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Hamirpur News: मौदहा में बाढ़ से हाहाकार जारी, 72 घंटे बाद भी नहीं मिली राहत; रात में बांटे गए लंच पैकेट

Hamirpur News: हाल ही में बांधों से छोड़े गए पानी और क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन की कमर तोड़ दी है। रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से घरों के गिरने का सिलसिला जारी है।

Ravindra Singh
Published on: 20 July 2025 9:23 PM IST
flooding in Maudha continues to plague, no relief even after 72 hours; Lunch packets distributed overnight
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मौदहा में बाढ़ से हाहाकार जारी, 72 घंटे बाद भी नहीं मिली राहत; रात में बांटे गए लंच पैकेट (Photo- Newstrack)

Hamirpur News: हमीरपुर, उत्तर प्रदेश: हमीरपुर जनपद के मौदहा क्षेत्र में 72 घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी बाढ़ग्रस्त इलाकों में कोई खास राहत नहीं मिल सकी है। दैवीय आपदा से जूझ रहे बच्चे, वृद्ध और महिलाएं भूख-प्यास से बिलबिला उठे हैं। वहीं, प्रभावित क्षेत्रों में रात 10 बजे के बाद लंच पैकेट वितरित किए गए, जो ग्रामीणों की परेशानी के आगे नाकाफी साबित हुए। कई गांवों का संपर्क अभी भी नगर से कटा हुआ है, और लोग नाव के सहारे नदी पार कर अपने परिवार के लिए भरण-पोषण की सामग्री लाने को मजबूर हैं।

मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त

हाल ही में बांधों से छोड़े गए पानी और क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन की कमर तोड़ दी है। रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से घरों के गिरने का सिलसिला जारी है। ईचौली नायक पुरवा जैसे गांवों में रात 10 बजे के बाद ही लंच पैकेट बांटे गए, जबकि लोग दिनभर से भूखे-प्यासे थे। लरौद के प्रधान प्रतिनिधि विष्णु शिवहरे ने बताया कि नदी का जलस्तर कुछ घटता हुआ प्रतीत हो रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई पर्याप्त राहत सामग्री नहीं भेजी गई है। लोग अभी भी नाव के सहारे ही नदी पार कर आवश्यक सामान ला रहे हैं।



क्षेत्र में अब तक एक सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों के घर बरसात के चलते धराशाई हो चुके हैं। ग्राम अलीपुरा और चमरखन्ना के बीच चंद्रावल नदी के तेज बहाव के चलते बीस मीटर से अधिक सड़क कट गई है, जिससे चमरखन्ना, अलीपुरा और भवानी गांव का संपर्क मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है। इसके अलावा, चंद्रावल नदी का पानी मौदहा-सिसोलर मार्ग पर ग्राम पढ़ोरी में रपटे से 10 मीटर ऊपर बहने से यहां भी आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। ग्राम गहरोली, छानी, लेवा, सिसोलर, टोला, गढ़ा और परहेटा समेत दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को मौदहा आने के लिए कई किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है, जो उनकी मजबूरी बन गई है।

बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीण

हालांकि, तहसीलदार शेखर मिश्रा ने जानकारी दी है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है और राहत सामग्री प्रभावित इलाकों तक पहुंचाई जा रही है। लेकिन, जमीनी हकीकत बताती है कि ग्रामीणों तक अभी भी पर्याप्त सहायता नहीं पहुंच पाई है, और वे बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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