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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का बड़ा एक्शन: खाद की कालाबाजारी पर 3 कृषि अधिकारियों को निलंबित, 10 को नोटिस!
Agriculture Minister Surya Pratap Shahi: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने खाद की कालाबाजारी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 3 जिला कृषि अधिकारियों को निलंबित किया और 10 को नोटिस जारी किया। यह कदम खाद आपूर्ति में सुधार और किसानों के हितों की रक्षा के लिए लिया गया है।
Agriculture Minister Surya Pratap Shahi: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज खाद की कालाबाजारी और किसानों की समस्याओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन जिलों के जिला कृषि अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कालाबाजारी पर रोक लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
तीन जिलों में कार्रवाई:
कृषि मंत्री ने बलरामपुर, श्रावस्ती और सीतापुर जिलों में खाद की कालाबाजारी के मामलों को गंभीरता से लिया और संबंधित जिलों के कृषि अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इन तीन जिलों में किसानों की शिकायतें सामने आई थीं, जिसमें खाद की उचित आपूर्ति में देरी और बाजार में ज्यादा कीमतों पर बेची जा रही खाद की कालाबाजारी को लेकर व्यापक विरोध था।
10 जिला कृषि अधिकारियों को नोटिस:
इसके अलावा, राज्य सरकार ने कुल 10 और जिला कृषि अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं, जिनके खिलाफ खाद की आपूर्ति में गड़बड़ी और कालाबाजारी के आरोप हैं। इन अधिकारियों से 7 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है, और अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिलता तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम यह स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार खाद की आपूर्ति और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कृषि मंत्री का बयान:
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस मामले पर कहा, "हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनके हितों की रक्षा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। खाद की कालाबाजारी करने वाले किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हम इस समस्या का जड़ से समाधान करेंगे ताकि किसानों को समय पर और उचित मूल्य पर खाद मिल सके।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही खाद की आपूर्ति और वितरण प्रणाली में सुधार के लिए एक व्यापक योजना बनाएगी।
किसानों की स्थिति:
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में किसान पिछले कुछ समय से खाद की कमी और उच्च कीमतों को लेकर परेशान थे। किसानों का कहना था कि उनकी फसलों के लिए खाद की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है, और जब खाद महंगी बिक रही हो तो उनकी आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ता है। किसानों का यह भी आरोप था कि कुछ क्षेत्रों में खाद की कालाबाजारी को बढ़ावा दिया जा रहा था, जिससे उन्हें उचित मूल्य पर खाद नहीं मिल रही थी।
आगे की योजनाएं:
राज्य सरकार खाद की आपूर्ति और वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में और सख्त कदम उठाएगी ताकि भविष्य में किसानों को खाद के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े। यह कदम राज्य सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और खाद की कालाबाजारी और वितरण में सुधार के लिए एक ठोस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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