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Etawah News: ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर लाखों की ठगी: इटावा पुलिस ने अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह का किया भंडाफोड़
Etawah News: इटावा पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के बहाने करोड़ों की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह विदेशी अपराधियों से संपर्क में था और फर्जी चालू खाते के जरिए डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग करता था।
ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर लाखों की ठगी: इटावा पुलिस ने अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह का किया भंडाफोड़ (Photo- Newstrack)
Etawah News: इटावा पुलिस ने एक बड़े साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे। यह गिरोह फर्जी फर्म बनाकर उनके नाम पर चालू खाते खुलवाता था और फिर टेलीग्राम व व्हाट्सएप के जरिए इन खातों का प्रयोग कर ठगी की जाती थी।
इटावा में बड़ा साइबर फ्रॉड गिरोह पकड़ा गया
पुलिस को इस गिरोह के बारे में एक आपराधिक सूचना मिली थी, जिसके बाद कोतवाली, एसओजी, साइबर क्राइम और सर्विलांस टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 20 जुलाई 2025 की सुबह टीटी तिराहे से चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
अभियुक्तों के पास से बरामद सामान
गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस को भारी मात्रा में साइबर अपराध में इस्तेमाल होने वाला सामान मिला, जिसमें शामिल हैं:
06 मोबाइल फ़ोन
01 पेन ड्राइव
13 एटीएम कार्ड
03 पासबुक, 07 चेकबुक
02 आधार कार्ड, 03 पैन कार्ड
एक फर्जी फर्म की मुहर
01 कार (टाटा पंच), 01 मोटरसाइकिल
इंडोनेशिया की सिम कार्ड
एक मेट्रो कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस
जुर्म कबूला, विदेशी लिंक का हुआ खुलासा
अभियुक्तों ने बताया कि वे MSME सर्टिफिकेट बनवाकर चालू खाता खोलते थे और इन खातों की डिटेल्स टेलीग्राम और व्हाट्सएप पैनल ग्रुप्स में साझा करते थे। इन खातों के माध्यम से एक करोड़ रुपये तक का ट्रांजेक्शन होता था, जिसमें उन्हें 3-4% कमीशन मिलता था।
उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि उनका संपर्क चीन, हांगकांग और इंडोनेशिया के साइबर अपराधियों से था और एक खाते में 100 करोड़ रुपये तक ट्रांजेक्शन कराने के लिए बातचीत की जा चुकी थी।
कहां के रहने वाले हैं अभियुक्त?
यश प्रताप सिंह – बलिया
यश आर्या – झांसी
हिमांशु शर्मा – इटावा
हिमांशु चौधरी – बुलंदशहर
इन सभी के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
साइबर क्राइम की बढ़ती चुनौती
गिरोह का मकसद केवल ठगी करना नहीं था, बल्कि ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड को वैध रूप में दिखाकर युवाओं को फंसाना और डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों की कमाई करना था। ये आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपील करने वाले विज्ञापन और स्क्रीन्शॉट दिखाकर आम लोगों को अपने साथ जोड़ते थे और एक APK फाइल डाउनलोड करवा कर खातों को रिमोट एक्सेस कर लेते थे।
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