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Chandauli News: सर्पदंश से जंग – झाड़-फूंक नहीं, विज्ञान पर करें भरोसा; नौगढ़ CHC में 24 घंटे उपलब्ध है जीवनरक्षक दवा
Chandauli News: चंदौली जिले के नौगढ़ क्षेत्र में बारिश के मौसम के साथ सर्पदंश का खतरा बढ़ जाता है। दुर्भाग्यवश, आज भी अंधविश्वास और जानकारी की कमी के कारण कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
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Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नौगढ़ क्षेत्र में बारिश के मौसम के साथ सर्पदंश का खतरा बढ़ जाता है। दुर्भाग्यवश, आज भी अंधविश्वास और जानकारी की कमी के कारण कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद ग्रामीण पहले झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं, जिससे इलाज में देरी होती है और कई बार यह देरी जानलेवा साबित होती है।
झाड़-फूंक का जाल: मौत को न्योता
नौगढ़ का पहाड़ी और वनवासी इलाका अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन वर्षा ऋतु में यहां सांप निकलना आम बात है। चिंताजनक बात यह है कि अधिकांश ग्रामीण, विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के लोग, सर्पदंश की स्थिति में सबसे पहले ओझा या झाड़-फूंक करने वालों के पास जाते हैं।
उन्हें यह जानकारी नहीं है कि नौगढ़ बाजार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में एंटी-स्नेक वेनम (ASV) की दवाएं 24 घंटे उपलब्ध हैं। आशा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लगातार जागरूकता फैला रही हैं, लेकिन सदियों पुराने अंधविश्वास को खत्म करना आसान नहीं है। जब झाड़-फूंक से फायदा नहीं होता और मरीज की हालत बिगड़ जाती है, तब अस्पताल लाया जाता है, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
सीएचसी नौगढ़: भरोसेमंद जीवनरक्षक केंद्र
प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवधेश पटेल ने बताया कि सर्पदंश की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता ही जान बचाने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने आश्वासन दिया कि नौगढ़ CHC में पर्याप्त मात्रा में ASV इंजेक्शन और प्रशिक्षित चिकित्सकों की टीम 24 घंटे उपलब्ध है।
डॉ. पटेल ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा,
“अगर किसी को सांप काटे तो झाड़-फूंक में समय न गंवाएं। सीधे नौगढ़ सीएचसी आएं। आशा बहुओं या स्वास्थ्य कर्मियों से तुरंत संपर्क करें।”
जागरूकता ही कुंजी: एक सही निर्णय, एक बची हुई जान
सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, लेकिन जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक ये सुविधाएं पूरी तरह कारगर नहीं होंगी। नौगढ़ के ग्रामीणों को समझना होगा कि अंधविश्वास जानलेवा है।चिकित्सा विज्ञान पर विश्वास और सही समय पर सही निर्णय ही सर्पदंश से मौतों को रोक सकता है। एक छोटी सी जागरूकता, एक सही कदम — किसी की जान बचा सकता है।
अतिरिक्त सुझाव: सर्पदंश से बचाव और जागरूकता के लिए क्या करें?
स्कूलों और पंचायतों में जागरूकता शिविर आयोजित करें, जहाँ बच्चों और बुजुर्गों को सही जानकारी दी जाए।
स्थानीय भाषा में ऑडियो-विजुअल संदेश (वीडियो, पोस्टर, लोकगीत आदि) तैयार करें ताकि लोगों को जल्दी समझ आ सके।
आशा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्राथमिक उपचार किट के साथ प्रशिक्षित किया जाए।
ग्रामीणों के लिए हेल्पलाइन नंबर प्रचारित किए जाएं, ताकि आपातकाल में त्वरित सहायता ली जा सके।
झाड़-फूंक करने वालों को भी प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वास्थ्य सहयोगी में बदला जा सकता है।
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