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Chandauli News: चंदौली के जंगल खतरे मेंः लापरवाही से प्लांटेशन बना झोपड़ियों का बसेरा
Chandauli News: जयमोहनी रेंज के चोरमरवा, गहिला बाबा, धौहठवा, जयमोहनी और मनवार कठवार जैसे क्षेत्रों में कभी घने जंगल हुआ करते थे। वन विभाग ने 2010 से 2023 के बीच इन इलाकों में कई बार वृक्षारोपण किया था।
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Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के काशी वन्यजीव प्रभाग के जंगलों में अतिक्रमणकारियों का हौसला बुलंद है। वन विभाग की उदासीनता के चलते कभी वृक्षारोपण से गुलजार रहने वाली जमीन अब झोपड़ियों में तब्दील हो रही है। नौगढ़, जयमोहनी, चंद्रप्रभा और चकिया के जंगलों में यह चिंताजनक स्थिति आम हो गई है।
कभी यहां हुआ करता था हरा भरा जंगल
जयमोहनी रेंज के चोरमरवा, गहिला बाबा, धौहठवा, जयमोहनी और मनवार कठवार जैसे क्षेत्रों में कभी घने जंगल हुआ करते थे। वन विभाग ने 2010 से 2023 के बीच इन इलाकों में कई बार वृक्षारोपण किया था। इसी तरह, नौगढ़ और मझगाईं रेंज में भी पौधे लगाए गए थे, लेकिन आज वहां हरियाली ढूंढना मुश्किल है।
लाखों का बजट स्वाहा, पौधे हुए गायब
अतिक्रमण करने वालों ने वन विभाग की जमीन पर खड़े पेड़ों को काटकर रातों-रात अपनी झोपड़ियां खड़ी कर ली हैं। यह सिर्फ एक उदाहरण है, ऐसे कई प्लांटेशन हैं जो अब इन जंगलों का हिस्सा नहीं हैं। हर गुजरते दिन के साथ जंगल से प्लांटेशन का नामोनिशान मिटता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वन सुरक्षा में कर्मचारियों की तैनाती के बावजूद यह सब हो रहा है, जो वन विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े करता है। अगर यही हाल रहा, तो जंगल पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। लोगों ने कई बार वन विभाग से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वन विभाग की कार्यशैली संदेह के घेरे में
जंगलों पर अवैध कब्जे से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, और वन्यजीवों का जीवन खतरे में पड़ गया है। वन विभाग का वृक्षारोपण पर्यावरण को शुद्ध रखने, कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने और मौसम का संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से किया जाता है। पेड़ों की जड़ें मिट्टी को बांधकर रखती हैं, जिससे मिट्टी का कटाव रुकता है और भूमि उपजाऊ बनी रहती है।
हालांकि, वन विभाग की लापरवाही के कारण लगाए गए पौधों की देखभाल नहीं हो रही है, और सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है। प्लांटेशन को लगाने और बचाने के लिए सरकार हर साल लाखों रुपये खर्च करती है, लेकिन चंदौली के जंगलों में यह प्रयास विफल होता दिख रहा है। इस संबंध में नौगढ़ रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी एस. के. श्रीवास्तव से संपर्क करने की कोशिशें नाकाम रहीं, क्योंकि वह कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे।
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