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Bulandshahr News: बुलंदशहर: डिबाई के सब रजिस्ट्रार दफ्तर में रिश्वतखोरी का आरोप, वीडियो वायरल होने के बाद जांच कमेटी गठित
Bulandshahr News: जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। एडीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
डिबाई के सब रजिस्ट्रार दफ्तर में रिश्वतखोरी का आरोप, वीडियो वायरल होने के बाद जांच कमेटी गठित (Photo- Newstrack)
Bulandshahr News: बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के डिबाई स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में बैनामे की आड़ में रिश्वतखोरी के खेल का दावा करते हुए एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कथित तौर पर प्रभारी सब रजिस्ट्रार की मौजूदगी में एक किसान ने ₹7000 रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए वीडियो बनाया और उसे वायरल कर दिया।
हालांकि, प्रभारी सब रजिस्ट्रार संदीप सक्सेना ने आरोपों को सिरे से गलत बताते हुए दावा किया कि किसान से 1 प्रतिशत निबंधन शुल्क लेकर विधिवत रसीद दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। एडीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
रजिस्ट्री के नाम पर रिश्वतखोरी का आरोप:
बुलंदशहर जनपद के डिबाई के सब रजिस्ट्रार दफ्तर में खुलेआम रिश्वतखोरी का खेल चलने का दावा करते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक किसान एक बार नहीं, बल्कि दो बार ₹500-₹500 के नोट मौजूद कर्मचारी को देता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो खुद एक भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कार्यकर्ता ने बनाकर वायरल किया और दावा किया कि रजिस्ट्री के नाम पर कुल ₹7000 की रिश्वत वसूली गई है। हालांकि, हम किसी भी वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए और जिलाधिकारी के निर्देश पर, एडीएम वित्त एवं राजस्व अभिषेक कुमार सिंह ने एसडीएम डिबाई और एआईजी स्टाम्प की एक दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है। एडीएम ने स्पष्ट किया है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी।
आरोप गलत, वसूला उपनिबंधक शुल्क: प्रभारी सब रजिस्ट्रार:
डिबाई के प्रभारी सब रजिस्ट्रार संदीप सक्सेना ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि किसान से नियमानुसार एक प्रतिशत निबंधन शुल्क लिया गया था। उन्होंने दावा किया कि किसान ने कुल ₹10700 दो बार में दिए थे, जिसकी रसीद किसान को दी गई है। सक्सेना ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। अब इस मामले की सच्चाई जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पाएगी।
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