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Electricity Privatization के खिलाफ इंजीनियरों का गुस्सा, प्रस्ताव किया खारिज, सामूहिक जेल भरो...
Electricity Privatization: संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि पावर कारपोरेशन के दिए निजीकरण के बाद के विकल्पों का विश्लेषण कर खारिज कर दिया गया है।
Electricity Privatization: उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की खबरों और बड़े शहरों में अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी देने की सूचना से बिजली कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा है। राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के तत्वावधान में वाराणसी में आयोजित चिन्तन मंथन शिविर संदर्भ निजीकरण में अभियंताओं ने पावर कारपोरेशन के दिए निजीकरण के विकल्प को एक स्वर में खारिज कर दिया है।
निजीकरण से भविष्य होगा बर्बाद
इस शिविर में अभियंताओं ने संकल्प लिया कि बिजली निजीकरण के विरोध में आंदोलन और तेज किया जाएगा तथा यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता है। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल द्वारा दिए गए निजीकरण के बाद के विकल्पों का विस्तार से विश्लेषण करके खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि निजी कंपनी की नौकरी ज्वॉइन करना, अन्य निगमों में वापस आना, और स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेनाये तीनों ही विकल्प बिजली कर्मियों के भविष्य को बर्बाद कर देंगे, ऐसी स्थित में निजीकरण किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
फ्रेंचाइजी की जानकारी से फूटा गुस्सा
चिंतन शिविर के दौरान पुख्ता जानकारी मिली कि शहरों में अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी होने जा रहा है, जिससे अभियंताओं में गुस्सा फूट पड़ा। शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि जिन शहरों में वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है, उन शहरों के अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी का टेंडर भी पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के टेंडर के साथ ही जारी किया जाएगा। इससे पहले विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की कोर मीटिंग को संबोधित करते हुए शैलेन्द्र दुबे, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, माया शंकर तिवारी, अंकुर पाण्डेय, एपी शुक्ला और अन्य वक्ताओं ने निजीकरण से होने वाली क्षति से कर्मियों को अवगत कराया। उन्होंने निजीकरण का टेंडर होते ही सामूहिक जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया।
विरोध में 314 दिन से चल रहा आंदोलन
यह भी संकल्प लिया कि निजीकरण के विरोध में 314 दिन से चल रहा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने कहा कि शिविर का मुख्य उद्देश्य अभियंताओं को निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष के लिए प्रशिक्षित करना है। उन्होंने भरोसा जताया कि यदि अभियन्ता संकल्प लेकर सामने आएं तो उप्र में पॉवर सेक्टर में निजी घरानों को रोकना कोई कठिन काम नहीं है। शिविर में अभियन्ता संघ के उपाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, संगठन सचिव जगदीश पटेल, सहायक सचिव पुष्पेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय सचिव उपेन्द्र चौरसिया, पंकज कुमार, जिवेश नन्दन, शिवम रंजन, शशि कुमार सिंह, बीरेंद्र सिंह, नरेन्द्र वर्मा सम्मिलित हुए।
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