एटा में झोलाछाप अस्पतालों का ख़ौफ, ओटी में गंदे कपड़े नाले के पास सुखाने का शर्मनाक मामला

एटा के एक झोलाछाप अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर के गंदे कपड़े नाले के पास खुले में सुखाए गए, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया।

Sunil Mishra
Published on: 4 Sept 2025 5:41 PM IST
एटा में झोलाछाप अस्पतालों का ख़ौफ, ओटी में गंदे कपड़े नाले के पास सुखाने का शर्मनाक मामला
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Etah News: एटा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही सामने आई है, जहां झोलाछाप डॉक्टरों के साथ-साथ झोलाछाप अस्पताल भी सक्रिय हो चले हैं। शिकोहाबाद रोड स्थित मां पूर्णागिरि हॉस्पिटल, जिसकी संचालक डॉक्टर शशी हैं, में ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में इस्तेमाल किए गए कपड़े खुले में, नाले के पास सुखाए जा रहे हैं। यह स्थिति न सिर्फ मरीजों के लिए खतरनाक है बल्कि स्वास्थ्य विभाग की बड़ी अनदेखी का प्रमाण भी है।

बारिश के मौसम में गंदगी और नमी के कारण बैक्टीरिया और संक्रामक जीवाणु तेजी से पनपते हैं। ऐसे संक्रमित कपड़े पहनकर डॉक्टर या स्टाफ के द्वारा मरीजों का सुरक्षित इलाज करना लगभग असंभव है। स्थानीय निवासी प्रमोद कुमार ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल का संचालन झोलाछाप डॉक्टरों के इशारे पर हो रहा है, जिन्हें न तो चिकित्सा मानकों की जानकारी है और न ही मरीजों की सुरक्षा की परवाह।

चिकित्सकीय नियमों के अनुसार, ऑपरेशन थिएटर में हर कपड़ा और उपकरण पूरी तरह से स्टरलाइज्ड होना चाहिए ताकि संक्रमण का खतरा समाप्त हो। लेकिन मां पूर्णागिरि हॉस्पिटल में इन नियमों की अनदेखी कर खुले में गंदगी के बीच कपड़े सुखाए जा रहे हैं। एटा के एक चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह की लापरवाही से मरीजों के जीवन पर गंभीर खतरा मंडराता है। ऑपरेशन के दौरान मामूली संक्रमण भी जानलेवा साबित हो सकता है।

ग्रामीणों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर अपनी मनमानी करते हुए मरीजों से हजारों रुपये वसूलते हैं। समाजसेवी अरुण कुमार ने बताया कि अगर किसी मरीज की मौत भी हो जाती है तो ये लोग पुलिस से सांठगांठ करके परिवार को एक-दो लाख रुपये देकर मामला दबा देते हैं।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग ऐसी लापरवाह अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों पर मेहरबान क्यों है? यदि विभाग सख्त कार्रवाई नहीं करता है, तो यह स्थिति किसी भी समय बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। स्थानीय नागरिकों ने जिलाधिकारी एटा प्रेमरंजन सिंह से तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी राम सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी। वहीं, पहले भी इस हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन और बिना रजिस्ट्रेशन के डॉक्टरों द्वारा संचालन पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन कार्रवाई की बजाय सैटिंग का खेल खेला गया और मामला दबा दिया गया। अब देखना यह है कि क्या इस बार स्वास्थ्य विभाग कुछ ठोस कदम उठाता है या फिर पुरानी तरह सब कुछ वही चलता रहेगा।

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Shivam Srivastava

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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