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Lakhimpur Kheri News: कर्मचारियों की छंटनी से धौरहरा क्षेत्र में बिजली व्यवस्था हुई चौपट, आमजन के साथ जेई और लाइनमैन भी बेहाल पावर हाउस से हटाए गए हेल्पर

Lakhimpur Kheri News: धौरहरा पावर हाउस में ऐरा, बसंतापुर, अदलिशपुर, ईसानगर, परौरी, कफारा और परसा फीडर शामिल हैं। पहले इन फीडरों पर 23 कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें से 11 को हटा दिया गया है।

Sharad Awasthi
Published on: 26 July 2025 1:16 PM IST
Lakhimpur Kheri News: कर्मचारियों की छंटनी से धौरहरा क्षेत्र में बिजली व्यवस्था हुई चौपट, आमजन के साथ जेई और लाइनमैन भी बेहाल पावर हाउस से हटाए गए हेल्पर
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Dhaurahara electricity crisis

Lakhimpur Kheri News: जहाँ एक ओर शासन द्वारा शहरों से लेकर गांवों तक बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्ती बरती जा रही है, वहीं दूसरी ओर वर्षों से संविदा या आउटसोर्स पर तैनात अनुभवी लाइनमैन और कर्मचारियों की अचानक छंटनी ने पूरे क्षेत्र की बिजली व्यवस्था को चरमरा दिया है। इससे न केवल आम जनता परेशान है, बल्कि जेई और बचे हुए कर्मचारी भी बुरी तरह बेहाल हो गए हैं।

धौरहरा, ईसानगर और खमरिया क्षेत्र की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। बिजली विभाग में वर्षों से कार्यरत अनुभवी लाइनमैन और हेल्परों की बड़ी संख्या में छंटनी के बाद बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो गई है। कहीं पूरे दिन तो कहीं 24 घंटे बाद भी लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है। आमजन त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और विभाग के पास समाधान नहीं दिख रहा है।

धौरहरा पॉवर हाउस के सात फीडरों पर काम संभालने वाले कर्मचारियों की स्थिति

धौरहरा पावर हाउस में ऐरा, बसंतापुर, अदलिशपुर, ईसानगर, परौरी, कफारा और परसा फीडर शामिल हैं। पहले इन फीडरों पर 23 कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें से 11 को हटा दिया गया है। अब केवल 12 कर्मचारी बचे हैं, जो लगभग 50-60 किलोमीटर क्षेत्र में बिजली व्यवस्था को सुचारू रखने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसे में नियमित कार्य करना बेहद मुश्किल हो गया है।

खमरिया-बेल्तुआ पॉवर हाउस की स्थिति भी चिंताजनक

खमरिया, कटौली, ईसानगर और बेल्तुआ फीडरों को देखने के लिए पहले 18 कर्मचारी थे, जिनमें से 5 को हटा दिया गया है। अब 13 कर्मचारी ही पूरे क्षेत्र का कार्यभार संभाल रहे हैं। इससे जेई समेत सभी कर्मचारी भारी दबाव में काम कर रहे हैं।

धौरहरा टाउन की स्थिति

धौरहरा टाउन में पहले 21 कर्मचारी थे, जिनमें से 4 को हटा दिया गया है। अब बचे 17 कर्मचारियों में से अधिकांश बिल वसूली व अन्य कार्यों में लगे हुए हैं, जिससे फील्ड वर्क बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बताया जाता है कि दिन में केवल 3 और रात में मात्र 1 कर्मचारी ही बिजली लाइन संभालने के लिए मौजूद रहता है।

हेल्परों की छंटनी से पावर हाउस पर संकट

पावर हाउस में एसएसओ के साथ पहले एक-एक हेल्पर तैनात था, जिनको भी हटा दिया गया है। इससे एसएसओ को न केवल कॉल रिसीव करनी पड़ रही है, बल्कि फीडर की लाइन चालू और बंद करने में भी भारी दिक्कत आ रही है। जानकारी के अनुसार धौरहरा पावर हाउस में एसएसओ सुनील मौर्या, सुनील कुमार और विनय पांडेय तैनात हैं। पहले इनके साथ एक-एक हेल्पर कार्यरत थे, लेकिन अब उनके हटने के बाद स्थिति और बिगड़ गई है।

बेल्तुआ पावर हाउस की स्थिति भी ऐसी ही है, जहाँ तीनों हेल्परों को हटाए जाने के बाद एसएसओ बंशी सहित अन्य कर्मी परेशान हैं।

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Shalini Rai

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