Gorakhpur News: विकसित भारत के लिए कर्मयोग की मूल विचारधारा को समझना जरूरी, प्रमुख सचिव वेंकटेश्वरलू का व्याख्यान

Gorakhpur News: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में सम्बद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय की तरफ से ‘कर्मयोग, अभ्युदय एवं विकसित भारत’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

Purnima Srivastava
Published on: 3 May 2025 5:59 PM IST
Gorakhpur News: विकसित भारत के लिए कर्मयोग की मूल विचारधारा को समझना जरूरी, प्रमुख सचिव वेंकटेश्वरलू का व्याख्यान
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Gorakhpur News: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में सम्बद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय की तरफ से ‘कर्मयोग, अभ्युदय एवं विकसित भारत’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव समाज एल. वेंकटेश्वरलू ने कहा कि भारत एक प्राचीन संस्कृति और गौरवशाली परंपराओं का देश है। आध्यात्मिकता, कर्म का सिद्धांत और सतत विकास इसकी पहचान रहे हैं। आज जब भारत ‘विकसित भारत’ की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है, तब यह आवश्यक हो जाता है कि हम उस मूल विचारधारा को फिर से समझें जिसने इस महान राष्ट्र को सदियों तक ऊर्जावान बनाए रख वह है ‘कर्मयोग’।

विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए श्री वेंकटेश्वरलू ने कहा कि कर्मयोग न केवल आत्म-विकास का मार्ग है बल्कि राष्ट्र निर्माण की भी एक सशक्त आधारशिला भी है। इसी क्रम में अभ्युदय अर्थात समष्टिगत कल्याण तभी संभव है जब हर नागरिक अपने-अपने क्षेत्र में कर्मयोग की भावना से कार्य करे। ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’, भगवद्गीता का यह श्लोक भारतीय दर्शन की रीढ़ है। इसका आशय यह है कि मनुष्य को केवल अपने कर्तव्य के पालन में ही अधिकार है, न कि उसके फल की चिंता में। यही कर्मयोग है, निस्वार्थ भाव से कार्य करना, जिसमें न केवल व्यक्तिगत उन्नति छिपी है, बल्कि समाज और राष्ट्र की भलाई भी निहित है।

व्याख्यान को सारगर्भित करते हुए प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने कहा कि भारत का भविष्य कर्मयोग पर आधारित अभ्युदय में निहित है। जब हर नागरिक अपने कर्तव्यों को निस्वार्थ भाव से निभाएगा तो एक समृद्ध और विकसित भारत स्वतः ही आकार लेगा। हमें अपने पुरातन मूल्यों से प्रेरणा लेकर आधुनिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति निर्माण का समन्वय करना होगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के अभ्युदय में युवाओं की महती भूमिका है। स्वस्थ मन, अनुशासन और लक्ष्य से विकसित भारत के अभ्युदय की सिद्धि होगी जिसमें हम सभी को अपने जीवन लक्ष्य से विकसित भारत के दिव्य अभ्युदय में आहुति देने का संकल्प लेना होगा।

आज समय का प्रबंधन आवश्यक

विद्यार्थियों को टिप्स देते हुए श्री वेंकटेश्वरलू ने कहा कि आज समय का प्रबंधन आवश्यक है, बातों से नहीं व्यवस्था में अनुशासन होना चाहिए। कहा कि कामना से व्यक्ति विचलित होता हैं जबकि धर्म को धारण करने पर आनन्द की प्राप्ति होती है। धर्म से विमुख होकर मानव पथभ्रष्ट हो जाता है। भारत की वैदिक संस्कृति और चिकित्सा पद्धति में ऋषि-मुनियों और हमारे पूर्वजों ने ज्ञान को आत्मसात कर विश्वगुरु होने का सौभाग्य ग्रहण किया है। कर्मयोग की प्रधानता पर विद्यार्थियों का ज्ञानार्जन करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को वर्तमान सोशल मीडिया और समाज की चकाचौंध से बचते हुए शिक्षा को जीवन का लक्ष्य बनाकर ज्ञानार्जन करना चाहिए। इससे जीवन के भटकाव दूर होकर सभी क्षेत्रों में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। कहा कि जो भोगी होगा वह रोगी होगा। जो योगी होगा तो वहनिरोगी होगा।

सीएम योगी ने साकार किया अभ्युदय का संकल्प

प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्यार्थियों और समाज के हर वर्ग को शिक्षा का अधिकार देने के संकल्प से अभ्युदय योजना को साकार किया है। इससे विद्या का अमृत ज्ञान प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को अभ्युदय योजना से लाभान्वित होकर विद्या की रोशनी को ग्रहण करने का अवसर मिला है। उन्होंने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया।

कर्मयोग से होता है अभ्युदय : अश्वनी राय

व्याख्यान के विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अश्वनी कुमार राय ने कहा कि कर्मयोग, अभ्युदय एवं विकसित भारत

तीनों विषय अद्भुत है। कर्मयोग के बिना विकसित भारत की संकल्पना पूरी नहीं होगी। कर्मयोग के द्वारा अभ्युदय होता है। भारतीय मनीषा में दर्शन का मूल सिद्धांत कर्मयोग है जिसे साधकर साधक अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता हैं। उन्होंने कहा कि 2047 में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी । आज जो विद्यार्थी यहां ज्ञान अर्जन कर रहे है आने वाले समय में वे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य ग्रहण करेंगे। व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि भारत विश्व शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, तब राष्ट्र के युवाओं से अपेक्षा है कि वे केवल सपने न देखें, बल्कि उन्हें साकार करें। ऐसे समय में कर्मयोग युवाओं के लिए केवल एक आध्यात्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि जीवन का व्यावहारिक मार्गदर्शन है। संचालन डॉ. अनुकृति राज और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अमित कुमार दुबे ने किया।

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, उपनिदेशक समाज कल्याण विभाग सुरेशचंद पाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा, समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह, चंद्रबलि, डॉ. धीरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. पवन कुमार कनौजिया, डॉ.अवेद्यनाथ सिंह, डॉ. संदीप कुमार श्रीवास्तव, डाॅ.अंकिता मिश्रा, डॉ.कीर्ति कुमार यादव, , डॉ. प्रेरणा अदिती, डाॅ. किरन कुमार ए., , डॉ.आशुतोष श्रीवास्वत, धनंजय पाण्डेय, सहित सभी विभागों के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Cordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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