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Bulandshahr News: लोन रिकवरी के ₹7.5 लाख ले थमा दी फर्जी रसीद? अमीन और निलंबित बैंककर्मी के खिलाफ एफआईआर
Bulandshahr News: बुलंदशहर नगर कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट में यमुनापुरम निवासी शिक्षक दिनेश कुमार पुत्र कृष्ण देव ने बताया कि वह वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय हाजीपुर भटौला खुर्जा में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवारत है।
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Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में बैंक कैशियर और अमीन पर शिक्षक के साथ 7.5 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। शिक्षक का दावा है कि उसने लोन रिकवरी को आरसी काटने के बाद अमीन के साथ जाकर बैंक में 7.5 लाख रुपए कैशियर को दे जमा कराए, उसे बैंक की मोहर मारकर रसीद दी गई मगर लोन अकाउंट में रकम जमा नहीं की गई। पता चला कि रसीद पर फर्जी मोहर मारकर दे दी गई गई थी। इस मामले में पीड़ित शिक्षक ने अमीन और निलंबित बैंक कैशियर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बुलंदशहर नगर कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट में यमुनापुरम निवासी शिक्षक दिनेश कुमार पुत्र कृष्ण देव ने बताया कि वह वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय हाजीपुर भटौला खुर्जा में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवारत है। दिनेश कुमार ने वर्ष 2014 में जिला सहकारी बैंक शाखा औरंगाबाद- लखावटी से चार लाख रूपये का लोन संचालित प्राथमिक शिक्षक भोगी ऋण समिति लखावटी से लिया था। उक्त लोन का ब्याज सहित सात लाख पचास हजार रूपये प्रार्थी पर हो गया। जिसकी वसूली को तहसील। द्वारा आरसी काटी गई। ऋण जमा कराने को अमीन सूरजपाल ने फोन किये।
फोन करने के बाद 30 अक्टूबर 2024 को दिनेश सात लाख पचास हजार रूपये लेकर जिला सहकारी बैंक मोतीबाग, शाखा बुलन्दशहर में सूरजपाल के कहने के अनुसार जमा करने गया, जहां पर अमीन सूरजपाल मिला। उसने सात लाख पचास हजार रूपये देवेन्द्र कुमार शर्मा रिटायर्ड टीचर निवासी आनन्द विहार, बुलन्दशहर के सामने सूरजपाल को दिये। पैसा जमा करने की रसीद सूरजपाल ने बैंक कैशियर दीपक सूरी से लेकर शिक्षक को दी। इसी दौरान उसके वेतन खाते से रुपये निकालने पर पता चला कि उसके खाता संख्या-22081 को जिला सहकारी बैंक बुलन्दशहर मोती बाग ब्रांच ने स्टॉप पैमेन्ट कर दिया है। जब वह जिला सहकारी बैंक मोतीबाग शाखा जानकारी करने गया तो जानकारी मिली कि उसने सात लाख पचास हजार रूपये जमा किये थे। वह खाते में जमा नहीं हुआ है।
जब उसने अमीन सूरजपाल व कैशियर दीपक सूरी को रसीद दिखायी कि मेरा पैसा तो जमा हैं तो उन्होंने टाल मटोल करते हुए कहा कि हमें पता नहीं है। हमने तो रूपया जमा कर दिया था और जमा की रसीद आपको दे दी थी। उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बैंक का नोटिस भी भिजवाये किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। रिटायर्ड अमीन सूरजपाल व बैंक कैशियर दीपक सूरी ने जानबूझकर बेईमानी करने की नियत से व रूपये हडपने के लिए फर्जी रसीद व मोहर तथा हस्ताक्षर तैयार कर हड़प लिए। अमीन और कैशियर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है।
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