Lakhimpur Kheri News: चार माह से बंद पड़े रेलवे ट्रैक पर दौड़ा इंजन, सीमा पर एसएसबी ने किया गश्त

Lakhimpur Kheri News: भीरा-पलिया ट्रैक पर बाढ़ के बाद बंद रेल संचालन की बहाली शुरू, इंजन से लाइन टेस्ट सफल रहा, नवंबर से ट्रेनों के चलने की उम्मीद।

Sharad Awasthi
Published on: 2 Nov 2025 9:58 PM IST
Engine runs on railway track closed for four months, SSB conducted on border last
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चार माह से बंद पड़े रेलवे ट्रैक पर दौड़ा इंजन, सीमा पर एसएसबी ने किया गश्त (Photo- Newstrack)

Lakhimpur Kheri News: पलियाकलां-खीरी। जून लास्ट में शारदा नदी से आई बाढ़ के पानी से भीरा पलिया के बीच अतरिया के पास रेल ट्रैक में रिसाव शुरू हो गया था जिसके बाद ट्रैक पर रेलवे का संचालन बंद कर दिया गया था। करीब चार माह तक रेल सेवा बंद होने के बाद रविवार को मैलानी नानपारा रेल प्रखंड पर पलिया तक इंजन से संटिंग कर लाइन की मजबूती को परखा गया। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस ट्रैक पर चार नवंबर से ट्रेनों के चलने की संभावना जताई जा रही है।

जुलाई में बाढ़ के पानी से कट गया था रेलवे ट्रैक

मैलानी नानपारा रेलप्रखंड पर करीब चार माह से रेल संचालन बहाल नहीं हो सका है। नानपारा मैलानी रूट पर बिहारी और पूरब के लोगों की बेल्ट रहती है। इस बार दिवाली और छठ पर्व में इन लोगों को ट्रेन का सहारा नहीं मिल सकेगा। मैलानी नानपारा रेलप्रखंड पर बाढ़ के पानी का रेल ट्रैक के नीचे रिसाव होने की वजह से 29 जून से मीटरगेज ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। रेलवे ने 30 अक्टूबर तक ट्रेन संचालन रद्द कर रखा है। इसके चलते खीरी बहराइच के बीच तीन जोड़ी ट्रेने बंद पड़ी हुईं हैं। इससे बिहार, गोरखपुर सहित तमाम जगहों को जानें वाले यात्रियों को रेल का सहारा नही मिल पा रहा है।

लगातार क्षेत्रवासी कर रहे थे ट्रेन चलाने की मांग।

ट्रेनों के बंद होने के चलते मैलानी, पलिया, भीरा सहित जिला के लोगों का ट्रेन से पड़ोसी जिला बहराइच नहीं जा पा रहे हैं। करीब चार माह तक रेल सेवा बंद होने के बाद रविवार को मैलानी नानपारा रेल प्रखंड पर पलिया तक इंजन से संटिंग कर लाइन की मजबूती को परखा गया। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस ट्रैक पर चार नवंबर से ट्रेनों के चलने की संभावना जताई जा रही है

दुधवा टाइगर रिजर्व में सैलानियों ने किया भ्रमण

पलियाकलां (लखीमपुर): दुधवा टाइगर रिजर्व में भ्रमण करने लखनऊ व दिल्ली से आए सैलानियों को किशनपुर क्षेत्र के साध दुधवा में भी बाघ के दीदार हुए। बाघ को देख सैलानी रोमांचित हो उठे। रविवार को सुबह की शिफ्ट में किशनपुर पहुंचे सैलानियों को बाघ दिखाई दिया। दिल्ली से आए महेश गुरुम व उनके परिवार को झादी ताल जाते समय बाघ दिखाई दिया। बाघ को देख पर्यटक रोमांचित हो उठे। सभी लोगों ने बाघ दिखने के नजारे को अपने कैमरों में कैद किया। उधर दुधवा में रविवार की पहली शिफ्ट में सैलानियों को बाघ दिखा।

लखनऊ से दुधवा भ्रमण करने आए गुरमेल सिंह को सलूकापुर जाते समय बाघ दिखा। बाघ को नजदीक से देख कर वे लोग आवाक रह गए। पहले तो उन्हें डर लगा पर कुछ क्षण बाद जब समझ में आया तो उसका फोटो खींचने का प्रयास किया लेकिन तब तक बाघ दूर जा चुका था। पर्यटन सत्र के पहले दिन शनिवार को किशनपुर सेंचुरी व दुधवा पार्क में पर्यटकों को बाघ के दीदार नहीं हुए थे। आज बाघ दिखने से पर्यटक काफी खुश नजर आए। इसके साथ ही नकौवा नाले पर पर्यटकों को मगरमच्छ भी दिखा। बफरजोन की भीरा रेंज में भी पर्यटकों को बाघ दिखाई दिया है।

सीमा पर एसएसबी ने नेपाल एपीएफ के साथ किया गश्त

पलियाकलां-खीरी। एसएसबी कमांडेंट रविन्द्र कुमार राजेश्वरी के दिशा निर्देशन में 39वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल की चौकी सूंड़ा, सौनहा द्वारा नेपाल एपीएफ व 34वीं वाहिनी की सीमा चौकी फुलवारी व ललीपुर के साथ भारत नेपाल सीमा पर संयुक्त गश्त किया गया। इस दौरान दोनों देशों के सीमा बलों ने सीमा क्षेत्र में समन्वय व आपसी सहयोग को सुदृढ़ करने, सीमा पार अपराधों की रोकथाम तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के संयुक्त प्रयास किए।


इस गश्त का उद्देश्य सीमा क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखना, सीमावर्ती नागरिकों में सुरक्षा की भावना को सुदृढ़ करना तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था।

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