वारा इसे किसानों की आय बढ़ाने के महत्वपूर्ण कदम के रूप में पेश किया गया, लेकिन बागपत के किसानों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही। किसानों का कहना है कि कीमत बढ़ना स्वागत योग्य है, पर असली राहत तब मिलेगी जब मलकपुर शुगर मिल जैसे बड़े बकायेदार समय पर भुगतान करें। किसानों का स्पष्ट कहना है कि दर बढ़ाना समाधान नहीं है, सरकार को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मिलें समयबद्ध तरीके से भुगतान करें, नहीं तो यह वृद्धि सिर्फ कागज़ों में ही रह जाएगी। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि योगी सरकार, जिसने चिलवरिया मिल पर कड़ा कदम उठाया, क्या मलकपुर चीनी मिल पर भी वैसी ही कार्रवाई करती है या फिर किसानों का यह संघर्ष और लंबा होता है।
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