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Hapur News: हापुड़ में बड़ा हादसा: भमैड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय की छत का प्लास्टर गिरा, तीन छात्र घायल — लापरवाही पर उठे सवाल
Hapur News: स्कूल की कक्षा-5 में पढ़ाई के दौरान अचानक छत का प्लास्टर भरभराकर गिर गया, जिससे तीन छात्र घायल हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हापुड़ में बड़ा हादसा (photo: social media )
Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत भमैड़ा गांव में शुक्रवार को एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। स्कूल की कक्षा-5 में पढ़ाई के दौरान अचानक छत का प्लास्टर भरभराकर गिर गया, जिससे तीन छात्र घायल हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
कैसे हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय भमैड़ा में कुल 188 छात्र पंजीकृत हैं। शुक्रवार को कक्षा-5 में 31 बच्चे उपस्थित थे। पढ़ाई के दौरान अचानक छत का प्लास्टर और मलबा गिर पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह मलबा ठीक उन बच्चों पर गिरा जो पहली पंक्ति में बैठे थे। इससे 10 वर्षीय छात्रा फिजा और 11 वर्षीय छात्र आहिल गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि तीसरे छात्र को मामूली चोटें आईं। घायल बच्चों को तत्काल एंबुलेंस की सहायता से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
अफरा-तफरी का माहौल, मौके पर पहुंचे अधिकारी
घटना के तुरंत बाद विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई। शिक्षक और ग्रामीण बच्चों को बाहर निकालने में जुट गए। हादसे की सूचना मिलते ही कोतवाली बाबूगढ़ की पुलिस टीम और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्राथमिक जांच में स्कूल भवन की स्थिति को जर्जर और असुरक्षित बताया गया है।
कोतवाली प्रभारी का बयान
कोतवाली प्रभारी महेंद्र सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि “हादसे में तीन बच्चे घायल हुए हैं, जिनमें दो की हालत गंभीर है। उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है। फिलहाल स्कूल भवन की स्थिति की जांच कराई जा रही है, और कक्षा को तत्काल खाली करा दिया गया है।”
प्रशासन पर उठे सवाल, ग्रामीणों में आक्रोश
इस हादसे के बाद ग्रामीणों और अभिभावकों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि स्कूल भवन की जर्जर हालत के बावजूद प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और स्कूल भवन की पुनः जांच की मांग की है।
क्या हैं बड़ी चिंताएं?
यह हादसा कई सवाल छोड़ गया है:
क्या सरकारी स्कूलों की इमारतें बच्चों के लिए सुरक्षित हैं?
भवनों के नियमित निरीक्षण और मरम्मत की जिम्मेदारी कौन निभा रहा है?
बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितनी सतर्कता बरती जा रही है?
भविष्य के लिए चेतावनी
भमैड़ा गांव की यह घटना एक चेतावनी है। अगर समय रहते कदम न उठाए गए होते, तो यह हादसा और बड़ा हो सकता था। यह आवश्यक है कि सरकारी स्कूलों की इमारतों की नियमित जांच हो और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में बच्चों की जान से खिलवाड़ न हो।
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