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Apna Morcha News: अनुप्रिया पटेल पर गंभीर आरोप: 'अपना मोर्चा' ने कहा - कुर्सी की चाहत में बिरादरी से विश्वासघात, दल बना पति-पत्नी प्राइवेट लिमिटेड
Apna Morcha News: मोर्चा ने घोषणा की है कि पिकनिक स्पॉट रोड, फरीदी नगर, लखनऊ स्थित कुर्मी क्षत्रिय भवन में एक बैठक में आगे की योजना पर विचार किया जाएगा।
Apna Morcha News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 जुलाई 2025 को 'अपना मोर्चा' के संयोजक और सदस्यों ने मीडिया से मुखातिब होते हुए अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मोर्चा के संयोजक चौधरी ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने कहा कि अनुप्रिया पटेल ने बिरादरी से विश्वासघात किया है और अब कार्यकर्ता दल की कमान संभालेंगे, क्योंकि 'अपना दल (एस)' एक 'पति-पत्नी प्राइवेट लिमिटेड' बनकर रह गया है।
चौधरी ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने कहा कि लम्बे विमर्श के बाद 'अपना मोर्चा' का गठन किया गया है और यही अब अपना दल (सोनेलाल) के कार्यकर्ताओं की अधिकृत आवाज है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिसे वे कमेरा समाज का भरोसेमंद चेहरा समझ रहे थे, वह श्रीमती अनुप्रिया सिंह पटेल परिवारवादी और उससे कहीं आगे जाकर सिर्फ पतिवादी साबित हुई हैं। उन्होंने कहा, "उनका झूठ कार्यकर्ता जान चुके हैं, मगर अफसोस कि यह सच्चाई साबित होने और समाज तक आने में 10 वर्ष लग गए।"
प्रमुख आरोप और घोषणाएं:
सत्ता के लिए कार्यकर्ताओं से विश्वासघात: मोर्चा का दावा है कि 10 साल तक कार्यकर्ताओं ने अनुप्रिया पटेल को कंधों पर ढोकर सत्ता के दरवाजे तक पहुंचाया, लेकिन अब पति-पत्नी कार्यकर्ताओं को अपमानित कर रहे हैं।
पार्टी का निजीकरण: आरोप है कि अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष सिंह पटेल ने दल को 'मिया-बीवी प्राइवेट लिमिटेड' बना दिया है, जिससे हजारों कार्यकर्ता और कुर्मी समाज के लोग निराश हैं।
विधायकों का समर्थन: मोर्चा ने दावा किया कि दल के 9 मौजूदा विधायक उनके संपर्क में हैं और वे भी बेचैन हैं। दिल्ली की ओर देख रहे हैं और जल्द ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे।
एनडीए पर पुनर्विचार: फिलहाल 'अपना मोर्चा' एनडीए का सदस्य है, लेकिन भविष्य में एनडीए से मिलने वाली विधानसभा-लोकसभा की सीटों पर दावा करने या नहीं करने पर पुनर्विचार करेगा।
'सवाल पूछो-सच जानो यात्रा': मोर्चा कुर्मी मतदाताओं के बीच जाकर 'सवाल पूछो-सच जानो' यात्रा चलाएगा। इस दौरान 10 साल का सच लोगों को बताया जाएगा और समाज से सवाल पूछने व जवाब देने की अपील की जाएगी। मोर्चा का अर्थ किसान-कुर्मी-कमेरा समाज से है, जिसकी लड़ाई 25 साल पहले दल बनाकर शुरू की गई थी।
कुर्मी मुख्यमंत्री की आकांक्षा: मोर्चा का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश में किसान-कुर्मी-कमेरा समाज का कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बने। उन्होंने भाजपा से भी अपील की कि वे अपने कुर्मी कुल के किसी कार्यकर्ता को इस पद के लिए तैयार करें।
संगठन का बिखराव: मोर्चा ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल में भगदड़ मची है और 'अपना दल (सोनेलाल)' के संस्थापक सदस्यों और पुराने कार्यकर्ताओं ने दल छोड़ दिया है। मोर्चा इस बिखराव को रोकना और समाज के सामने सच लाना अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझता है।
अमित शाह से अपील: मोर्चा ने भाजपा नेतृत्व, विशेषकर गृहमंत्री अमित शाह से अपील की है कि वे इस बात का सर्वे कराएं कि किसान-कुर्मी-कमेरा मतदाता किसके साथ हैं, क्योंकि अनुप्रिया पटेल और उनके पति की हरकतों से कुर्मी बिरादरी का राजग से भी मोह भंग हुआ है।
'इमोशनल गेम प्ले' और धोखेबाजी: मोर्चा ने आरोप लगाया कि अनुप्रिया पटेल 10 वर्षों से 'इमोशनल गेम प्ले' कर रही हैं और गलतियों का ठीकरा अपने पति आशीष सिंह पटेल पर फोड़कर खुद बच निकलती हैं।
दल में लोकतंत्र का अभाव: मोर्चा ने सवाल उठाया कि 10 वर्षों में दल का चुनाव क्यों नहीं हुआ और किसी कुर्मी विधायक को दल का अध्यक्ष-कार्यकारी अध्यक्ष क्यों नहीं चुना गया।
संस्थापकों का अपमान: आरोप है कि दल के संस्थापकों में शामिल रहे इंजीनियर बाबू बलिहारी पटेल की जयंती 10 साल में एक बार भी नहीं मनाने दी गई।
झूठे दावों का खंडन: मोर्चा ने कहा कि अपना दल (सोनेलाल) का गठन कार्यकर्ताओं ने मिलकर किया था और 1995 में इसकी स्थापना होने का ढोंग किया जा रहा है, जबकि उस नाम पर कानूनी विवाद है।
आशीष सिंह पटेल का व्यवहार: मोर्चा ने आशीष सिंह पटेल के कथित 'मानसिक व्यवहार' पर भी टिप्पणी की और दावा किया कि दर्जनों ऐसे लोग दल में हैं जो उनके व्यवहार से पीड़ित हैं।
प्रेस ब्रीफिंग में संयोजक चौधरी ब्रजेंद्र प्रताप सिंह पटेल के साथ 'अपना दल बलिहारी' के अध्यक्ष धर्म राज पटेल, 'राष्ट्रीय जनसरदार पार्टी' के राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमंत चौधरी, सदस्य पूर्वांचल विकास बोर्ड अरविंद सिंह पटेल, अपना दल (सोनेलाल) के पूर्व राष्ट्रीय सचिव-किसान नेता केदारनाथ सचान, अपना दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष बच्चा सिंह पटेल, और किसान-नौजवान संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पटेल महेंद्र सिंह शामिल रहे। यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में कुर्मी समुदाय के भीतर बढ़ती बेचैनी और संभावित नए समीकरणों का संकेत दे रही है।
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