Jhansi News: कंपोजिट विद्यालय में दीवार गिरने से पांच बच्चे घायल, दो रेफर

Jhansi News: झांसी जिले के गुरसरांय ब्लॉक के ग्राम डोंडिया में स्थित कंपोजिट विद्यालय में खेलकूद के दौरान दीवार गिरने से पांच छात्र घायल हो गए।

Gaurav kushwaha
Published on: 6 Nov 2025 6:50 PM IST
Jhansi News: कंपोजिट विद्यालय में दीवार गिरने से पांच बच्चे घायल, दो रेफर
X

Jhansi News

Jhansi News: गुरसरांय ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम डोंडिया स्थित कंपोजिट विद्यालय में खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। खेलकूद के बीच विद्यालय परिसर के अंदर बनी दीवार अचानक भरभराकर गिर गई, जिसकी चपेट में कई बच्चे आ गए। हादसे में पांच छात्र घायल हो गए।घायलों की पहचान पुनीत पुत्र पुरुषोत्तम उम्र 14 वर्ष, कमलेश कुमार पुत्र सूरजभान उम्र 14 वर्ष, क्रश पुत्र स्वर्गीय गोविंदास उम्र 13 वर्ष—तीनों निवासी ढुरवई थाना टोडी फतेहपुर, सुमित पुत्र रामपाल उम्र 12 वर्ष एवं विशाल पुत्र धर्मपाल उम्र 13 वर्ष—दोनों निवासी करगुवां थाना गुरसरांय के रूप में हुई है।

घटना के बाद विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई। शिक्षकों और ग्रामीणों की मदद से सभी घायलों को तत्काल गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार किया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने क्रश और सुमित को बेहतर इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। हादसे के बाद विद्यालय में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है।

शीशों पर काली फिल्म लगी गाड़ियों से हो जाएं सावधान !

झांसी। जिले की यातायात व्यवस्था लचर है। बस हो या कार। सब लोग नियम तोड़ रहे हैं। कोई क्षमता से ज्यादा सवारी बैठाता है। कोई प्राइवेट नंबर का व्यवसायिक उपयोग कर रहा है। अब तो हाल ये है कि लोग खुलेआम अपनी गाड़ियों में काला शीशा लगाकर बेखौफ घूम रहे हैं। झांसी महानगर में कई बार काला शीशा लगे वाहनों से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। लेकिन इस मामले में प्रशासन गंभीर नहीं है। सरकार द्वारा काला शीशा पर प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद इसके सड़क पर काला शीशा लगे वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। हालांकि झांसी में अब तक एेसी घटना नहीं हुई है। इसके बावजूद यहां सतर्कता भी नहीं दिख रही है।

क्या हो सकते हैं अपराध

काला शीशा लगे वाहन के अंदर कौन, अपराधी है या वीआईपी, इसका पता न तो पुलिस को चल पाता है न जनता को। काला शीशा लगे वाहनों का उपयोग अक्सर आपराधिक गतिविधियों के लिए होता आया है। कारों से हत्या और अपहरण की वारदातों को अंजाम दिया जा सकता है। आपराधिक चरित्र वाले लोग अपनी पहचान छिपाने के लिए एेसे वाहनों का उपयोग करते हैं।

शीशे के ऊपर लगाते हैं काली फिल्म

लग्जरी बसों और कारों के शीशे में काली फिल्म लगायी जाती है। शहर में दर्जनों वाहन चल रहे हैं। यह पूरी तरह गैर कानूनी है। काला शीशा लगे वाहनों के अंदर क्या हो रहा है, सड़क पर आने-जाने वाले देख नहीं सकते हैं। दिल्ली में दामिनी दुष्कर्म कांड चर्चित उदाहरण है। काला शीशा लगी लग्जरी बस में घटना को अंजाम दिया गया था। काला शीशा लगे वाहनों पर सवार अपराधी अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। कई बार एेसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं करता है। इसके कारण शहर में काला शीशा वाले व्यवसायिक और निजी वाहन बेधड़क चलते दिखते हैं।

काली फिल्म वाले वाहनों पर लगाई थी सर्वोच्च न्यायालय ने पाबंदी

वर्ष 2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय देते हुए वाहनों पर काली फिल्म या गहरे रंग के शीशे लगाने पर प्रतिबंध लगाया था। अदालत ने स्पष्ट कहा था कि इस तरह की फिल्म सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा है। कई बार अपराधी इस सुविधा का इस्तेमाल कर अपराध को अंजाम देते हैं और दुर्घटनाओं की जांच में भी बाधा आती है।

समाज की सुरक्षा को प्राथमिकता

काली फिल्म लगाने के पीछे दो प्रमुख कारण बताए जाते हैं। गर्मी से बचाव और गोपनीयता। लेकिन इसकी आड़ में कई अपराधी वाहन का उपयोग छेड़छाड़, अपहरण, चोरी और यातायात नियम तोड़ने जैसे अपराधों के लिए करते हैं। न्यायालय ने समाज की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह सख्त आदेश लागू किया था।

अभियान चलाकर होगी कार्रवाई

वाहन चालकों को लगातार जागरुक किया जा रहा है। वाहन विक्रेताओं को भी निर्देश दिए हैं कि वे ग्राहकों को काफी फिल्म न उपलब्ध कराएं। नियमित जांच अभियान के तहत कार्रवाई की जाएगी।

1 / 8
Your Score0/ 8
Shalini singh

Shalini singh

Mail ID - [email protected]

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!