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बिना कनेक्शन और स्टीमेट के खींची गई बिजली लाइन, पोल खुलते ही शुरू हुई लीपापोती
Lakhimpur Kheri News: ईसानगर में बिना मंजूरी लगाए गए ट्रांसफार्मर से जुड़ा घोटाला उजागर
Isanagar Power Scam
Lakhimpur Kheri News: ईसानगर ब्लॉक स्थित एक औद्योगिक संस्थान में बिजली विभाग की लापरवाही और मिलीभगत का बड़ा मामला सामने आया है। बिना कनेक्शन और बिना स्टीमेट पास कराए ही बिजली की लाइन खींचकर 25 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाकर सप्लाई शुरू कर दी गई। महीनों तक यह अनियमित सप्लाई चलती रही और जैसे ही पोल खुला, विभागीय लीपापोती भी शुरू हो गई। यह मामला अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईसानगर क्षेत्र की एक फैक्ट्री में लगभग एक वर्ष पूर्व कई खंभे लगाकर बिजली लाइन खींची गई थी। विभागीय नियमों की अनदेखी करते हुए बिना किसी स्वीकृत कनेक्शन या स्टीमेट के 25 केवीए का ट्रांसफार्मर भी स्थापित कर दिया गया और सप्लाई शुरू कर दी गई।
यह मामला तब उजागर हुआ जब उपभोक्ता ने मीटर लगाने के लिए उच्च अधिकारियों को आवेदन दिया। फाइल खंगालने पर पता चला कि उस लाइन से संबंधित कोई भी विभागीय दस्तावेज मौजूद नहीं है। इसके बाद आनन-फानन में जांच शुरू की गई।जब इस संबंध में एक्सईएन निघासन रविंद्र यादव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही कोई ठोस जानकारी दी जा सकेगी।
स्थानीय बिजली विभाग के कर्मचारियों के अनुसार, इस पूरी लाइन को खींचने का काम तत्कालीन जेई, खमरिया और अदलिशपुर के लाइनमैन तथा लखीमपुर के एक ठेकेदार की मिलीभगत से किया गया था। यह डील ₹1,65,000 में तय हुई थी।हैरानी की बात यह है कि बिना विभागीय स्वीकृति के महीनों तक बिजली सप्लाई चलती रही और उपभोक्ता से हर महीने बिल के रूप में मोटी रकम भी वसूली जाती रही। इससे यह आशंका गहराती जा रही है कि मामला केवल लापरवाही नहीं, बल्कि एक बड़े घोटाले का हिस्सा है।
प्रलोभन देकर दबाने की कोशिश
जैसे ही क्षेत्र के कुछ जागरूक नागरिकों को इस गड़बड़ी की भनक लगी, उन्होंने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को देनी शुरू कर दी। इसके जवाब में संबंधित लाइनमैन और कर्मचारियों ने उन्हें प्रलोभन देना शुरू किया ताकि मामला उजागर न हो। जब जानकारों ने प्रलोभन ठुकरा दिया, तो लीपापोती के प्रयास तेज कर दिए गए और अधिकारियों के दरवाजों पर चक्कर लगने लगे।अब देखना यह है कि जांच कितनी निष्पक्ष होती है और इस अनियमितता के लिए जिम्मेदार लोगों पर कब कार्रवाई होती है।
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