बिजली निजीकरण के विरोध में कर्मचारी, सरकार पर पूरे ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण का लगाया आरोप

Electricity Privatization: संघर्ष समिति ने पूरे ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों को सौंपने का आरोप लगा अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 9 Sept 2025 8:56 PM IST
Electricity Privatization Protest
X

Electricity Privatization Protest (Photo: Social Media)

Electricity Privatization: उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने सरकार की निजीकरण और उत्पीड़न की नीतियों के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने निजीकरण और उत्पीड़न को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया। संघर्ष समिति ने ओबरा और अनपरा जैसे ताप बिजली घरों के एक्सटेंशन प्रोजेक्ट्स को निजी कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर में देने को सरकारी उत्पादन निगम को खत्म करने की साजिश बताया है।

संघर्ष समिति की यह मुख्य मांग

-वेतन रोकना: लगभग 10,000 कर्मचारियों का वेतन पिछले चार महीनों से फेशियल अटेंडेंस के कारण रोक दिया गया है। समिति ने त्योहारों के मौसम में उत्पीड़न की पराकाष्ठा बताया है।

-संविदा कर्मियों की बर्खास्तगी: 55 साल की उम्र और डाउनसाइजिंग के नाम पर हटाए गए संविदा कर्मियों की बहाली की मांग की गई है।

-स्थानांतरण और फर्जी एफआईआर: कर्मचारियों के स्थानांतरणों को रद्द करने और उन पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की गई है।

-स्मार्ट मीटर: समिति ने आरोप लगाया कि रियायती बिजली की सुविधा खत्म करने के लिए जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।

पूरा ऊर्जा क्षेत्र निजी हाथों जाएंगा

संघर्ष समिति ने सरकार पर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के साथ ही पूरे ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी का आरोप लगाया है। समिति ने दावा किया कि 220 केवी और उससे अधिक क्षमता के विद्युत उपकेंद्रों और लाइनों का काम टीबीसीबी प्रक्रिया के तहत निजी घरानों को देना पूरे ट्रांसमिशन क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में पहला कदम है। इसी तरह उत्पादन क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट्स निजी कंपनियों को दिए जा रहे हैं।

फर्जी केस दर्ज करना मुख्य मुद्दे

बिजली कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पिछले 286 दिनों से चल रहे आंदोलन के कारण सरकार निजीकरण करने में सफल नहीं हो पाई है, जिसके चलते कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रही है। मंगलवार को वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़ समेत कई प्रमुख शहरों और परियोजनाओं पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए गए। कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। उनका संघर्ष जारी रहेगा।

1 / 7
Your Score0/ 7
Prashant Vinay Dixit

Prashant Vinay Dixit

Mail ID - [email protected]

Reporter

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!