Gorakhpur DDU ने बढ़ाई राष्ट्रीय पहचान, 15 राज्यों के छात्र-छात्राओं से राष्ट्रीय उपस्थिति हुई डबल

Gorakhpur News : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने बढ़ाई राष्ट्रीय पहचान, 15 राज्यों के छात्रों के प्रवेश से राष्ट्रीय उपस्थिति दोगुनी हुई

Purnima Srivastava
Published on: 23 Oct 2025 7:44 AM IST
Gorakhpur DDU ने बढ़ाई राष्ट्रीय पहचान, 15 राज्यों के छात्र-छात्राओं से राष्ट्रीय उपस्थिति हुई डबल
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DDU Gorakhpur University ( Image From Social Media )

Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDUGU), जो लंबे समय से पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक अग्रणी शिक्षा संस्थान के रूप में जाना जाता रहा है, अब देश भर में अपनी उत्कृष्टता की पहचान बना रहा है। विश्वविद्यालय ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र स्नातक (UG) और परास्नातक (PG) कक्षाओं में प्रवेश के लिए 15 राज्यों के छात्रों को आकर्षित कर एक बड़ी सफलता हासिल की है, जिससे इसकी राष्ट्रीय उपस्थिति दोगुनी हो गई है।

​राष्ट्रीय पहुंच में अभूतपूर्व वृद्धि

​विश्वविद्यालय को भारत के 28 राज्यों तथा 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से 26 से आवेदन प्राप्त हुए थे। हालांकि, अंतिम प्रवेश सूची में 15 राज्यों के अभ्यर्थी स्थान बना सके। यह पिछले सत्र की तुलना में एक महत्वपूर्ण छलांग है, जब केवल 8 राज्यों के अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया था। यह वृद्धि विगत दो वर्षों में बाहरी राज्यों के छात्रों के बढ़ते आकर्षण को दर्शाती है। भौगोलिक क्षेत्रों के नजरिए से, हिंदी भाषी पट्टी के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, और सिक्किम जैसे पूर्वोत्तर प्रांतों तथा उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के अभ्यर्थियों ने भी विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया है।

कल्पनाशीलता, ​उत्कृष्टता और नवाचार का परिणाम

​यह प्रभावशाली वृद्धि विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन में उत्कृष्ट प्रदर्शन और विश्व प्रसिद्ध प्रतिष्ठित रैंकिंग्स में लगातार प्रभावशाली प्रदर्शन का सीधा परिणाम है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई अनेक नवाचारी पहलों, प्रशासनिक सुधारों, और कुलपति प्रो पूनम टंडन के कल्पनाशील प्रयासों के चलते अकादमिक माहौल में आया सकारात्मक बदलाव भी बाहरी छात्रों को आकर्षित कर रहा है।

​शोध के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय अपील बढ़ी है। विगत दो शोध पात्रता परीक्षाओं (RET) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 की RET परीक्षा में 9 राज्यों के विद्यार्थी प्रवेश पाने में सफल हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 12 राज्यों तक पहुंच गई है।

​सांस्कृतिक बहुलता को बढ़ावा

​कुलपति प्रो पूनम टंडन ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "देश के कोने-कोने से प्रतिभाशाली छात्रों का हमारे विश्वविद्यालय में आना हमारे लिए गर्व का विषय है। इससे यहां की गुणवत्ता को स्वीकार्यता मिली है साथ ही साथ इससे विश्वविद्यालय परिसर में सांस्कृतिक बहुलता और विविधता को बढ़ावा मिलेगा, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। बाहर से आए विद्यार्थी इसकी पुष्टि भी करते हैं। रक्षा अध्ययन विभाग में शोध छात्र मणिपुर निवासी हेक्टर टेलिन परिसर के समावेशी वातावरण से बेहद खुश हैं। बकौल टेलिन हम अपने हिंसा की लपटों में जल रहे राज्य से दूर एक अपरिचित क्षेत्र में आए थे पर एक वर्ष में मेरे कई घनिष्ठ साथ बन गए हैं। पढ़ाई से लेकर घूमने फिरने में हमारे साथी हमें अकेला नहीं छोड़ते।

एक अन्य शोध छात्र चेनखेई यांबकेम इस बात से अभिभूत हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी छात्रावास की समस्या में काफी सहयोग किया। वे यहां की पढ़ाई और छात्रों के लिए विभागीय तथा केंद्रीय पुस्तकालय की सुविधा से भूत खुश हैं। प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो हर्ष कुमार सिन्हा के मुताबिक आज का युवा अपने अध्ययन परिसरों या विषयों के चयन के लिए इंटरनेट की मदद से कई पैमानों पर अलग अलग संस्थानों का परीक्षण करता है। देश भी में अपने अनवरत प्रदर्शन और विश्वस्तरीय रैंकिंग्स में स्थान बनाने के बाद अब यहां हर जगह के विद्यार्थी रुचि ले रहे हैं।

यदि देखें तो केवल गोवा, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना, सिक्किम, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार या लक्षद्वीप को छोड़कर, प्रायः सभी राज्यों और संघशासित क्षेत्रों के विद्यार्थी अब दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो इसे वास्तव में एक राष्ट्रीय शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।

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