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उत्तर प्रदेश में बिजली होगी सस्ती? उपभोक्ता परिषद की नियामक आयोग से दरें कम करने की अपील
Electricity Bills: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निजी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए चोरी-छिपे बिजली दरों में बढ़ोतरी करना चाहता है।
Electricity rates in UP (Photo: Social Media)
Electricity Bills: उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें और पावर ट्रांसमिशन टैरिफ का ऐलान जल्द ही होने की संभावना है। इसी बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग से बिजली दरों (Electricity Bills) में कमी करने की मांग की है। परिषद ने दावा किया कि बिजली कंपनियों के पास पहले से ही 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस है, इस स्थिति में कानून के मुताबिक दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए।
पावर ट्रांसमिशन टैरिफ का विरोध
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ने इस साल अपने रिटर्न ऑफ इक्विटी यानी फायदे को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 14.5 प्रतिशत करने की मांग की है। उपभोक्ता परिषद (Electricity Bills) ने चिंता जताते हुए कहा कि इससे कॉरपोरेशन को सीधे 1,824 करोड़ रुपये का फायदा होगा। परिषद ने आयोग से मांग करते हुए कहा कि टैरिफ बेस कॉम्पिटिटिव बिल्डिंग (TBCB) के 500 करोड़ रुपये तक के काम पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन (Electricity Bills) को ही दिए जाएं। उनका तर्क अनुसार निजी कंपनियों की तुलना में पावर ट्रांसमिशन खुद ये काम करता है, तो लागत में 15 से 25 प्रतिशत की कमी आती है।
निजी घरानों को फायदा का आरोप
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निजी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए चोरी-छिपे बिजली दरों (Electricity Bills) में बढ़ोतरी करना चाहता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो सरप्लस होने पर बिजली की दरों में वृद्धि की अनुमति देता है। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 में कुछ मानक बदले गए हैं, जिससे बिजली कंपनियों को सीधे 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये का फायदा होने का अनुमान है। लेकिन 2024-25 के ऑडिटेड आंकड़ों के मूल्यांकन से उपभोक्ताओं का लगभग सरप्लस सामने आएगा। इसलिए आयोग को वर्तमान सरप्लस को आधार मानकर बिजली दरों (Electricity Bills) में कमी का फैसला सुनाना चाहिए।
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