Etah Medical College Scam: एंबुलेंस माफिया हावी, डॉक्टरों की मिलीभगत से गरीबों से ठगी

Etah Medical College Scam: एटा मेडिकल कॉलेज में मरीजों को सरकारी सुविधा से वंचित कर प्राइवेट एंबुलेंस से जबरन रेफर कराया जा रहा, डॉक्टरों व स्टाफ की मिलीभगत के आरोप।

Sunil Mishra
Published on: 7 Sept 2025 9:18 PM IST
Etah Medical College Scam: एंबुलेंस माफिया हावी, डॉक्टरों की मिलीभगत से गरीबों से ठगी
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Etah News

Etah Medical College Scam: मरीजों को बेचने का चल रहा खेल, प्राइवेट एंबुलेंस माफिया हावी, डाक्टरों की मिली भगत से गरीब मरीजों से छीनी जा रही मुफ्त सरकारी सुविधा, मिलीभगत के आरोप

एटा।वीरांगना अवंति बाई स्वशासी मेडिकल कॉलेज एटा में सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जहां गरीब मरीजों को मैडिकल कालेज के डाक्टरों द्वारा कमीशन के खेल के चलते प्राइवेट एंबुलेंसों के माध्यम से बेचा जा रहा है। जहां मरीजों को मुफ्त एंबुलेंस सुविधा मिलनी चाहिए, वहां प्राइवेट एंबुलेंस माफियाओं ने एक बार भी नेटवर्क के चलते पूरा कब्जा कर लिया है। आरोप है कि डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत से मरीजों को जबरन प्राइवेट एंबुलेंस से डरा धमका कर जबरन रेफर कराया जाता है।

जबकि ज्यादा तर मरीजों का मैडिकल कालेज में ही उपचार संभव है लेकिन नहीं किया जाता? इसी के चलते मरीज को अपनी अपनी एंबुलेंस से लेजाने को लेकर रोजाना झगड़े और मारपीट भी होती रहती है कुछ मामले तो पुलिस तक पहुंच जाते हैं। कई बार इमरजेंसी पर बाहरी लोग भी इसमें शामिल होकर बवाल कर चुके हैं। मामला कोतवाली नगर पुलिस तक पहुंचा, लेकिन कार्रवाई से पहले ही समझौते करा दिए जाते हैं।इसीलिए प्राइवेट एंबुलेंस चालक मैडिकल कालेज की इमर जैंसी में से लेकर वार्डों तक डाक्टर तथा स्टाफ के पास कभी भी बैठे देखे जा सकते हैं।

इन प्राइवेट एंबुलेंसों के संचालकों का एक अच्छा खासा गेंग भी है जो मैडिकल कालेज की प्राचार्या, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, नेताओं और अधिकारियों से सांठगांठ भी रखते हैं यानी सभी की सेवा सत्कार कर उन्हें अपने पक्ष में रखने के लिए प्रयास रत रहते हैं। इसी के चलते यह मैडिकल कालेज के गेट से लेकर सड़क पर कब्जा,कर नम्बर तथा बिना नंबर प्लेट वाली एंबुलेंस दोनों ओर खड़ी हो जाती है ऐसा लगता है यह मैडिकल कालेज का ही प्राईवेट एंबुलेंस स्टैंड हो।इसी क्रम में सुबह और शाम को जीटी रोड से मेडिकल कॉलेज जाने वाले रास्ते पर करीब आधा दर्जन एंबुलेंस खड़ी रहती हैं। इनमें बिना नंबर प्लेट वाली ऐंबुलेंस भी शामिल हैंइन पर न परिवहन विभाग कार्रवाई करता है, न ही ट्रैफिक पुलिस ध्यान देती है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या यह पूरा खेल प्राचार्या, डॉक्टर, प्रशासन और सरकारी एंबुलेंस चालकों की मिलीभगत से चल रहा है?एक ऐबूलैस मालिक ने बताया हमारी एंबुलेंसों को मरीज ऐसे ही नही मिलते सरकारी से प्राइवेट होस्पीटल में मरीज ले जाने पर एंबुलेंस से लेकर भेजने वाले सभी को कमीशन मिलता है कोई फ्री में मरीज नहीं भेजता। हमे भी भाड़े के अलावा अलग से कुछ पैसा मिल जाता है इसलिए हम लोग भी प्रयास करते हैं कि मरीज हमारी एंबुलेंस से ही जाये।

मरीज के परिजन का आरोप – डॉक्टर डालते हैं दबाव

मरीज के साथ आए राकेश कुमार ने कहा – “डॉक्टर पहले पूछते हैं कि सरकारी एंबुलेंस चाहिए या प्राइवेट। अगर सरकारी कहो तो बताते हैं कि देर होगी और वह सिर्फ सरकारी अस्पताल तक छोड़ेगी। फिर डराकर प्राइवेट अस्पताल ले जाने की सलाह देते हैं। मजबूरी में मरीज के परिजन मरीज की जान बचाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेते हैं।”

सीएमएस का चौंकाने वाला बयान

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सुरेश चंद्रा ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के बाहर खड़ी एंबुलेंस उनकी रेंज से बाहर हैं, उन्हें रोकना उनके अधिकार में नहीं। यानी मेडिकल कॉलेज के गेट से ही माफियाओं को खुली छूट मिली हुई है।वहीं मौहल्ले वासी अरविन्द भारद्वाज ने बताया कि यह एंबुलेंस वाले हमारे निकलने वाले मुख्य मार्ग के सामने एंबुलेंस लगा लेते हैं जिससे निकलने वालों को भारी परेशानी होती है साथ ही एक्सीडेंट की संभावना भी बढजाती है। श्रीकृष्ण गुप्ता ने कहा यह लोग घरों के सामने एक साथ कई एंबुलेंस खडी कर आपस में गाली गलौज व अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं जिससे सड़क से गुजरने वाली महिलाओं व पुरुषों तथा मौहल्ले वासियों दोनों को भारी परेशानी होती है इनके मैडिकल परिसर में खड़े होने पर रोक लगाने की जरूरत है। प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए।

बड़ा सवाल – कब रुकेगा यह कमीशन का खेल?

एटा मेडिकल कॉलेज कब तक कमीशन खोर स्वास्थ्य कर्मियों, एंबुलेंस माफियाओं के कब्जे में रहेगा? गरीबों को मिलने वाली मुफ्त सरकारी सुविधा कब तक दलालों और कमीशनखोरों की भेंट चढ़ती रहेगी? मुख्यमंत्री जी को भी ऐसे माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है जिससे गरीबों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके।

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