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Firozabad News: यमुना नदी ने निचले इलाके में मचाई तबाही, कई गावों का संपर्क टूटा
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से फिरोजाबाद के निचले गांव जलमग्न हो गए, लोग छतों व स्कूलों में शरण लिए हैं, प्रशासनिक मदद नहीं पहुंची।
Firozabad News: यमुना नदी में जल स्तर बढ़ गया है। आलम यह है कि यमुना किनारे बसे निचले गांव जलमग्न हो गये हैं। घरों में तीन से चार फीट तक पानी भरा है। कुछ परिवार प्राथमिक विद्यालय में रह कर गुजारा कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों को रोजी-रोटी के लिए ट्यूव के सहारे घरों से दूसरे गांव तक जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी उनकी हालत को देखने तक नहीं पहुंचा है, राहत की बात तो दूर है।
हरिहा गांव के चार मजरों में इस समय यमुना नदी अपना रौद्र् रूप दिखा रही है। ये चारों गांव एक तरह से पानी में डूब से गये हैं। यहां के प्रत्येक घर में चार फीट पानी भरा हुआ है। जिससे ज्यादातर लोग मकानों की छतों पर रहने को मजबूर हैं। पांच परिवार गांव के बाहर ऊंचाई पर बने प्राथमिक विद्यालय में आश्रय लिए हुये हैं। यहीं पर रह कर वह अपने दिन-रात व्यतीत कर रहे हैं। स्कूल के छात्र-छात्राओं को शिक्षक दूसरी जगह पढ़ा रहे हैं। यहां सिद्धकापुरा और रंजीतकापुरा का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है। रंजीत पुरा के लोग दूध की केन ट्यूव में बांध कर लाते हैं। आलम यह है कि मार्ग में कमर से ऊपर पानी है। जिससे वह नंगे बदन ही आते हैं और सिद्धकापुरा पहुंच कर कपड़े पहनते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वह दैनिक कार्यों के साथ ही रोजगार के लिए भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। बीमार बच्चों को दवा भी नहीं दिला पा रहे हैं। वहीं पशुओं के दूध को बेंचने के लिए उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। सिद्धका पुरा तक किसी तरह पशुओं का दूध लेकर आते हैं और फिर यहां लोडर वाहन में लोड कराकर बाजार में भेजते हैं।
यह परिवार प्राथमिक विद्यालय में रहने को हैं मजबूर
हरिया के मजरा रंजीतका पुरा के पांच परिवार एसे हैं जिनका पूरा घर पानी में डूब चुका है। उन्हें रहने के लिए छत भी नहीं है। इस लिए ये पांचों परिवार अपना सामान लेकर गांव के बाहर ऊंचाई पर बने प्राइमरी स्कूल में आसरा लिए हुए हैं। जो परिवार स्कूल में रह रहे हैं उनमें रामवीर, रामबख्श, पुत्तू सिंह, बंटू, सूबेदार शामिल हैं। इन लोगों का कहना है कि सात दिन हो गये, लेकिन अभी तक प्रशासन की कोई टीम नहीं पहुंची है। उन्हें इस समय प्राशनिक राहत की आवश्यकता है। उनका बहुत नुकसान हुआ है। उसका आंकलन कराया जाए और उन्हें सरकार से आर्थिक मदद दिलाई जाए।
डीएम ने किया बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा
शिकोहाबाद। यमुना के बढ़ते जलस्तर के मददेनजर जिलाधिकारी ने जनपद के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर अधीनस्थों को दिशा निर्देश दिये।
इस क्रम में सर्वप्रथम वह तहसील सदर के ग्राम मडुआ में बाढ़ की स्थितियों का जायजा लेने पहुंचे। इसके बाद टूंडला क्षेत्र के ग्राम रसूलाबाद का भी भ्रमण किया। इस दौरान जिलाधिकारी के साथ अपर जिलाधिकारी विशु राजा,उप जिलाधिकारी फ़िरोज़ाबाद, उप जिलाधिकारी टूंडला,एक्स ई एन विद्युत फिरोजाबाद और टूंडला,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी फिरोजाबाद एवं टूंडला इत्यादि मौजूद रहें। जिला अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों से वार्ता कर उनकी स्थितियों का जायजा लिया। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की तरफ से उन्हें संपूर्ण मदद पहुंचाई जा रही है।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को यहां पर राहत शिविर में संपूर्ण व्यवस्थाएं संपन्न कराने, नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं जैसे भोजन,पानी,कपड़ा और दवा के वितरण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने नागरिकों को हिदायत दी की कि बाढ़ के पानी में अनावश्यक रूप से न तैरे और न जाएं। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सीय टीम सदैव सक्रिय रहे। पशुओं के लिए भूसा और चारे की व्यवस्था रहे। आपदा स्थितियों के लिए राशन की टीम को तैयार रहने के लिए कहा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इस दौरान पशुओं को मुहपका और खुरपका बीमारियों की संभावना रहती है। इसलिए सभी पशुओं को टीका लगाया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा। साथ ही उपस्थित ग्राम वासियों से अपील की की नदी के लिए जो आरक्षित भूमि है, उस पर कदापि घर इत्यादि न बनाएं। अन्यथा की स्थिति में आगे चलकर आपको मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने समस्त ग्राम वासियों को यह आश्वासन दिया कि प्रशासन आपके साथ 24 घंटे है। आप किसी भी स्थिति में परेशान न हो आपकी समस्याओं का हल करने के लिए प्रशासन सदैव तत्पर है।
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