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Balrampur: छांगुर बाबा धर्मांतरण कांड: सबरोज की गिरफ्तारी और ईडी की छापेमारी से नए राज़ उजागर, ATS व STF की संयुक्त कार्रवाई जारी

Balrampur News: गुरुवार सुबह से देर शाम तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बलरामपुर जिले में उतरौला समेत छांगुर से जुड़े 12 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। लगभग 13 घंटे चली इस कार्रवाई में 15 टीमें शामिल रहीं।

Radheshyam Mishra
Published on: 17 July 2025 10:01 PM IST
Balrampur: छांगुर बाबा धर्मांतरण कांड:  सबरोज की गिरफ्तारी और ईडी की छापेमारी से नए राज़ उजागर, ATS व STF की संयुक्त कार्रवाई जारी
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छांगुर बाबा धर्मांतरण कांड  (photo: social media )

Balrampur News: कथित धर्मांतरण गिरोह के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा और भी कसता जा रहा है। गुरुवार को छांगुर के बेहद करीबी माने जाने वाले भतीजे सबरोज को STF ने बलरामपुर के उतरौला बस स्टॉप से गिरफ्तार कर लिया। सबरोज पहले से ही एटीएस की प्राथमिकी में नामजद था और लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था।

गुरुवार सुबह से देर शाम तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बलरामपुर जिले में उतरौला समेत छांगुर से जुड़े 12 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। लगभग 13 घंटे चली इस कार्रवाई में 15 टीमें शामिल रहीं। छांगुर व उसके सहयोगियों — नीतू और नवीन — की संपत्तियों की जांच की गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में लगभग ₹100 करोड़ की संपत्तियाँ अर्जित की हैं।


धर्मांतरण नेटवर्क का अहम हिस्सा

STF सूत्रों के अनुसार, सबरोज न केवल छांगुर का करीबी था, बल्कि उसके धर्मांतरण नेटवर्क का अहम हिस्सा भी था। पुलिस उसे कोतवाली उतरौला में पूछताछ के लिए लाई है।

एटीएस की कार्रवाई गोंडा तक पहुंची, जहाँ एक युवक की तलाश में गई टीम को जानकारी मिली कि वह युवक रमजान अली मार्च 2024 में मृत्यु को प्राप्त हो चुका है। रमजान पर 2023 में आजमगढ़ में एक धार्मिक आयोजन के दौरान जबरन धर्मांतरण का आरोप लगा था।


एफआईआर दर्ज

इसी मामले में पीड़ित हरजीत कश्यप ने एफआईआर दर्ज कराई है। उसका आरोप है कि छांगुर और उसके गुर्गों ने उसे धर्म बदलने पर मजबूर किया। 3 जुलाई को हरजीत ने मीडिया के समक्ष बयान दिया और 7 जुलाई को उस पर हमला कर 24 घंटे में बयान बदलने की धमकी दी गई। पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धाराओं 115(2), 351(3), 352 और 126(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।


स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले को लेकर अलर्ट मोड में है। गांवों में समन तामील कराना चुनौती बन गया है। पुलिस अधिकारी "नो कमेंट" नीति अपनाए हुए हैं, जबकि राजस्व विभाग के अफसर भी किसी विवाद से बचने की कोशिश में हैं।

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Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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