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Chandauli News: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा राजकीय कालेज, जांच में अटका निर्माण
Chandauli News: यह न केवल सरकारी लापरवाही का नमूना है, बल्कि सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर भी संकट बनकर खड़ा है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा राजकीय कालेज (photo: social media )
Chandauli News: राजकीय इंटर कॉलेज जो कभी शिक्षा की नई किरण बनने की उम्मीद था, आज उपेक्षा और भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुका है। नियामताबाद ब्लॉक में बन रहा यह कॉलेज वर्षों से अधूरा पड़ा है और अब खंडहर का रूप ले चुका है। यह न केवल सरकारी लापरवाही का नमूना है, बल्कि सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर भी संकट बनकर खड़ा है।
2019 में जगी थी उम्मीद
वर्ष 2019 में राज्यसभा सांसद साधना सिंह की पहल पर इस कॉलेज की नींव रखी गई थी। सरकार ने 2.77 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की और शुरूआती दौर में निर्माण कार्य में तेजी भी देखी गई। तब क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली कि अब उनके बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
घटिया निर्माण बनी बड़ी बाधा
लेकिन कुछ ही समय बाद निर्माण में गड़बड़ियां सामने आने लगीं। दीवारों में दरारें, घटिया मटेरियल और तकनीकी खामियों की शिकायतें शासन तक पहुंचीं। आरोप गंभीर थे, लिहाजा मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई। जांच शुरू होते ही 2023 से निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गया।
अब खंडहर में तब्दील सपना
वर्तमान में अधूरा भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। प्लास्टर झड़ रहे हैं, दीवारें दरक चुकी हैं, और परिसर में झाड़ियां उग आई हैं। यह वही स्थान है जो कभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने वाला था।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज
इस मुद्दे पर सियासत भी गर्म है। सपा सांसद डॉ. वीरेंद्र सिंह का आरोप है कि, “भाजपा नेता जानबूझकर निर्माण कार्य रुकवाते हैं और चुनाव से ठीक पहले जनता को गुमराह करने के लिए दोबारा शुरुआत का दिखावा करते हैं।”
प्रशासन का दावा
इस पर जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग ने कहा, “जांच जारी है। रिपोर्ट मिलते ही आवश्यक कार्यवाही कर निर्माण फिर शुरू किया जाएगा।”
आख़िर में सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या यह अधूरा भवन कभी शिक्षा का केंद्र बन पाएगा? या फिर वर्षों तक प्रशासनिक अनदेखी और राजनीतिक खींचतान का शिकार होकर यूं ही खंडहर बना रहेगा?
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