Jhansi News: झाँसी में रोजगार सेवकों ने क्रॉप सर्वे का विरोध किया, बोले- "नियमों के विपरीत है"

Jhansi News: संघ का कहना है कि यह कार्य उनके जॉब चार्ट में शामिल नहीं है और पहले से ही उन पर कई जिम्मेदारियाँ हैं, ऐसे में अतिरिक्त कार्य करना संभव नहीं है।

Gaurav kushwaha
Published on: 22 Aug 2025 4:38 PM IST
Jhansi News: झाँसी में रोजगार सेवकों ने क्रॉप सर्वे का विरोध किया, बोले- नियमों के विपरीत है
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झाँसी में रोजगार सेवकों ने क्रॉप सर्वे का विरोध किया   (photo: social media )

Jhansi News: मोंठ विकासखंड के ग्राम रोजगार सेवकों ने एग्रीस्टेक डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य कराने पर असमर्थता जाहिर करते हुए खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। संघ का कहना है कि यह कार्य उनके जॉब चार्ट में शामिल नहीं है और पहले से ही उन पर कई जिम्मेदारियाँ हैं, ऐसे में अतिरिक्त कार्य करना संभव नहीं है।

ग्राम रोजगार सेवक संघ (उ.प्र.) द्वारा सौंपे गए पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि शासनादेश के अनुसार रोजगार सेवकों से उनके जॉब चार्ट के अतिरिक्त कोई कार्य नहीं लिया जा सकता। इसके बावजूद क्रॉप सर्वे का कार्य सौंपा जाना नियमों के विपरीत है।

पत्र में यह भी बताया गया कि 02 जुलाई 2025 को संयुक्त कृषि निदेशक के पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि क्रॉप सर्वे का कार्य प्राइवेट सर्वेयर से कराया जाना चाहिए, न कि संविदा पर कार्यरत रोजगार सेवकों से।

व्यावहारिक कठिनाइयों का भी जिक्र

रोजगार सेवकों ने अपनी व्यावहारिक कठिनाइयों का भी जिक्र किया। उनका कहना है कि अधिकांश रोजगार सेवक पहले से ही बी.एल.ओ. कार्य में लगे हुए हैं और साथ ही मनरेगा कार्यों में प्रतिदिन सुबह और शाम दोनों समय ऐप से हाजिरी लगानी होती है। ऐसे में अतिरिक्त कार्य करने के लिए समय निकाल पाना असंभव है।

संघ ने यह भी कहा कि वर्षों से रोजगार सेवकों के जॉब चार्ट में नए कार्यों को जोड़े जाने और उसके अनुरूप मानदेय बढ़ाए जाने की मांग लंबित है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। इसके अलावा, उच्च गुणवत्ता के मोबाइल फोन उपलब्ध कराने की मांग भी बार-बार की जाती रही है ताकि तकनीकी कार्य सुचारू रूप से हो सके, लेकिन अब तक उस पर ध्यान नहीं दिया गया।

रोजगार सेवकों ने यह गंभीर मुद्दा भी उठाया कि एक वर्ष से ईपीएफ की कटौती हो रही है, लेकिन वह उनके यूएएन नंबर में जमा नहीं हो रही। वहीं, आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में भी उन्हें किसी तरह की सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती।

संघ ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार उनके जॉब चार्ट में अतिरिक्त कार्यों को शामिल कर मानदेय बढ़ाती है, अच्छी क्वालिटी के मोबाइल उपलब्ध कराती है और दुर्घटना मुआवजे का प्रावधान करती है, तो वे सरकार द्वारा दिए जाने वाले हर कार्य को सहर्ष स्वीकार करने को तैयार हैं।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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