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कांग्रेस के दिग्गजों से भिड़ने वाले BJP नेता को कोर्ट के आदेश प मिली सिक्योरिटी, जानिए क्या था मामला
बीजेपी नेता एस. विग्नेश शिशिर को कोर्ट ने 24x7 PSO उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
UP News: सियासत की बिसात पर मोहरें कभी भी चल सकती हैं, और कभी-कभी तो एक छोटी सी चाल भी बड़े भूचाल ला देती है। ऐसा ही कुछ हो रहा है बीजेपी के एक युवा नेता के साथ, जिन्होंने कांग्रेस के दो सबसे बड़े चेहरों, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बेबाक कदम का नतीजा ये हुआ कि अब उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है, जिसके बाद हाई कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।
दरअसल, मामला कुछ यूं है कि बीजेपी नेता एस. विग्नेश शिशिर ने राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा एक बड़ा केस इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर किया है। यह रिट याचिका दाखिल होने के बाद से ही विग्नेश शिशिर और उनके परिवार पर जानलेवा हमले होने लगे, जिसके बाद उन्होंने खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अपनी याचिका में 'Y+' कैटेगरी की सुरक्षा देने की मांग की थी।
कोर्ट ने दिखाया तेज़ी, सरकार से मांगी रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बृज राज सिंह की डबल बेंच ने तत्काल रूप से आदेश दिया कि विग्नेश शिशिर को 24 घंटे की सुरक्षा में एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) दिया जाए। इसके साथ ही, कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि उन्हें Y+ श्रेणी की सुरक्षा कैसे दी जाएगी, इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट 6 हफ्तों के भीतर पेश की जाए। कोर्ट ने साफ कर दिया कि इस रिपोर्ट के बाद ही आगे कोई बड़ा और विस्तृत आदेश पारित किया जाएगा।
राहुल की 'ब्रिटिश नागरिकता' और प्रियंका की उम्मीदवारी पर सवाल
एस. विग्नेश शिशिर ने 28 अगस्त को अपनी याचिका में साफ-साफ कहा कि राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता और प्रियंका गांधी वाड्रा की उम्मीदवारी से जुड़े मामलों की वजह से उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि उन्होंने सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों को ऐसे कई सबूत सौंपे हैं, जिनसे यह साबित होता है कि राहुल गांधी ने 2003 में लंदन में एक कंपनी रजिस्टर्ड कराते समय खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। फिलहाल, इस मामले की जांच सीबीआई की एंटी करप्शन-II शाखा, नई दिल्ली, कर रही है। विग्नेश शिशिर ने यह भी दावा किया कि वह जल्द ही प्रियंका गांधी वाड्रा की लोकसभा सदस्यता को चुनौती देने के लिए भी एक याचिका दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह रही कि विग्नेश शिशिर ने खुद ही कोर्ट में अपनी तरफ से बहस की। उन्होंने बताया कि उन्होंने आयकर, मनी लॉन्ड्रिंग, एनजीओ फंडिंग और आतंकी फंडिंग जैसे कई गंभीर मामलों में जांच एजेंसियों की मदद की है, और इसी कारण उन्हें जान का खतरा है। लंबी सुनवाई के बाद, हाई कोर्ट ने उनकी दलीलों को माना और कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तुरंत सुरक्षा देना बेहद जरूरी है। इसके बाद गृह मंत्रालय को निर्देश दिया गया कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से उन्हें 24x7 एक PSO दिया जाए। यह फैसला बताता है कि अदालतें नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर हैं, खासकर तब जब वे बड़े राजनीतिक मामलों में शामिल हों।
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